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November 20, 2024

CM सुक्खू का बिजली उपभोक्ताओं को झटका, प्रति यूनिट देना होगा दूध-पर्यावरण सेस

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शिमला। हिमाचल प्रदेश के लाखों बिजली उपभोक्ताओं को प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने बड़ा झटका दिया है। एक तरफ सुक्खू सरकार ने जहां बिजली उपभोक्ताओं की सब्सिडी पर कैंची चला दी है। वहीं अब इन बिजली उपभोक्ताओं से सरकार दूध और पर्यावरण सेस वसूल करेगी। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने विधानसभा के मानसून सत्र में पारित हुए विद्युत शुल्क संशोधन अधिनियम 2024 को मंजूरी दे दी है।

दूध और पर्यावरण सेस को राज्यपाल से मिली मंजूरी

राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद अब प्रदेश के 22 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 10 पैसे दूध सेस चुकाना होगा। प्रति यूनिट 10 पैसे सेस बढ़ने से अब बिजली उपभोक्ताओं के बिजली बिल में बढ़ोतरी होगी। हालांकि जिन उपभोक्ताओं का बिजली बिल शून्य आएगा, उनके बिजली बिल में दूध सेस नहीं जोड़ा जाएगा। यानी शून्य बिजली बिल वालांे से दूध सेस नहीं लिया जाएगा। वहीं घरेलू उपभोक्ताओं पर पर्यावरण उपकर भी नहीं लगेगा। यह भी पढ़ें : सुक्खू सरकार को एक और झटका, HPTDC के होटलों को बंद करने का आया फरमान

उद्योगों से 10 पैसे से छह रुपए तक वसूला जाएगा सेस

सुक्खू सरकार पर्यावरण सेस उद्वोगपतियों से वसूल करेगी। इन्हें पर्यावरण के साथ साथ दूध सेस भी देना होगा। प्रदेश के लघु, मध्यम और बड़े उद्योगों के अलावा वाणिज्यिक, स्टोन क्रशर, अस्थायी कनेक्शन, चार्जिंग स्टेशन मालिकों से दूध उपकर के साथ-साथ पर्यावरण उपकर भी लिया जाएगा। इन सभी श्रेणियों को 10 पैसे के दूध उपकर के अलावा पर्यावरण उपकर के तौर पर 2 पैसे से लेकर 6 रुपए प्रति यूनिट सेस चुकाना होगा। यह भी पढ़ें : हिमाचल में कलम चलाने वाले हाथों ने ऐसी दौड़ाई बस, हर कोई रह गया दंग

किसानों की आर्थिकी बढ़ाने और पर्यावरण को बचाने पर खर्च होगा पैसा

बता दें कि हिमाचल की सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने प्रदेश के किसानों की आर्थिकी को मजबूत करने और पर्यावरण को सहेजने के लिए दूध और पर्यावरण सेस लगाने का निर्णय लिया था। मानसून सत्र के दौरान 9 सितंबर को इस विधेयक को सदन में रखा था। जिसके अगले दिन यानी 10 सितंबर को विपक्ष के हंगामे के बीच इस विधेयक को पारित कर दिया गया। जिसके बाद इसे मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजा गया था। अब इस विधेयक को राजयपाल से मंजूरी मिल गई है। यह भी पढ़ें : हिमाचल में हैवी ड्राइवर का कारनामा- NH से उड़ती कार DSP के आंगन में गिरी

पर्यावरण उपकर के लिए उद्योगों को तीन श्रेणियों में बांटा

  • पर्यावरण उपकर लेने के लिए उद्योगों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है। जिसमें लघु उद्योग, मध्यम उद्योग, और बड़े उद्योग शामिल हैं।
  • लघु उद्योगों पर दो पैसे प्रति यूनिट से सेस लिया जाएगा।
  • मध्यम उद्योगों पर चार पैसे प्रति यूनिट सेस चार्ज किया जाएगा।
  • बड़े उद्योगों पर 10 पैसे प्रति यूनिट पर्यावरण सेस लिया जाएगा।
  • वाणिज्यिक उपभोक्ताओं पर 10 पैसे पर्यावरण सेस लगेगा।
  • अस्थायी कनेक्शनों पर दो रुपये और स्टोन क्रशरों पर दो रुपये प्रति यूनिट पर्यावरण उपकर लगेगा।
  • विद्युत वाहन चार्जिंग स्टेशनों से सुक्खू सरकार 6 रुपए प्रति यूनिट उपकर वसूलेगी।

नए नियम बनने के बाद वसूला जाएगा सेस

बता दें कि मानसून सत्र में विद्युत शुल्क संशोधन अधिनियम 2024 को मंजूरी के बाद राज्यपाल के पास भेजा गया था। अब इस विधेयक को राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद इस अधिनियम के नियम बनाए जाएंगे। नियमों के अधिसूचित होने के बाद सुक्खू सरकार बिजली उपभोक्ताओं से दूध और पर्यावरण सेस लेना शुरू कर देगी। यह भी पढ़ें : जुड़वा बच्चों को इंजेक्शन लगवाने आया था दंपत्ति, छिन गई परिवार की खुशियां

तीन प्रकार का सेस लगाने के बाद अब चौथे की तैयारी

बता दें कि हिमाचल की कांग्रेस सरकार इससे पहले शराब की प्रति बोतल पर 10 रुपए गौ उपकर लगा चुकी है। उसके बाद सुक्खू सरकर ने बिजली पर दूध और पर्यावरण सेस लगाया। अब सीएम सुक्खू ने एक और सेस पीके सेस लगाने की घोषणा कर दी है। यह नया पीके सेस शराबियों को निचोड़ेगा। यानी यह पीके सेस भी शराब पर लगाया जाएगा। जिससे एकत्रित पैसे को प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों पर खर्च किया जाएगा।

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