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September 12, 2024

कल नोटिस, आज कार्रवाई...ओशिन शर्मा सहित 4 HAS पर गिरी विभाग की गाज

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शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने जहां सात एचएएस अधिकारियों के तबादला आदेश जारी किए हैं, वहीं ओशिन शर्मा सहित चार एचएएस अधिकारियों पर भी कार्रवाई की गई है। एचएएस अधिकारी ओशिन शर्मा सहित अन्य कई अधिकारियों को अपने काम में लापरवाही बरतने पर बीते रोज ही नोटिस जारी किया गया था।

ओशिन शर्मा पर गिरी सरकार की गाज

बीते रोज जहां सरकार ने इन अधिकारियों को नोटिस जारी किया था, वहीं आज ओशिन शर्मा सहित चार एचएएस अधिकारियों को कार्मिक विभाग में रिपोर्ट करने के आदेश दिए गए हैं। सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाली ओशिन शर्मा इस समय मंडी जिला के संधोल में तहसीलदार के पद पर कार्यरत थी। उन्हें सरकार ने अपने काम में लेटलतीफी के लिए बीते रोज ही नोटिस जारी किया था।

ओशिन सहित इन्हें मिले कार्मिक विभाग में रिपोर्ट करने के आदेश

ओशिन शर्मा के साथ साथ तीन अन्य एचएएस अधिकारियों जिसमें आश्रय शर्मा, शिखा और मोहित रत्न को कार्मिक विभाग में रिपोर्ट करने को कहा गया है। इसके बाद इन अधिकारियों को किसी अन्य स्थान पर पोस्टिंग दी जाएगी। इसके अलावा प्रदेश सरकार ने आज सात एचएएस अधिकारियों के तबादला आदेश भी जारी किए हैं। ओशिन शर्मा की जगह पर विपन कुमार को भेजा गया है। यह भी पढ़ें: संजौली प्रदर्शन का मंडी में असर: मुस्लिम समुदाय ने खुद उठाया फावड़ा, तोड़ रहे अवैध ढांचा

सात HAS अधिकारियों के तबादला आदेश

प्रदेश की सुक्खू सरकार ने आज सात एचएएस अधिकारियों के तबादला आदेश जारी किए हैं। जिसमें दीक्षित राणा को एसी कम बीडीओ काजा से एसी कम तहसीलदार चंबा भेजा गया है। इसी तरह से ओशिन शर्मा की जगह विपन कुमार को एसी कम बीडीओ घुमारवीं से एसी कम तहसीलदार संधोल लगाया गया है। अभिषेक बरवाल को एसी कम बीडीओ पूह से एसी कम तहसीलदार परागपुर बदला गया है।

कौन होगा कांगड़ा में तहसीलदार

इसी तरह से सरकार ने चिराग शर्मा को एसी कम बीडीओ संगड़ाह से एसी कम तहसीलदार सलूणी भेजा है। वहीं अमनदीप सिंह को एसी कम बीडीओ आनी से एसी कम तहसीलदार इंदौरा तथा पूजा अधिकारी को एसी कम बीडीओ बड़ोल को एसी कम तहसीलदार कांगड़ा के पद पर तैनाती दी गई है। यह भी पढ़ें: ब्राह्मण युवती ने अपनाया इस्लाम, मंत्र की जगह पढ़ रही आयतें

क्यों जारी किया था ओशिन शर्मा को नोटिस

बता दें कि हिमाचल प्रदेश की बहुचर्चित एचएएस अधिकारी ओशीन शर्मा से उनके जिले के डीसी खुश नहीं हैं। इसी के चलते ओशीन शर्मा समेत कई अधिकारियों को डीसी की तरफ से काम में देरी करने को लेकर नोटिस जारी किया गया है। बताया जा रहा है कि ओशिन शर्मा के कामों में कई तरह की त्रुटियां पाई गई हैं। जिसके चलते धर्मपुर के एसडीएम जोगिंदर पटियाल ने ओशिन को नोटिस जारी किया था। यह भी पढ़ें: लाठीचार्ज के खिलाफ शिमला में फिर नारेबाजी, सरकार और पुलिस के खिलाफ रोष

एसडीएम धर्मपुर ने जारी किया था नोटिस

नोटिस में ओशिन शर्मा से काम में देरी और सही ढंग से कर्तव्य न निभाने को लेकर जवाब तलब किया गया था। एसडीएम ने नोटिस में प्रशासनिक और जनहित के कामों में देरी को लेकर नाराजगी जताई थी। ओशिन शर्मा इस वक्त मंडी के संधोल में तहसीलदार हैं। यह भी पढ़ें: संजौली अवैध मस्जिद निर्माण में CM रहते जयराम ने की थी 12 लाख रुपए की मदद ! बता दें कि कुछ समय पहले डीसी मंडी अपूर्व देवगन ने जब उनके काम की समीक्षा की थी। तब खुलासा हुआ कि ओशिन के कई प्रशासनिक कार्य समय पर नहीं किए जा रहे। इससे आम जनता भी परेशान है। जिसके बाद उन्होंने एसडीएम को कार्रवाई के लिए आदेश दिए थे।

सोशल मीडिया पर लोग कस रहे तंज

सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहने वाली ओशीन को नोटिस दिए जाने की खबर सामने आने के बाद हर तरफ इस मामले को लेकर चर्चा हो रही है और उन पर जुमले भी कसे जाने लगे हैं। कई सारे मीडिया संस्थानों ने इस खबर को कवर करते हुए ओशीन द्वारा अधिक सोशल मीडिया यूज किए जाने की बात को मुद्दा बनाया है। यह भी पढ़ें: भीड़ हटाने के लिए हुआ लाठीचार्ज, घायल करने की मंशा नहीं थी- विक्रमादित्य सिंह

काफी तगड़ी है सोशल मीडिया फॉलोइंग

आपको बता दें कि 2020 बैच की HAS ऑफिसर ओशिन शर्मा के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काफी फैन फॉलोइंग है। फेसबुक पर 2 लाख 95 हजार औप यू-ट्यूब पर करीब 60 हजार और इंस्टाग्राम पर करीब साढ़े तीन लाख फॉलोअर्स हैं। यह भी पढ़ें: संजौली में हुए लाठीचार्ज में कई प्रदर्शनकारी घायल- दर्जनों हिंदू नेता गिरफ्तार!

अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर काफी एक्टिव रहती हैं ओशीन

अपने यू-ट्यूब चैनल और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर ओशीन शर्मा प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित और अपने निजी जीवन से जुड़े प्रेरक वीडियोज आए दिन पोस्ट करती रहती हैं, जो काफी वायरल भी होते हैं। मगर अब इसी सोशल मीडिया बाजी के चलते ओशीन शर्मा के काम को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। यह भी पढ़ें: शिमला और जन-आंदोलनों का इतिहास: जानें कब-कब बागी हुए शिमलावासी बहरहाल, हर अधिकारी या कर्मचारी के जीवन में ऐसे कई सारे मौके आते हैं, जब उनके काम को लेकर सवाल उठाए जाते हैं या फिर उन्हें गलत ठहराया जाता है। अब यही मौके ओशीन शर्मा के करियर में भी आया है।

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