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November 28, 2024

हिमाचल: अस्पताल बंद हुआ तो भूख हड़ताल पर बैठेंगे ये बीजेपी MLA, जनता में भी आक्रोश

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हमीरपुर। हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के गृह जिला की जनता सड़कों पर उतर आई है। मामला है राधा स्वामी सत्संग ब्यास चैरिटेबल अस्पताल भोटा के बंद होने की सूचना। अस्पताल प्रबंधन ने इस अस्पताल को पहली दिसंबर से बंद करने की सूचना गेट पर लगा दी है। जिसके बाद से आस पास की पंचायतों के लोगों में भारी आक्रोश है। लोग सड़कों पर उतर आए हैं और धरना प्रदर्शन के साथ सुक्खू सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं।

किस बात का टैक्स मांग रही सुक्खू सरकार

प्रदर्शन कर रहे लोगों ने सुक्खू सरकार से मांग की है कि सरकार इस विषय पर ध्यान दे और इस चैरिटेबल अस्पताल को बंद करने के फैसले को वापस लिया जाए, ताकि हमीरपुर के साथ लगती पंचायतों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिलती रहे। इस दौरान प्रदशर्न कर रही महिलाओं ने सुक्खू सरकार पर जमकर हमला भी बोला। महिलाओं का कहना है कि कांग्रेस सरकार इस अस्पताल से किस तरह का टैक्स मांग रही है, जबकि इस अस्पताल में गरीबों का मुफ्त इलाज होता है। यह भी पढ़ें : हिमाचल में एक और माफिया: लकड़ी से भरे 15 वाहन पकड़े, रैकी करने वाले भी धरे

भूख हड़ताल पर जाएंगे विधायक लखनपाल

जनता के इस धरने में बड़सर के बीजेपी विधायक इंद्रदत्त लखनपाल भी शामिल हो गए हैं। उन्होंने धरने में पहुंचकर लोगों का समर्थन किया और कहा कि वह इस लड़ाई में पूरी तरह से जनता के साथ हैं। यह भी पढ़ें : हिमाचल : दो हफ्ते पहले ही गांव आया था राजू, अब झाड़ियों में पड़ी मिली देह विधायक इंद्रदत्त लखनपाल ने कहा कि यह अस्पताल गरीबों के लिए जीवन रेखा है। इसे बंद करना अन्याय है और मैं इसे किसी भी कीमत पर बंद नहीं होने दूंगा। यदि सरकार ने दो दिन के भीतर इस अस्पताल को बंद करने के निर्णय को वापस नहीं लिया, तो आम जनता के साथ भूख हड़ताल शुरू करूंगा। यह भी पढ़ें : हिमाचल : 12 साल के बच्चे को आया हार्ट अटैक, नहीं बच पाई जा.न

क्यों बंद हो रहा चैरिटेबल अस्पताल भोटा

बता दंे कि 45 बिस्तर की सुविधा वाले राधा स्वामी चैरिटेबल हॉस्पिटल भोटा में आसपास के लोगों का मुफ्त इलाज होता है। ब्यास प्रबंधन अब इस अस्पताल को अपग्रेड करने की योजना बना रहा है। जिसके लिए उसने सरकार से जमीन को महाराज जगत सिंह रिलीफ सोसायटी के नाम हस्तांतरित करने का आग्रह किया था। यह भी पढ़ें : हिमाचल में आधी रात को दहक उठी झोपड़ी, खाक हो गया व्यक्ति क्योंकि अस्पताल को अपग्रेड करने के लिए मशीनरी और अन्य उपकरणों को खरीदना पड़ेगा। लेकिन इस मशीनरी और उपकरणों को खरीदने के लिए जीएसटी के रूप में ही करोड़ों का खर्च आ जाएगा।

25 सालों से कर रहा मुफ्त इलाज

बता दें कि चैरिटेबल अस्पताल भोटा पिछले 25 साल से लोगों का मुफ्त इलाज कर रहा है। इस अस्पताल में आसपास की 25 से 30 पंचायतों के लोगों को मुफ्त स्वास्थ्य लाभ मिलता है। लेकिन अब अस्पताल के गेट पर प्रबंधन ने एक नोटिस बोर्ड लगा दिया है, जिसमें साफ तौर पर लिखा गया है कि यह अस्पताल पहली दिसंबर से बंद हो जाएगा। जिसके चलते लोगों में काफी गुस्सा है और लोग सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं।

मौखिक नहीं लिखित पर विश्वास करते हैं नए बाबा

पूर्व कर्मचारी रविन्द्र खन्ना ने बताया कि नए बाबा किसी कंपनी में सीईओ रहे हैं और अब उन्होंने न्यास का कामकाज संभालना है। नए बाबा ने कहा है कि सुक्खू सरकार के मौखिक बात पर विश्वास नहीं है और हमें लिखित तौर पर लिख कर दिया जाए। यह भी पढ़ें : हिमाचल : पहले उजड़ा सुहाग, अब बेटे ने की कोख सूनी- महिला पर टूटा दुखों का पहाड़

30 तक जारी रहेगा धरना

रविन्द्र खन्ना के साथ साथ स्थानीय लोगों ने कहा कि यह धरना प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा। 30 नवंबर तक धरने को जारी रखा जाएगा और सरकार से इसको लेकर अपील की जाएगी। अगर फिर भी मांग नहीं मानी जाती है तो दोनों गेट पर पहली दिसंबर को लोग बैठ जाएंगे और सामान को और स्टाफ को नहीं जाने देंगे। यह भी पढ़ें : सुक्खू सरकार में गजब की जॉब- मंत्रियों की तारीफों के पुल बांधने पर मिलेगी इतनी सैलरी
सीएम सुक्खू ने दिया हैलैड सीलिंग एक्ट में संशोधन का आश्वासन
बता दें कि चैरिटेबल अस्पताल भोटा का कई सालों से करोडों रुपए का जीएसटी लंबित पड़ा है। जिसके कारण अस्पताल की जमीन राधास्वामी सोसाइटी के पास हस्तांतरित नहीं हो पाई है। जिससे अब अस्पताल में अपग्रेडेशन का काम रूका है। वहीं, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जमीन हस्तांतरण मामले में जल्द लैड सीलिंग एक्ट में संशोधन करने का आश्वासन दिया है। वहीं, बुधवार को भी भोटा अस्पताल के बंद होने के खिलाफ लोगों ने सड़कों पर उतरकर धरना प्रदर्शन किया।

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