शिमला। हिमाचल में विधवा, बेसहारा, तलाकशुदा महिलाओं और विकलांग माता-पिता को अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने की चिंता नहीं रहेगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एक योजना के तहत विधवा, बेसहारा, तलाकशुदा महिलाओं और विकलांग माता पिता के 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को एक हजार रुपए प्रतिमाह देने का फैसला लिया है। यह मासिक एक हजार का अनुदान इन बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण संबंधी खर्चों के लिए दिया जाएगा।
डिग्री करने वाले छात्रों को कितने मिलेंगे पैसे
सीएम सुक्खू ने बीते रोज रविवार को कैबिनेट बैठक में एक नई पहल करते हुए "मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना" को मंजूरी प्रदान की है। इस योजना के तहत प्रदेश सरकार हर साल 53.21 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित करेगी।
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इस योजना का उद्देश्य ऐसे लोगों को वित्तिय सहायता प्रदान करना है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। यही नहीं प्रदेश सरकार स्नातक, स्नातकोत्तर, डिप्लोमा या व्यावसायिक पाठयक्रमों में प्रवेश पाने वाले बच्चों को ट्यूशन और छात्रावास का खर्च वहन करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
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किन्हें और क्या है एक हजार मिलने की शर्त
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार की यह योजना विकलांगता, बेरोजगारी और गरीबी को देखते हुए विकलांग माता पिता के बच्चांे की जरूरतों को पूरा करेगी। इस योजना में सभी पात्र महिलाएं बच्चे और व्यक्ति जिनकी पारिवारिक आय सालाना एक लाख रुपए से कम है, वह इस योजना का लाभ ले सकेंगे।
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कहां करना होगा आवेदन
इस योजना का लाभ लेने के लिए पात्र लोगों को आवेदन करना होगा। यह आवेदन अपने स्थानीय बाल विकास परियोजना अधिकारी के पास करना होगा। जहां दस्तावेज की जांच के बाद लाभार्थी को उसके दिए खाते में एक हजार रुपए मिलना शुरू हो जाएंगे।
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क्या है सुक्खू सरकार का मकसद
सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार का मकसद कमजोर परिवारों के लिए एक उचित माहौल पैदा करना है, ताकि वह सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें और अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे सकें। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक और वित्तीय संसाधनों की कमी के चलते विधवा और परित्यक्त महिलाओं को अपने बच्चों का पालन.पोषण करने में बहुत कठिनाई होती है। उनकी इस परेशानी को अब सरकार दूर करेगी।