कुल्लू। हिमाचल प्रदेश को केंद्र की मोदी सरकार से एक और बड़ी सौगात दी है। कुल्लू जिले के औट और सैंज के बीच जलोड़ी पास पर सुरंग के निर्माण को मंजूरी मिल गई है। इस सुरंग का निर्माण प्रदेश की कनेक्टिविटी को और मजबूत करेगा और यहां के ग्रामीण इलाकों के लोगों को राहत मिलेगी।
इतनी होगी सुरंग की लंबाई
- लंबाई: 4.140 किलोमीटर
- अप्रोच रोड: 2100 मीटर
यह भी पढ़ें : हिमाचल : शाही महात्मा गैंग के 4 और लोग अरेस्ट, साथियों ने बताया ठिकानों का पता
- मुख्य उद्देश्य: सुरंग के निर्माण से एनएच-305 को साल के 12 महीने तक चालू रखा जा सकेगा, जिससे सर्दियों में जलोड़ी दर्रे पर भारी बर्फबारी के कारण राजमार्ग बंद होने की समस्या से निपटा जा सकेगा।
लगभग 70 गांव को पहुंचेगा फायदा
यह सुरंग विशेष रूप से सर्दियों के दौरान 10,800 फुट ऊंचे जलोड़ी दर्रे पर बर्फबारी की वजह से बंद होने वाली सड़क मार्गों को खोलने में मददगार होगी। इससे सैंज-लुहरी-अन्नी-जलोड़ी-औट मार्ग की यात्रा की दूरी भी काफी कम हो जाएगी। कुल मिलाकर, इस सुरंग का निर्माण करीब 70 गांवों को लाभ पहुंचाएगा, जिनकी कनेक्टिविटी अब स्थिर हो जाएगी।
यह भी पढ़ें : हिमाचल के डिपुओं में उड़द की दाल हुई सस्ती, यहां जानिए नए दाम
यातायात के लिए सुगमता
इस सुरंग का निर्माण प्रदेश के लिए एक बड़ा कदम साबित हो सकता है। सर्दियों के दौरान जलोड़ी दर्रे पर बर्फबारी के कारण लगभग तीन महीने तक राजमार्ग बंद रहता था, जिससे यात्रियों और स्थानीय लोगों को कठिनाई होती थी। अब यह सुरंग पूरे साल भर कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगी, जिससे राज्य में यातायात में आसानी होगी।
रक्षा मंत्रालय भी दे चुका है सौगात
बता दें कि इससे पहले रक्षा मंत्रालय ने भुभूजोत टनलको मंजूरी दी थी, जिससे कुल्लू जिले के दुर्गम इलाकों तक पहुंच आसान हो जाएगी और सैन्य वाहनों के लिए चीन सीमा तक पहुंचने की प्रक्रिया भी सरल हो जाएगी।
यह भी पढ़ें : हिमाचल : जंगल में लकड़ियां लाने गया था युवक, मां-बाप ने खोया इकलौता बेटा
कांगड़ा और चंबा जिलों के की जगी उम्मीदें
जिलोड़ी सुरंग की मंजूरी के बाद, अब कांगड़ा और चंबा जिलों में भी प्रस्तावित सुरंगों की चर्चा तेज हो गई है। खासकर होली-उतराला सुरंग और चंबा-चुवाड़ी सुरंग की मंजूरी के लिए उम्मीदें बढ़ी हैं। राज्यसभा सांसद इंदु गोस्वामी ने इस मुद्दे को उठाया है और इन जिलों के लोग अब इन सुरंगों के निर्माण का इंतजार कर रहे हैं। ताकि उनके जीवन में भी सुविधा और कनेक्टिविटी बढ़ सके।