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November 16, 2024

हिमाचल: धरने पर बैठे शिक्षकों की जा सकती है नौकरी, मांगा जवाब; जानें क्या है प्रावधान

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शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के चौड़ा मैदान में अपनी मांगों को लेकर पिछले 11 दिन से धरने पर बैठे वोकेशनल शिक्षकों की नौकरी पर खतरा मंडराने लगा है। इन शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। इसके साथ ही उन्हें तीन दिन में स्कूल ज्वाइन करने के भी निर्देश दिए गए हैं।

किसने जारी किया नोटिस

वोकेशनल शिक्षकांे को कारण बताओ नोटिस सर्विस प्रोवाइडर कंपनी की तरफ से जारी किए गए हैं। नोटिस में पूछा गया है कि शिक्षक किसकी अनुमति से 11 दिन से स्कूल से गायब हैं। यदि इन शिक्षकों ने छुट्टी ली है तो उसका भी कंपनी की तरफ से प्रमाण मांगा गय है। इसके अलावा कंपनी ने स्कूलों से इन शिक्षकों की अटैंडैंडस भी मांगी। यह भी पढ़ें : हिमाचल की बेटी आयुषी का कमाल- पास की मेडिकल ऑफिसर की परीक्षा

क्या है प्रावधान

दरअसल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वोकेशनल शिक्षकों की नियुक्ति एक एमओयू के माध्यम से की जाती है। इस एमओयू के अनुसार अगर कोई शिक्षक बिना बताए स्कूल से 10 दिन गायब रहता है, यानी वह 10 तक स्कूल नहीं आता है तो ऐसे में कंपनी उसकी सेवाओं को समाप्त कर सकती है। वहीं बिना बताए स्कूलों से गायब रहने पर इन शिक्षकों का वेतन भी कट सकता है। नियम के अनुसार बिना परमिशन के छुट्टी पर जाने से वेतन काटा जाता है। शिक्षक 11 दिनों से धरने पर थे, ऐसे में शिक्षकों पर यह कार्रवाई हो सकती है।

शिक्षकों से स्कूल से गायब रहने का मांगा जवाब

वोकेशनल शिक्षकों के धरने का आज 11वां दिन है। ऐसे में अब सर्विस प्रोवाइडर कंपनी ने इन वोकेशनल शिक्षकों को स्कूलों से गायब रहने को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। वहीं स्कूलों से भी इन शिक्षकांे का रिकॉर्ड मांगा गया है, जिसमें अगर शिक्षकों ने छुट्टी ली है तो उसका प्रमाण के साथ अटैंडैंस मांगी गई है। ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले समय में कंपनी की तरफ से इन शिक्षकों पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है। या इन शिक्षकों की नौकरी भी जा सकती है। यह भी पढ़ें : सुक्खू कैबिनेट की बैठक आज, CPS मामले सहित इन मुद्दों पर होगी विशेष चर्चा

स्कूलों में ठप पड़ी है वोकेशनल शिक्षा

बता दें कि वोकेशनल शिक्षक सर्विस प्रोवाइडर कंपनी को बाहर करने, समय पर वेतन देने ना मिलने को लेकर पिछले 11 दिन से धरने पर बैठे हुए हैं। उनकी मांग है कि वोकेशनल शिक्षकों को विभाग में समायोजित किया जाए। 11 दिन से हड़ताल पर बैठे होने के चलते स्कूलों में वोकेशनल शिक्षा ठप्प पड़ी हुई है। हड़ताल पर बैठी कई महिला शिक्षकों के साथ उनके छोटे छोटे बच्चे भी हैं, जो खुले आसमान के नीचे सर्द रातों में अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं। यह भी पढ़ें : हिमाचल में नया फ्रॉड- WhatsApp पर आया शादी का कार्ड खाली कर रहा बैंक खाता

विक्रमादित्य सिंह ने की थी मुलाकात

वोकेशन शिक्षकों की हड़ताल को 11 दिन बीत रहे हैं। लेकिन अभी तक सरकार की तरफ से उन्हंे वार्ता के लिए भी नहीं बुलाया गया है। कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने हड़ताल पर बैठे इन शिक्षकों से एक बार जरूर मुलाकात की थी और उनकी मांगों को कैबिनेट में उठाने का आश्वासन दिया था। हालांकि आज सुक्खू सरकार की कैबिनेट बैठक चल रही है। अब देखना यह है कि कैबिनेट बैठक में सुक्खू सरकार हड़ताल पर बैठे इन वोकेशनल शिक्षकों पर क्या फैसला लेती है। यह भी पढ़ें : हिमाचल : पूर्व CPS की कोठियों और फॉच्यूर्नर पर नजरें, कई नेता रेस में

क्या बोले एसोसिएशन के पदाधिकारी

वोकेशनल टीचर वैल्फेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि आज शनिवार 16 नवंबर को वह समग्र शिक्षा के परियोजना निदेशक से मुलाकात करेंगे। शिक्षकों का कहना है कि शिक्षा मंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया था कि शिक्षकों के आंदोलन की अवधि को रैगुलराइज किया जाएगा। ऐसे में एसोसिएशन सरकार से इन 11 दिनों की छुट्टियों को रैगुलराइज करने की मांग करेगी। बताया जा रहा है कि उनके मामले पर शिक्षा मंत्री 18 नवम्बर को बैठक बुला सकते हैं।

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