शिमला। आज अगस्त महीने का अंतिम दिन है। कल से सितंबर माह शुरू होने जा रहा है। सितंबर माह के शुरूआत में ही लोगों को महंगाई का जोरदार झटका लगने वाला है। पहले से महंगाई की मार झेल रहे लोगों को अब कल से डिपुओं में भी महंगा राशन मिलेगा। यानी कल से डिपुओं में मिलने वाला राशन महंगे दामों पर मिलेगा।
आर्थिक संकट से जूझ रही सुक्खू सरकार ने बढ़ाए दाम
आर्थिक संकट से जूझ रही सुक्खू सरकार ने कई कड़े निर्णय लिए हैं। इन कड़े नियमों में सुक्खू सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत डिपुओं के माध्यम वितरित किए जाने वाला राशन भी महंगा कर दिया है। हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के होल सेल गोदामों से डिपुओं के लिए सितंबर माह का राशन कोटा भेजा जा रहा है।
यह राशन कोटा नए दामों के साथ राशन कार्ड उपभोक्ताओं को वितरित किया जाएगा। यानी पहली सितंबर से राशन कार्ड उपभोक्ताओं को अब डिपुओं में पिछले माह की तुलना में आटा और चावल के अधिक दाम चुकाने होंगे।
सितंबर माह में डिपुओं में नहीं मिलेगा सस्ता राशन
सितंबर माह में सस्ते राशन के डिपुओं में उपभोक्ताओं को आटा और चावल के लिए अधिक दाम चुकाने होंगे। सुक्खू सरकार ने उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से दिए जाने वाले आटे और चावल के रेट बढ़ा दिए हैं। नए रेट कल यानी पहली सितंबर से लागू हो रहे हैं। जिसकी अधिसूचना पहले ही जारी की जा चुकी है। वहीं डिपुओं में मिलने वाले अन्य सामान जैसे दालें, तेल रिफाइंड और नमक के दामों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
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एपीएल और बीपीएल परिवारों को करनी पड़ेगी जेब ढीली
सुक्खू सरकार की और से जारी की गई अधिसूचना के अनुसार अब राशन डिपुओं में एपीएल और बीपीएल को दिए जाने वाले आटे और चावल के दामों में बढ़ोतरी की गई है। हालांकि एनएफएसए को मिलने वाले राशन के दामों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। उन्हें पिछले माह में मिले दामों पर ही सितंबर माह में भी राशन मिलेगा।
कितना महंगा हुआ है आटा चावल
सुक्खू सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत डिपुओं के माध्यम वितरित किए जाने वाले आटे और चावल के दामों में तीन और 2.70 रुपए की बढ़ोतरी की है। यानी कल से एपीएल राशन कार्ड धारकों को चावल 13 रुपए प्रति किलो मिलेंगे। इससे पहले उन्हें यह चावल 10 रुपए प्रतिकिलो मिलते थे। इसी तरह से चावल 3 रुपए महंगा हुआ है। इसी तरह से आटे के भी अब प्रति किलो 12 रुपए चुकाने होंगे। अब तक एपीएल परिवारों को आटा 9.30 रुपए प्रतिकिलो मिलता था। इसी तरह से डिपुओं में आटा भी 2.70 रुपए महंगा हुआ है।
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क्यों बढ़ाए गए दाम
सुक्खू सरकार ने हिमाचल में राशन कार्ड धारकों को मिलने वाले राशन के दामों में बढ़ोतरी का बड़ा कारण बताया है। दाम बढ़ाने के पीछे तर्क दिया गया है कि राशन को डिपुओं और गोदामों तक पहुंचाने का भाड़ा पहले से कई गुणा अधिक हो गया है जिसके चलते ही राशन की कीमतें भी लगातार बढ़ रही है।
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13 साल बाद बढ़ाए जा रहे दाम
केंद्र से हिमाचल को गेहूं का आवंटन होता है, लेकिन प्रदेश सरकार अपने स्तर पर गेहूं की पिसाई कर उपभोक्ताओं को आटा उपलब्ध करा रही है। ऐसे में चक्की में पिसाई भी अब महंगी हुई है। जिस कारण सरकार को 13 साल बाद आटा और चावल के भाव बढ़ाने पड़ रहे हैं।