शिमला। हिमाचल प्रदेश के कोचिंग संस्थानों में अब नए नियम लागू होने जा रहे हैं। शिक्षा मंत्रालय की नई गाइडलाइंस के अनुसार अब 16 साल की कम उम्र के छात्र-छात्राएं कोचिंग क्लास नहीं जा पाएंगे। शिक्षा मंत्रालय के साफ निर्देशों के बाद प्रदेश में चल रहें कोचिंग सेंटर कम आयु वाले की एडमिशन नहीं करवा सकते।
कम योग्यता के टीचर नहीं रख सकता सेंटर
शिक्षा मंत्रालय ने साथ ही ये भी निर्देश दिए हैं कि कोई भी संस्थान ग्रेजुएट लेवल से कम पढ़े लिखे उम्मीदवार को अपना कोचिंग मास्टर नहीं बना सकते। कोचिंग सेंटर की बढ़ती तादात और परिजनों का उस ओर बढ़ते मोह को देखते हुए शिक्षा मंत्रालय ने ये कड़े फैसले लिए हैं।
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भ्रामक वादों पर भी रोक
बच्चों के अंदर कंपीटिशन के कारण बढ़ रहे स्ट्रेस को देखते हुए शिक्षा मंत्रालय ने यह भी साफ किया है कि कोई भी कोचिंग सेंटर भ्रामक वादे नहीं कर पाएंगे। कोचिंग सेंटर समाज में रैंक लाने की और अच्छे नंबर लाने की गारेंटी भी नहीं दे सकते।
बच्चों की मानसिक स्थिति को देखकर लिया फैसला
बता दें कि देश में लगातार बढ़ रहे छात्रों के आत्महत्या के मामलों को देखते हुए शिक्षा मंत्रालय ने सख्त कदम उठाए हैं। लगातार देश- प्रदेश से शिकायतें सामने आ रही थी कि कई कोचिंग संस्थान भ्रम फैलाकर परिजनों को बहला0- फुसला देते हैं। जिस कारण बच्चे पर अधिक स्ट्रेस पढ़ जाता है। रिजल्ट अच्छा ना आने के डर से कई बच्चे गलत कदम उठाते हैं।
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कई कोचिंग संस्थानों से टीचिंग मेथड को लेकर शिकायत मिली तो कहीं व्यवस्था और नियमों को लेकर। जिसके बाद ये कड़े नियम बनाए गए हैं।
क्या रहेंगे नियम यहां जानिए
- कोचिंग सेंटर में 16 साल से कम का बच्चा नहीं पढ़ेगा
- ट्यूटर की एजुकेशन लेवल कॉलेज पास रखा गया है
- ट्यूटर किसी अपराध में दोषी पाया नहीं होना चाहिए
- सेंटर्स की वेबसाइट होनी चाहिए, जिसमें उनका ब्यौरा हो
- ट्यूशन फीस उचित होगी, भुगतान की रसीद भी देनी होगी
- यदि बीच अवधि में छात्र ट्यूशन छोड़ देता है तो शेष फीस वापस करनी होगी