शिमला। हिमाचल में कम आर्थिक संसाधनों के चलते प्रदेश पर हर साल कर्ज का बोझ बढ़ रहा है। हिमाचल के बजट का एक बड़ा हिस्सा सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों पर खर्च हो रहा है। सुक्खू सरकार के पास इतने भी पैसे नहीं हैं कि वह बिना लोन लिए कर्मचारियों की सैलरी और पेंशनरों की पेंशन दे सके। आलम यह है कि नए वेतन आयोग का एरियर देने के लिए भी सरकार के पास पैसा नहीं है।
ओपीएस से बढ़ी सरकार की परेशानियां
वहीं दूसरी तरफ अब सरकार ने प्रदेश में ओपीएस बहाल कर दी है। जिससे आने वाले समय में परेशानियां और बढ़ने वाली है। ऐसे में प्रदेश की सुक्खू सरकार की नजरें अब वित आयोग की सिफारिशों पर टिकी हुई हैं। अगर वित आयोग की सिफारिश पर इस बार बजट में बढ़ोतरी नहीं हुई तो हिमाचल आर्थिक संकट के भंवरजाल में डूब जाएगा।
पांच साल में वेतन और पेंशन पर खर्च होंगे 2.11 लाख करोड़
हिमाचल की सुक्खू सरकार को वित्त वर्ष 2026-27 से आने वाले पांच सालों में सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन के लिए ही 2.11 लाख करोड़ रुपए से अधिक के धन की जरूरत होगी। लेकिन हिमाचल के कम संसाधनों के बीच सुक्खू सरकार यह धन जुटाने में असमर्थ है।
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अब सवाल यह उठता है कि कम आर्थिक संसाधनों के बीच सुक्खू सरकार आखिर पांच में साल में 2.11 लाख करोड़ रुपए का जुगाड़ कैसे करेगी।
पांच साल में कर्मचारियों के वेतन पर खर्च होंगे 121901 करोड़ रुपए
आंकड़ों पर गौर करें तो वित्त वर्ष 2026-27 में सरकारी कर्मियों के वेतन पर ही सालाना 20639 करोड़ रुपए खर्च होंगे। वित्त वर्ष 2027-28 में ये खर्च 22502 करोड़ सालाना, फिर वर्ष 2028-29 में 24145 करोड़, वर्ष 2029-30 में 26261 करोड़ रुपए हो जाएगा। वर्ष 2030-31 में सरकारी कर्मियों के वेतन का खर्च सालाना 28354 करोड़ रुपए हो जाएगा। ये सारा कुल मिलाकर 121901 करोड़ रुपए बनता है।
पांच साल में पेंशनरों के लिए चाहिए 90 हजार करोड़ रुपए
इसी तरह से हिमाचल में बढ़ती पेंशनरों की संख्या भी सरकार के लिए आने वाले दिनों में सिरदर्द बनने वाली है। अगले पांच साल में सरकारी कर्मचारियों से ज्यादा पेंशनरों की संख्या हो जाएगी।
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इस वित वर्ष में पेंशनर्स की संख्या 189466 है, जो कि बढ़ती बढ़ती वित वर्ष 2029-30 में 238827 तक पहुंच जाएगी। इन पेंशनरों की पेंशन पर सरकार को पांच साल में 90 हजार करोड़ रुपए खर्च करने पड़ेंगे। यह आंकड़ा ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने के कारण बढ़ा है।
कुल बजट का 42 फीसदी वेतन और पेंशन पर हो रहा खर्च
हिमाचल के बजट की बात करें तो इस वित वर्ष बजट के 100 रुपए में से वेतन पर 25 फीसदी और पेंशन पर 17 फीसदी खर्च हो रहा है। इस प्रकार वेतन और पेंशन पर ही सरकार के बजट का 42 फीसदी खर्च हो रहा है।
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सरकार के बिगड़ते हालातों को देखते हुए ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 16वें वित आयोग के समक्ष हिमाचल के लिए उदार आर्थिक सहायता की सिफारिशों का आग्रह किया है।