शिमला। हिमाचल प्रदेश में बारिश का कहर लगातार जारी है। तेज बारिश ने जहां एक ओर लोगों की चिंता को बढ़ा दिया है वहीं, मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए ताजा पूर्वानुमान ने भी जनता को परेशानी में डाल दिया है। आपको बता दें कि प्रदेश के 10 जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी है।
इन जिलों में होगी भारी बारिश
मौसम विभाग के ताजा पूर्वानुमान के अनुसार, आज हिमाचल के 10 जिलों में भारी बारिश होगी। जिसमें, चंबा, कांगड़ा, किन्नौर, मंडी, शिमला व सिरमौर में कुछ एक स्थानों पर अचानक बाढ़ आने की चेतावनी भी जारी की गई है। इसके अलावा आम जनता को नदियों और नालों से दूरी बनाने को कहा गया है।
यह भी पढ़ें: हिमाचल-सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्ष, सदन में होगी तीखी नोक-झोंक
बुधवार से मौसम साफ
आज भी प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में बारिश का पूर्वानुमान है। हालांकि बुधवार से मौसम साफ रहने की संभावना जताई गई है। राजधानी शिमला और धर्मशाला में सोमवार को झमाझम बादल बरसे हैं। रात भर बारिश ने कई जिलों में लोगों की दिक्कतों को बढ़ाया है।
109 सड़के यातायात के लिए बंद
हिमाचल प्रदेश में सोमवार को हुई बारिश के बाद से 109 सड़कें बंद पड़ी है। वहीं, बिजली की आपूर्ति भी कई स्थानों पर ठप है। प्रदेश भर में 427 ट्रांसफार्मर खराब हैं। वहीं रोहतांग, शिंकुला व बारालाचा दर्रों पर बीते रोज बर्फबारी हुई है।
यह भी पढ़ें: हिमाचल : सैलरी-पेंशन के लिए इंतजार बरकरार, आज CM से मिलेंगे कर्मचारी नेता
बारिश ने बढ़ाई दिक्कतें
बारिश के कारण जिला किन्नौर के नाथपा में भूस्खलन से 9 घंटे यातायात बंद रहा। हजारों लोगों को एनएच बंद होने से परेशान रहें। हालांकि सुबह 5 बजे इस मार्ग को यातायात के लिए खोल दिया गया।
सामान्य से 23% कम बारिश
जानकारी के अनुसार, इस मानसून में सामान्य से 23 प्रतिशत कम बारिश हुई है। शिमला में इस मानसून सीजन में अब तक 577.7 मिलीमीटर बादल बरस गए है, जो सामान्य से अधिक है। इसके अलावा कोई भी ऐसा जिला नहीं जहां बारिश सामान्य से अधिक बरसे हो।
यह भी पढ़ें: हिमाचल : मणिमहेश यात्रा पर लगी रोक, जानिए अब कब कर पाएंगे दर्शन
शिमला में राहत
लंबे समय से भूसख्लन के कारण बंद चल रहा बालूगंज क्रॉसिंग से बालूगंज चौक तक का मार्ग यातायात हेतु बहाल कर दिया गया है। इस सड़क मार्ग पर सभी प्रकार के वाहनों की यातायात व्यवस्था बहाल कर दी गई है। लगातार हो रही बारिश के बीच सड़क बहाल करने में विभाग को कई चुनौतियों को सामना करना पड़ा था।