शिमला। हिमाचल प्रदेश में फैल रहे नशे की बीमारी को रोकने के लिए और युवाओं को जागरूक करने के लिए सरकारी भर्ती में पहली बार डोप टेस्ट होगा। प्रदेश में जल्द ही पुलिस की भर्ती शुरू होने वाली है। ये पहला मौका होगा जब पुलिस कांस्टेबल की भर्ती में पहली बार डोप टेस्ट भी जोड़ा जा रहा है।
डोप टेस्ट में फेल तो नहीं मिलेगी नौकरी
बता दें कि प्रदेश के युवाओं के लिए यह एक चेतावनी है कि डोप टेस्ट में फेल हो जाते हैं तो पुलिस की नौकरी नहीं मिलेगी। ऐसे में युवाओं का पुलिस में भर्ती होने का सपना टूट जाएगा। वहीं, सरकार द्वारा युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए एक बेहतरीन कदम भी उठाया जा रहा है।
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1250 पुलिस कांस्टेबल की भर्ती
बता दें कि सुक्खू सरकार 1250 पुलिस कांस्टेबल की भर्ती करने वाली है। जिसके लिए विभाग द्वारा तैयारियां की जा रही है। हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग पद विज्ञापित करेगा। जिसमें महिलाओं का कोटा भी 30 फीसदी किया गया है। पहली बार सौ मीटर की दौड़ भी फिजिकल टेस्ट में शामिल की गई है।
ये युवा होंगे पात्र
पुलिस विभाग में कांस्टेबल के प्रस्तावित 1250 पद संशोधित नियमों के तहत भरे जाएंगे। कैबिनेट की मंजूरी के बाद सामान्य श्रेणी के 18 से 26 साल तक आयु, अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति अन्य पिछड़ा वर्ग, गोरखा, प्रतिष्ठित खिलाड़ी 18 से 28 वर्ष तक और होमगार्ड 20 से 29 वर्ष की आयु तक के कांस्टेबल पद पर भर्ती के लिए पात्र होंगे।
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डोप टेस्ट क्या है?
डोप टेस्ट (Doping Test) एक प्रक्रिया है जिसका उपयोग यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि एथलीट या खिलाड़ी प्रतिस्पर्धा के दौरान किसी प्रकार के निषिद्ध पदार्थों या तरीकों का उपयोग नहीं कर रहे हैं। यह परीक्षण खेलों में निष्पक्षता और ईमानदारी बनाए रखने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
डोप टेस्ट के मुख्य बिंदु
उद्देश्य: एथलीटों में स्टेरॉयड, नशीले पदार्थ, या अन्य अवैध दवाओं की उपस्थिति का पता लगाना।
प्रक्रिया
नमूना संग्रह: आमतौर पर यह मूत्र या रक्त के नमूनों के माध्यम से किया जाता है।
विश्लेषण: नमूनों का परीक्षण लैब में किया जाता है, जहां विभिन्न दवाओं के लिए जांच की जाती है।
निषिद्ध पदार्थ: वर्ल्ड एंटी-डोपिंग एजेंसी (WADA) द्वारा सूचीबद्ध दवाएं और पदार्थ जो एथलेटिक्स में निषिद्ध हैं।
परिणाम: यदि किसी एथलीट के नमूने में निषिद्ध पदार्थ पाए जाते हैं, तो उन्हें सजा का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें प्रतिस्पर्धा से निलंबन और पुरस्कारों की वापसी शामिल हो सकती है।
महत्व: डोप टेस्ट से खेलों में प्रतिस्पर्धा की निष्पक्षता और स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है।