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September 23, 2024

हिमाचल सरकार की नई योजना: इन छात्रों को विदेश में मिलेगा पढ़ाई का मौका

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शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के सपनों को साकार करने के लिए डॉ. वाईएस परमार ऋण योजना का विस्तार किया है। इस योजना के अंतर्गत वे छात्र जो विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं, अब आर्थिक तंगी के कारण बाधित नहीं होंगे।

ऋण की विशेषताएं

बता दें कि डॉ. वाईएस परमार ऋण योजना का मुख्य उद्देश्य उन छात्रों की मदद करना है जो धन की कमी से जूझ रहे हैं। इस योजना के तहत, पात्र हिमाचली छात्रों को केवल एक प्रतिशत ब्याज दर पर शैक्षिक ऋण प्रदान किया जाएगा। इससे यह स्पष्ट होता है कि सुक्खू सरकार सभी वर्गों को उच्च शिक्षा प्रदान करने के प्रति गंभीर है। यह भी पढ़ें: हिमाचल : 14 साल की लड़की को तंग करता था गांव का युवक, मिली ऐसी सजा

लाभार्थियों के लिए प्रक्रिया

छात्र किसी भी शेड्यूल बैंक से 20 लाख रुपये तक का ऋण ले सकते हैं। सरकार ने जिला स्तर पर एक कोष स्थापित करने का निर्णय लिया है, जिसे जिला कलेक्टर की देखरेख में संचालित किया जाएगा। यदि किसी छात्र को तात्कालिक वित्तीय सहायता की आवश्यकता होती है, तो पहली किस्त तुरंत जारी की जाएगी। इसके अलावा, योजना के प्रभावी संचालन के लिए एक शिकायत निवारण अधिकारी भी नियुक्त किया जाएगा। यह भी पढ़ें: हिमाचल : जवान बेटे के जाने का गम ना झेल पाया फॉरेस्ट गार्ड, छोड़ गया दुनिया

पात्रता मानदंड

मुख्यमंत्री सुक्खू ने बताया कि इस योजना के लिए सरकार ने 200 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है। योजना का लाभ उन परिवारों को मिलेगा जिनकी वार्षिक आय चार लाख रुपये से कम है। छात्र की ट्यूशन फीस, रहने की सुविधा, किताबें और अन्य संबंधित खर्चे इस योजना में शामिल होंगे। इसके अलावा, छात्र को पिछली कक्षा में न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य है और उसकी उम्र किसी भी कोर्स में प्रवेश से पहले 28 वर्ष से कम होनी चाहिए। यह भी पढ़ें: हिमाचल के इन जिलों में बढ़ी पर्यटकों की आमद, जानें क्यों लोग खींचे चले आ रहे हैं?

शिक्षा के क्षेत्र में विविधता

यह योजना व्यावसायिक और तकनीकी शिक्षा संबंधी पाठ्यक्रमों, जैसे इंजीनियरिंग, चिकित्सा, प्रबंधन, नर्सिंग, फार्मेसी, विधि आदि में डिप्लोमा और डिग्री के लिए इच्छुक छात्रों के लिए लाभदायक होगी। इसके साथ ही आईटीआई, पॉलिटेक्निक और पीएचडी करने वाले छात्र भी इस योजना का लाभ ले सकेंगे। बता दें कि सीएम सुक्खू का यह प्रयास प्रदेश में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने और सभी वर्गों तक पहुंच सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना से न केवल आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को लाभ होगा, बल्कि यह शिक्षा के क्षेत्र में एक नया आयाम भी स्थापित करेगी।

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