शिमला। हिमाचल में आज स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से चरमारा गईं। प्रदेश भर के अस्पतालों में इलाज करवाने पहुंचे मरीजों को ओपीडी खाली मिली। आज सुबह से ही अस्पताल में मरीजों की भीड़ जमा होती रही। सभी मरीज डॉक्टरों का इंतजार करते रहे, लेकिन जब डॉक्टर ओपीडी में नहीं पहुंचे तो पता चला कि सभी डॉक्टर आज हड़ताल पर हैं। जिसके बाद मरीजों को अपने इलाज के लिए यहां वहां भटकना पड़ा।
इलाज के लिए यहां वहां भटकते रहे मरीज
बता दें कि कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से हुई दरिंदगी और हत्या के खिलाफ हिमाचल के सभी डॉक्टरों आज हड़ताल पर थे। हालांकि डॉक्टरों ने 15 और 16 को भी हड़ताल की थी, लेकिन आज की हड़ताल में हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन भी शामिल हो गई, जिससे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से चरमरा गईं। प्रदेश भर के अस्पतालों में सिर्फ आपातकालीन सेवाएं ही चलाई गईं।
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अस्पतालों में सुबह ही पहुंच गए थे मरीज
प्रदेश भर के अस्पतालों में कोई भी ओपीडी नहीं हुई। डॉक्टर के ओपीडी में ना बैठने से इलाज करवाने आए हजारों मरीजों को बिना उपचार के ही वापस लौटना पड़ा। वहीं कई मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों का रूख करना पड़ा। अपने इलाज के लिए मरीज दिन भर यहां वहां भटकते रहे।
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आईजीएमसी में एक दिन में होती है तीन हजार ओपीडी
प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी शिमला में एक दिन में तीन हजार से अधिक ओपीडी होती है। ऐसे में पहले से हड़ताल की जानकारी ना होने के चलते शनिवार सुबह से ही आईजीएमसी में मरीजों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। लेकिन जब डॉक्टर नहीं पहुंचे तो लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ी।
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आज सुबह से ही चिकित्स आईजीएमसी गेट पर खड़े होकर कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए जघन्य अपराध का विरोध करते रहे और सरकार से न्याय की मांग की गई। इस दौरान अस्पताल में कोई भी ओपीडी नहीं हुई और कोई ऑपरेशन नहीं हुए, जिसके कारण मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ी।
डॉक्टरों की हड़ताल से लोगों को हुई परेशानी
प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों सहित अन्य सभी सरकारी अस्पतालों में भी डॉक्टरों की हड़ताल का असर लोगांे पर दिखा। इलाज करवाने आने वाले मरीजों को अधिक पैसे खर्च कर निजी अस्पतालों का रूख करना पड़ा। वहीं निर्धन लोगों को बिना उपचार के ही वापस घर लौटना पड़ा। जिससे उन्हंे भारी परेशानी हुई।
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उपचार के लिए सोमवार तक इंतजार करें मरीज
हिमाचल में पिछले 2 दिन से केवल मेडिकल कालेज में ही स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ा था, क्योंकि दो दिन तक रेजिडेंट डॉक्टर ही हड़ताल पर थे। मगर आज कंसल्टेंट डॉक्टर भी हड़ताल में शामिल हो गए। इससे मेडिकल कालेज के साथ साथ प्रदेश के अन्य अस्पतालों में भी स्वास्थ्य सेवाएं चरमाई है। कल भी रविवार है। लिहाजा मरीजों को उपचार के लिए सोमवार तक का इंतजार करना पड़ेगा।
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क्या कहते हैं रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष
रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ रजित और फैकल्टी एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ सुभाष ने कहा कि डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होने चाहिए। कोलकाता में हुई चिकित्सा की हत्या चिंताजनक है। इस तरह से सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हुए हैं। महिला चिकित्सक को न्याय मिलना चाहिए और आरोपियों को कड़ी सजा दी जाए।
क्या हुआ था ट्रेनी डॉक्टर के साथ
बता दंे कि पश्चिम बंगाल के कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। 9 अगस्त को कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर की अर्धनग्न बॉडी मिली थी। डॉक्टर के प्राइवेट पार्ट, आंखों और मुंह से खून बह रहा था। उनकी गर्दन की हड्डी भी टूटी हुई पाई गई थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पुष्टि हुई की रेप के बाद मर्डर किया गया। ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई इस तरह की क्रूरता पर देश भर के डॉक्टरों में गुस्सा है, जिसके चलते अब यह डॉक्टर अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं।