मंडी/हमीरपुर। हिमाचल प्रदेश ने आज एक ही दिन में अपने दो जवानों को अंतिम विदाई दी है। जम्मू में आतंकियों से लोह लेते हुए हमीरपुर के लहद गांव के जवान अरविंद का आज सैन्य सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया गया। वहीं इसी तरह से मंडी जिला के बल्ह विधानसभा क्षेत्र में भी एक सीआरपीएफ के जवान का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
आज पैतृक गांव में सैन्य सम्मान से दी अंतिम विदाई
मंडी जिला के बल्ह विधानसभा क्षेत्र के राजगढ़ के सीआरपीएफ के जवान कृष्ण गोपाल का भी आज रविवार को उनके पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। कृष्ण गोपाल को उनके बेटे ने मुख अग्नि दी। जवान कृष्ण गोपाल की अंतिम यात्रा में भारी संख्या में लोगों ने भाग लिया और नम आंखों से जवान को अंतिम विदाई दी।
दिल्ली में तैनात था सीआरपीएफ जवान
बता दें कि जवान कृष्ण गोपाल केंद्रीय रिजर्व पुलिस की 31 बी बटालियन में दिल्ली में तैनात थे। कुछ दिन पहले जवान की अचानक तबीयत बिगड़ गई थी। जिसके चलते उसे मेट्रो हॉस्पिटल नोएडा में भर्ती करवाया गया था। चिकित्सकों के अनुसार जवान को पीलिया हेपेटाइटिस सी रोग हुआ था। जवान की अस्पताल में शनिवार को इलाज के दौरान मौत हो गई।
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अस्पताल में उपचार के दौरान हुई मौत
हालांकि जवान की तबीयत ज्यादा खराब होने पर उसे चिकित्सकों ने वेंकटेश्वर मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल द्वारका में रैफर कर दिया था, लेकिन वहां पर उनकी उपचार के दौरान शनिवार सुबह 7:45 पर मौत हो गई। बटालियन की ओर से परिजनों को जैसे ही इसकी सूचना दी गई तो पूरे क्षेत्र में माहौल गमगीन हो गया।
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2003 में सेना में भर्ती हुए था जवान
आज रविवार को जवान का शव उनके गांव पहुंचा। तो परिवार का रो रोकर बुरा हाल हो गया। जवान के घर में उनकी बूढे पिता ईश्वर चंद के अलावा पत्नी दीपा कुमारी और बेटा अहम, बेटी आशना रह गए हैं। जवान की मौत से पत्नी बेसुध हो गई वहीं बेटे और बेटी की आंखों के आंसू रूक नहीं रहे थे। कृष्ण गोपाल हवलदार के पद पर तैनात थे। वह 2003 में केंद्रीय रिजर्व पुलिस में भर्ती हुए। इन्होंने 21 वर्ष 3 माह अपनी सेवाएं देश के लिए प्रदान की।
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जवानों ने दी अंतिम सलामी
आज सुबह केंद्रीय रिजर्व पुलिस की एक टुकड़ी पूरे मान सम्मान के साथ उनके पार्थिव शरीर को पैतृक गांव राजगढ़ लेकर आई। जहां करोल बाग शमशान घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। सेना की टुकड़ी ने इन्हें सलामी दी। जबकि जवान के बेटे ने पिता की चिता को मुखाग्नि दी।