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December 23, 2024

हिमाचल: बिलासपुर-मनाली-लेह रेल प्रोजेक्ट को वित्त, रक्षा मंत्रालय की मंजूरी

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शिमला। हिमाचल प्रदेश के लिए राहत भरी खबर है। कंेद्र के वित और रक्षा मंत्रालय ने हिमाचल की सबसे सामरिक दृष्टि से महत्तवपूर्ण बिलासपुर मनाली लेह रेललाइन को हरी झंडी दे दी हैं। केंद्र सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद अब हिमाचल में मनाली से लेह तक रेल लाइन बिछने की उम्मीद भी जगने लगी है। हालांकि इस रेललाइन की डीपीआर साल 2022 में ही तैयार की जा चुकी थी।

अब पीएमओ के पास जाएगी फाइल

केंद्र के वित और रक्षा मंत्रालय से हरी झंडी मिलने के बाद अब बिलासपुर-मनाली-लेह रेललाइन की फाइल को अब मंजूरी के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एनएसए के पास भेजा गया है। यहां पर इस फाइल पर चर्चा होगी और उसके बाद उसे पीएमओ ऑफिस भेजा जाएगा। जहां से यह तय होगा कि इस रेल प्रोजेक्ट के लिए कब और कहां से बजट दिया जाएगा और इसका काम कब से शुरू होगा। यह भी पढ़ें : हिमाचल में फिर आमने-सामने आए दो समुदाय, गौशाला निर्माण पर मुस्लिम पक्ष भड़का

एक लाख करोड़ से अधिक होगी लागत

बता दें कि इस रेललाइन की 2022 में तैयार की गई डीपीआर के अनुसार इसकी कुल लागत एक लाख करोड़ से अधिक आंकी गई थी। लेकिन अब इसमें संशोधन करने के बाद इसकी लागत और बढ़ने की उम्मीद है। यह भी पढ़ें : हिमाचल का वीर जवान शहीद- पत्नी और 5 साल के बच्चे का नहीं बचा कोई सहारा बताया जा रहा है कि रेल मंत्रालय ने इस रेल लाइन में पड़ने वाली एस्केप टनलों के आकार को बढ़ाया है, जिसके चलते इसकी लागत बढ़ गई है। ये टनलें रेललाइन की मुख्य टनलों के साथ बनेंगी, ताकि आपात स्थिति में लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके। यह भी पढ़ें : हिमाचल: बाइक पर नशे की खेप बेचने निकला था शख्स, पुलिस से हो गया सामना भानुपल्ली से बिलासपुर तक वर्ष 2027 तक ट्रेन पहुंचाने का लक्ष्य है। वहीं उधमपुर.श्रीनगर.बारामुला रेल लिंक का संचालन अगले महीने से शुरू होने की संभावना है। उम्मीद जताई जा रही है कि उसके बाद केंद्र का पूरा ध्यान बिलासपुर.मनाली.लेह रेललाइन पर होगा।

2200 हेक्टेयर भूमि का होगा अधिग्रहण

बिलासपुर-मनाली-लेह रेललाइन के लिए हिमाचल और लद्दाख में कुल 2200 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। इसमें 26 फीसदी यानी 572 हेक्टेयर भूमि वन क्षेत्र की होगी। भूमि अधिग्रहण पर 11,500 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसी तरह से डीपीआर के अनुसार करीब 62,000 करोड़ रुपए रेललाइन के पुलों और टनलों पर ही खर्च होंगे। यह भी पढ़ें : हिमाचल के प्रथम ने माता-पिता का नाम किया ऊंचा- वायु सेना में बना फ्लाइंग ऑफिसर

चार चरणों में होगा काम

इस रेललाइन का काम चार चरणों में होगा। पहले चरण में बिलासपुर से मंडी और दूसरे चरण में मंडी से मनाली और तीसरे चरण में मनाली से उपशी और चौथे चरण में यह रेललाइन उपशी से लेह तक पहुंचाई जाएगी। यह भी पढ़ें : Breaking हिमाचल: जमीनी विवाद में पिता पुत्र को मारी गो*ली, दोनों स्वर्ग सिधारे

लेह से शुरू होगा काम

इस रेल प्रोजेक्ट के काम की शुरूआत लेह की तरफ से करने की योजना है। वहीं सेना की जरूरतों को देखते हुए लेह से चीन सीमा तक करीब 13 किलोमीटर का ट्रैक अलग से बिछाया जाएगा। ट्रैक पर पांच स्टेशन होंगे, जिसमें सामान उतारने व चढ़ाने की सुविधा होगी। डीपीआर के अनुसारए करीब 62,000 करोड़ रुपये रेललाइन के पुलों और टनलों पर ही खर्च होंगे।

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