शिमला। हिमाचल प्रदेश में 1 अप्रैल 2025 से बिजली की दरों में वृद्धि की संभावना है। राज्य बिजली बोर्ड ने प्रति यूनिट 50 से 70 पैसे की बढ़ोतरी का प्रस्ताव राज्य विद्युत विनियामक आयोग को भेजा है।
बोर्ड ने अपने 300 करोड़ रुपए के घाटे का हवाला देते हुए यह मांग की है। अब आयोग जनसुनवाई के माध्यम से इस प्रस्ताव पर हितधारकों के सुझाव और आपत्तियां प्राप्त करेगा।
बढ़ता जा रहा बोर्ड का राजस्व घाटा
इस वर्ष बिजली दरों में कोई वृद्धि नहीं की गई थी, क्योंकि लोकसभा चुनावों के कारण सरकार ने इसे स्थिर रखा।
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सरकार हर साल बोर्ड को 750 से 1000 करोड़ रुपए की सब्सिडी प्रदान करती है लेकिन इसके बावजूद बोर्ड का राजस्व घाटा बढ़ता जा रहा है। बोर्ड को हर महीने वेतन और पेंशन के लिए लगभग 180 करोड़ रुपए की आवश्यकता होती है।
25 लाख उपभोक्ताओं को लगेगा झटका
घरेलू उपभोक्ताओं को हर महीने 125 यूनिट मुफ्त बिजली देने की योजना ने बोर्ड की वित्तीय स्थिति को और प्रभावित किया है।
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इस कारण बोर्ड ने 2025-26 के लिए बिजली दरें बढ़ाने का प्रस्ताव पेश किया है। हिमाचल प्रदेश के लगभग 25 लाख उपभोक्ताओं को बिजली बोर्ड सेवाएं प्रदान करता है।
दरों में बढ़ोतरी की सिफारिश
पिछले साल 2023-24 में घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट से अधिक खपत पर प्रति यूनिट 22 पैसे और अन्य श्रेणियों के उपभोक्ताओं को 46 पैसे प्रति यूनिट की दर से शुल्क बढ़ाया गया था।
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ये दरें 31 मार्च 2025 तक लागू रहेंगी। हालांकि अब नए वित्तीय वर्ष के लिए बोर्ड ने घाटे को कम करने के उद्देश्य से दरों में बढ़ोतरी की सिफारिश की है।