शिमला। हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार हड़ताल पर बैठे वोकेशनल शिक्षकों से किनारा करते हुए दिख रही है। वोकेशनल शिक्षकों को हड़ताल पर बैठे आज पांचवा दिन है। लेकिन सरकार की तरफ से अभी तक उनसे कोई वार्ता नहीं की गई है।
इनमें कई महिला शिक्षिकाओं के छोटे छोटे बच्चे भी उनके साथ हैं। जिन्हें देख कर भी सुक्खू सरकार का दिल नहीं पसीज रहा है। पांच दिन बाद भी सरकार की तरफ से हड़ताल पर बैठे इन वोकेशनल शिक्षकों को वार्ता के लिए नहीं बुलाया गया है। बीती रात को हड़ताल पर बैठी एक महिला की अचानक तबीयत भी बिगड़ गई थी, जिसके चलते उसे अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा।
यह भी पढ़ें : हिमाचल : लेट लतीफी करने वाली मैडम हुई सस्पेंड, हाफ-टाइम में पहुंचती थी स्कूल
80 हजार से अधिक छात्रों की पढ़ाई पर हो रही प्रभावित
वोकेशनल शिक्षकों की हड़ताल से जहां प्रदेश के 1100 से अधिक सरकारी स्कूलों के 80 हजार से ज्यादा छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। वहीं इस ठंड के मौसम में रात दिन हड़ताल करने वालों की तबीयत खराब होने का भी डर है। लेकिन फिर ना तो हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू और ना ही उनके किसी कैबिनेट मंत्री ने अब तक इन वोकेशनल शिक्षकों से बात करना जरूरी समझा है।
यह भी पढ़ें : हिमाचल : नाले में मिली गन शॉप से चोरी हुई बंदूकें, पति-पत्नी समेत 3 अरेस्ट
छोटे छोटे बच्चों के साथ खुले आसमान के नीचे बैठी महिलाएं
बता दें कि शिमला के चौड़ा मैदान में यह वोकेशनल शिक्षक पिछले पांच दिन से हड़ताल पर बैठे हुए हैं। इनमें कई ऐसी महिला शिक्षिकाएं भी हैं, जिनके छोटे छोटे बच्चे उनके साथ चौड़ा मैदान में मौजूद हैं। ऐसे में रात को पड़ने वाली ठंड से इन बच्चों की सेहत बिगड़ने की भी महिला शिक्षिकाओं को चिंता सता रही है।
यह भी पढ़ें : हिमाचल : समोसे पर सियासत! CM तक नहीं पहुंचा तो बैठा दी CID जांच
वहीं हड़ताल से कई शिक्षकों की तबीयत भी बिगड़ने लगी है। बीती रात को भी एक महिला शिक्षक की तबीयत बिगड़ गई थी। ठंड के चलते उन्हें सांस लेने में दिक्कत आने लगी। जिसके चलते उन्हंे अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा।
क्या हैं वोकेशनल शिक्षकों की मांगे
हड़ताल पर बैठे वोकेशनल शिक्षक सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों को बाहर करने, हरियणा की तर्ज पर उनकी सेवाएं विभाग के अधीन लाने की मांग पर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मान लेती, वह हड़ताल जारी रखेंगे। इन शिक्षकों का कहना है कि सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां उनका शोषण कर रही हैं। ना तो उन्हंे समय पर वेतन मिलता है और ना ही सरकार के आदेशों के बावजूद उन्हें एरियर दिया गया।
यह भी पढ़ें : हिमाचल : मंदिर के पास चरस बेचने आया था युवक, पिट्ठू बैग में भरी थी खेप
सरकार के प्रति बढ़ रहा रोष
वोकेशनल टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्वनी कुमार ने बताया कि हिमाचल की सुक्खू सरकार ने पांच दिन बीत जाने के बाद भी उनकी सुध नहीं ली है। महिलाएं छोटे.छोटे बच्चों के साथ हड़ताल पर डटी हुई है। उन्होंने बताया कि वोकेशनल टीचर की एक ही मांग है। वह चाहते हैं कि सर्विस प्रोवाइडर कंपनी को बाहर किया जाए।
यह भी पढ़ें : हिमाचल : पहले प्यार के जाल में फंसाया, फिर ब्लैकमेल कर लूटता रहा आबरू
उन्होंने कहा कि इससे सरकार पर किसी तरह का कोई वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा। उन्होंने बताय कि पांच दिन बीत जाने के बाद भी सरकार ने उन्हंे वार्ता के लिए नहंी बुलाया है। इससे वोकेशनल टीचरों में सरकार के प्रति रोष पनपता जा रहा है। उन्होंने बताया कि जब तक कंपनियों को बाहर नहीं किया जाता तब तक टीचर काम पर नहीं लौटेंगे। वह आर पार की लड़ाई को तैयार है।