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September 3, 2024

कर्मचारियों को क्यों नहीं मिला वेतन और पेंशन, सामने आई बड़ी वजह

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शिमला। हिमाचल प्रदेश में वितीय संकट को लेकर प्रदेश में बबाल मचा हुआ है। हिमाचल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि महीने की 3 तारीख होने के बावजूद सरकारी विभागों के कर्मचारियों को सैलरी और पेंशनरों को पेंशन नहीं मिल पाई है। दरअसल, माना जा रहा है कि कर्ज लेकर वेतन देने और इस पर पड़ने वाले ब्याज से बचने के लिए वित्तीय प्रबंधन किया जा रहा है।

कब मिलेगा वेतन और पेंशन?

सूत्रों के अनुसार, कर्मचारियों और पेंशनरों को वेतन और पेंशन का भुगतान 5 सितंबर या उसके बाद ही किया जाएगा। हालांकि, कर्मचारियों और पेंशनरों के वेतन और पेंशन को लेकर सुक्खू सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। यह भी पढ़ें: पहली बार विधानसभा पहुंची कमलेश ठाकुर: CM सुक्खू के साथ में हुआ स्वागत

क्यों नहीं मिला वेतन और पेंशन?

वित्त विभाग के सूत्रों का कहना है कि हर महीने कर्ज लेकर वेतन-पेंशन देने की प्रथा को स्थगित करने के लिए ऐसा किया गया है। उनका कहना है कि अगर कर्ज लेकर कर्मचारियों को वेतन और पेंशनरों को पेंशन दी जाएगी तो सरकार को महीने का तीन करोड़ रुपए ब्याज देना पड़ेगा।

नेता प्रतिपक्ष ने उठाए कई सवाल

वहीं, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि आज 3 तारीख होने के बावजूद कर्मचारियों के खाते में सैलरी और पेंशनरों को पेंशन नहीं आई है। जबकि, CM सुक्खू कभी कह रहे हैं कि आर्थिक संकट है और कभी कह रहे हैं कि आर्थिक संकट नहीं है। अगर आर्थिक संकट नहीं है तो कर्मचारियों को सैलरी क्यों नहीं आई। यह भी पढ़ें: नकली ADG बनकर शातिर कर रहा था ठगी, DGP हिमाचल की सास निकली महिला

कांग्रेस की खटाखट गारंटियों की खुली पोल

जयराम ठाकुर ने कहा कि विपक्ष ने इसी को लेकर सदन में चर्चा मांगी थी, लेकिन सरकार गंभीर नहीं है। हिमाचल प्रदेश में आर्थिक संकट पैदा हो गया है और विपक्ष इसको लेकर गंभीर है। गारेंटी पूरी करने के चक्कर में अब कर्मचारियों को सैलरी तक नहीं मिल रही है जो कि हिमाचल के भविष्य के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्ष विधायक दल ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंप कर दखल की मांग की है। BJP कांग्रेस की खटाखट गारंटियों का चुनावी राज्यों में भी पोल खोलेगी।

प्रदेश में नहीं है आर्थिक संकट

उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले CM सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा था कि प्रदेश में कोई आर्थिक संकट नहीं है। प्रदेश में वित्तीय अनुशासन को बनाए रखने के लिए मंत्रियों, CPS और विधायकों के वेतन और भत्तों को दो महीने आगे विलंबित किया गया है। मगर अब सवाल यह उठता है कि क्या मंत्रियों, सीपीएस के दो माह के वेतन से क्या कर्मचारियों और पेंशनरों की पेंशन का बंदोबस्त हो जाएग। अगर ऐसा नहीं होता है तो कर्मचारियों और पेंशनरों को इस माह वेतन और पेंशन के लिए इंतजार करना पड़ सकता है। यह भी पढ़ें: हिमाचल: घर से काम पर गया था पवन, करंट के झटके ने छीन ली जिंदगी आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश के बिजली बोर्ड, MC शिमला व HPU के कर्मचारियों और पेंशनरों को वेतन-पेंशन बीते कल दे दिया गया है। सुक्खू सरकार अन्य कर्मचारियों और पेंशनरों को वेतन और पेंशन का भुगतान 5 सितंबर या उसके बाद ही करेगी।

कर्मचारियों को झेलना पड़ रहा नुकसान

वहीं, कर्मचारियों ने CM सुक्खू से मिलकर जल्द सैलरी देने का अनुरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों ने बैंकों से लोन ले रखा है। ऐसे में बैंक लोन की किश्ते 2 से 5 तारीख के बीच काटता है। सैलरी समय से ना मिलने के कारण कर्मचारियों को नुकसान झेलना पड़ रहा है। यह भी पढ़ें: हिमाचल का बेटा बना पायलट, माता-पिता का सपना किया पूरा

रविवार को भी मिलती थी सैलरी पेंशन

गौरतलबा है कि सिंतबर माह की शुरूआत रविवार से हुई थी। इसलिए कर्मचारियों और पेंशनरों को उम्मीद थी कि सोमवार यानी दो तारीख को उनका वेतन और पेंशन उन्हें मिल जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब आज 3 तारीख को भी उन्हें वेतन नहीं मिला है। एक तारीख को अगर रविवार आ रहा होता था तो सरकार शनिवार को ही ट्रैजरी में सैलरी-पेंशन डाल देती थी और रविवार को सैलरी-पेंशन क्रेडिट हो जाती थी। मगर इस बार आर्थिक संकट से जूझ रही सरकार कर्मचारियों और पेंशनरों को वेतन और पेंशन 3 तारीख तक भी नहीं दे पाई है।

वेतन पेंशन के लिए चाहिए 2 हजार करोड़

  • हिमाचल में करीब दो लाख सरकारी कर्मचारी हैं।
  • प्रदेश में एक लाख 89 हजार के करीब पेंशनर हैं।
  • कर्मचारियों के वेतन और पेंशनरों की पेंशन पर हर महीने खर्च होते हैं 2 हजार करोड़ रुपए
  • सोमवार को कर्मचारियों और पेंशनरों के खाते में ट्रेजरी को डालनी है यह रकम
  • ट्रेजरी के पास नहीं हैं इतने पैसे
  • शनिवार और छुट्टी के दिन रविवार को सरकार से लेकर अधिकारी इन पैसों के इंतजाम में रहे व्यस्त।
  • मंत्रियों सीपीएस के वेतन से कैसे भरेगा खजाना

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