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September 25, 2024

हाई ब्लड प्रेशर से कमजोर हो सकती है आपकी याद्याश्त, ऐसे करें बचाव

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शिमला। हिमाचल प्रदेश में हाल के वर्षों में हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) जैसी बीमारियों के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है, और यह एक चिंताजनक स्थिति है। पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोग आमतौर पर शारीरिक रूप से सक्रिय होते हैं, लेकिन बदलती जीवनशैली, खानपान और तनाव के कारण हिमाचल जैसे राज्य भी उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों से अछूते नहीं रह गए हैं।

क्या आपको भी है हाई ब्लड प्रेशर?

हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) ना केवल हृदय और रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करता है, बल्कि इसका प्रभाव मस्तिष्क और याद्दाश्त पर भी पड़ सकता है। यह स्थिति आपके संज्ञानात्मक कार्यों (कॉग्निटिव फंक्शन) पर नकारात्मक असर डाल सकती है, जिससे याद्दाश्त कमजोर हो सकती है।

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कैसे हाई ब्लड प्रेशर याद्दाश्त पर असर डालता है?

  • मस्तिष्क को कम रक्त प्रवाह-

उच्च रक्तचाप के कारण मस्तिष्क की छोटी रक्त वाहिकाएं संकीर्ण या क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। इससे मस्तिष्क में रक्त प्रवाह कम हो जाता है, जो मस्तिष्क के विभिन्न हिस्सों में ऑक्सीजन की आपूर्ति को प्रभावित करता है। कम रक्त प्रवाह से मस्तिष्क कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो सकती हैं, जिससे स्मृति और अन्य संज्ञानात्मक क्षमताओं पर असर पड़ सकता है। स्ट्रोक का खतरा- हाई ब्लड प्रेशर स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा देता है। स्ट्रोक मस्तिष्क के उस हिस्से को नुकसान पहुंचाता है जो स्मृति और सीखने के लिए जिम्मेदार होता है, जिससे याद्दाश्त कमजोर हो सकती है। यह भी पढ़ें: हिमाचल : 14 वर्षीय बहन के साथ दो साल से नीचता करता रहा भाई, स्कूल में बिगड़ी तबीयत डिमेंशिया का खतरा- उच्च रक्तचाप का संबंध डिमेंशिया (भ्रमित होना) जैसी बीमारियों से भी है। रिसर्च में पाया गया है कि जिन लोगों का ब्लड प्रेशर लंबे समय तक अनियंत्रित रहता है, उनमें डिमेंशिया का खतरा अधिक होता है, क्योंकि यह मस्तिष्क की संरचना और कार्यक्षमता को प्रभावित करता है। सफेद पदार्थ को नुकसान मस्तिष्क में सफेद पदार्थ तंत्रिका कोशिकाओं को एक-दूसरे से जोड़ता है और संज्ञानात्मक कार्यों को नियंत्रित करता है। उच्च रक्तचाप मस्तिष्क के सफेद पदार्थ को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे निर्णय लेने, ध्यान केंद्रित करने और याद रखने की क्षमता कमजोर हो जाती है। यह भी पढ़ें: हिमाचल में 8वीं पास को मिलेगी नौकरी, भरे जाएंगे 1000 पद, जानें पूरी डिटेल माइक्रो-ब्लीड्स- हाई ब्लड प्रेशर मस्तिष्क में छोटे-छोटे रक्तस्राव (माइक्रो-ब्लीड्स) का कारण बन सकता है, जिससे मस्तिष्क के ऊतकों को नुकसान होता है और स्मृति प्रभावित होती है।

समाधान और रोकथाम-

नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की जांच कराएं और डॉक्टर की सलाह के अनुसार उपचार लें।
  • स्वस्थ आहार का पालन करें, जैसे कम सोडियम और अधिक फल, सब्जियां और साबुत अनाज का सेवन।
  • नियमित व्यायाम करें, जिससे रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
  • तनाव को नियंत्रित करने के लिए ध्यान, योग, और अन्य तनाव प्रबंधन तकनीकों का सहारा लें।
  • धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन न करें, क्योंकि यह ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकते हैं।
समय पर इलाज और जीवनशैली में बदलाव करके उच्च रक्तचाप के प्रभावों को कम किया जा सकता है, जिससे याद्दाश्त और मस्तिष्क के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखा जा सकता है। यह भी पढ़ें: हिमाचल के 11 हजार विद्यार्थियों को नहीं मिली स्कॉलरशिप, जानें क्या रही वजह

क्यों हो रही हाई बल्ड प्रेशर की दिक्कत?

बदलती जीवनशैली-
  • शहरीकरण और तकनीकी प्रगति के साथ जीवनशैली में बदलाव हुआ है। शारीरिक गतिविधियों में कमी, सिटिंग जॉब्स, और आरामदायक जीवनशैली ने लोगों की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाला है।
  • फास्ट फूड और प्रोसेस्ड फूड का सेवन भी बढ़ गया है, जो सोडियम की अधिकता के कारण उच्च रक्तचाप का प्रमुख कारण बन सकता है।
मानसिक तनाव-
  • हिमाचल प्रदेश जैसे शांत और प्राकृतिक स्थानों में भी लोगों को मानसिक तनाव का सामना करना पड़ रहा है। रोजमर्रा की चुनौतियां, नौकरी का तनाव, पारिवारिक जिम्मेदारियां, और आर्थिक समस्याएं उच्च रक्तचाप को बढ़ावा देती हैं।
  • COVID-19 महामारी के बाद भी मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं बढ़ी हैं, जिससे ब्लड प्रेशर से संबंधित समस्याएं भी बढ़ी हैं।
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  • आधुनिक खानपान की आदतें जैसे जंक फूड, तला-भुना खाना, और अधिक नमक का सेवन ब्लड प्रेशर को बढ़ाने में सहायक हो रहा है। परंपरागत पहाड़ी खानपान, जो अधिक पौष्टिक और स्वस्थ हुआ करता था, की जगह अब कई जगहों पर प्रोसेस्ड फूड ने ले ली है।
व्यायाम की कमी-
  • पहले लोग ज्यादातर खेती या अन्य शारीरिक श्रम से जुड़े काम करते थे, लेकिन अब शारीरिक गतिविधियों में कमी आई है। इसके कारण शरीर में फैट और कैलोरी बढ़ने से हृदय से जुड़ी बीमारियां और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा भी बढ़ गया है।
यह भी पढ़ें: हिमाचल : बच्चा गोद देने के नाम पर ठगी, एडवांस में लिए पैसे और फिर मुकरा जलवायु और ऊंचाई-
  • ऊंचाई वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों का ब्लड प्रेशर थोड़ा ज्यादा होना सामान्य होता है, क्योंकि ऑक्सीजन का स्तर कम होने पर हृदय को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। हालांकि, यदि यह स्तर नियंत्रित न हो तो यह गंभीर समस्या का रूप ले सकता है।
धूम्रपान और शराब का सेवन-
  • शराब और तंबाकू का अधिक सेवन भी हिमाचल प्रदेश में हाई ब्लड प्रेशर के बढ़ते मामलों का कारण हो सकता है। धूम्रपान और शराब का सेवन न केवल ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है, बल्कि हृदय और रक्तवाहिनियों पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है।
लोगों में जागरूकता की कमी-
  • उच्च रक्तचाप की समस्याओं के प्रति जागरूकता की कमी के कारण लोग इसका इलाज समय पर नहीं करवा पाते हैं। कई बार इसे गंभीरता से नहीं लिया जाता, जिससे लंबे समय में यह समस्या और भी जटिल हो जाती है।
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