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June 25, 2024

कर्ज का दर्द: CM बोले- OPS-एरियर के लिए पैसा नहीं बचा, लोन लेना पड़ रहा!

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शिमला। हिमाचल पहुंचे 16वें वित्त आयोग के प्रतिनिधिमंडल के समक्ष मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्ख और उनके कैबिनेट मंत्रियों ने हिमाचल की आर्थिक स्थिति का खुलासा किया। सीएम सुक्खू ने कर्ज के बोझ तले डूब रहे हिमाचल की नैया को पार लगाने के लिए वित आयोग से उदार सहायता की मांग की। सीएम सुक्खू ने वित आयोग के सदस्यों को बताया कि हिमाचल की आर्थिक स्थित संकटपूर्ण स्थिति में पहुंच गई है।

सरकार ने वित आयोग के समक्ष रखे हिमाचल बिगड़ते आर्थिक हालात

वित्त आयोग के प्रतिनिधिमंडल के समक्ष एक प्रेजेंटेशन भी रखी गई। जिसका पूरा फोक्स कर्ज के संकट पर रखा गया। सीएम सुक्खू ने वितयोग के सदस्यांे को बताया कि हिमाचल पर इस समय 85 हजार करोड़ का कर्ज है। हिमाचल सरकार को कर्ज चुकाने के लिए भी कर्ज लेना पड़ रहा है। प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनरों को देने के लिए सरकार के पास पैसा नहीं है।

ओपीएस और एरियर देने के लिए नहीं है पैसा

यही नहीं कर्ज के बोझ तले डूबे हिमाचल के पास अपने कर्मचारियों को ओपीएस और एरियर देने के लिए भी पैसा नहीं बचा है। इसके लिए भी सरकार को लोन लेना पड़ रहा है। यह भी पढ़ें: मोदी का शपथ ग्रहण समारोह: अनुराग ठाकुर और कंगना रनौत ने ली शपथ हिमाचल को आर्थिक संकट से बाहर निकालने के लिए सीएम सुक्खू और उनकी कैबिनेट ने वित्त आयोग के प्रतिनिधिमंडल के सामने उदार वित्तीय मदद देने की मांग रखी। प्रदेश की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए सीएम सुक्खू ने आग्रह किया कि एनपीएस का राज्य का 9 हजार करोड़ रुपये का अंशदान वापस दिलाया जाए।

हिमाचल के पास जलसंपदा, मिलना चाहिए सेस का अधिकार

सीएम सुक्खू ने बताया कि हिमाचल के जल और वन संपदा है। जलसंपदा से हिमाचल की आर्थिकी को मजबूत करने और राजस्व जुटाने के लिए ही प्रदेश सरकार ने सेस लगाया था, लेकिन सरकार के इस फैसले को अदालत ने होल्ड कर दिया है। उन्होंने बैठक में जोर देकर कहा कि हिमाचल के पास जो जलसंपदा है, उस पर सेस लगाने का अधिकार मिलना चाहिए। यह भी पढ़ें: एक्शन में सरकार: पहले दो घंटे थाने में बैठाया, फिर घर के बाहर चलवा दी JCB

फॉरेस्ट कंजर्वेशन एक्ट वन संपदा के दोहन में बड़ी अड़चन

इसी तरह से हिमाचल के पास 3.21 लाख करोड़ रुपये की वन संपदा है। यहां के हरे-भरे वन पूरे देश को ताजी हवा की सौगात देते हैं। यदि वन संपदा का दोहन किया जाए तो सालाना 4000 करोड़ रुपये का राजस्व मिल सकता है। लेकिन इसमें भी फॉरेस्ट कंजर्वेशन एक्ट के कारण अड़चने आ रही हैं। यह भी पढ़ें: केंद्र में हिमाचल और मजबूत: राज्यसभा में नेता सदन बनाए गए जेपी नड्डा

रेल और एयर कनेक्टिविटी के लिए दें सहायता राशि

बैठक में सीएम सुक्खू ने हिमाचल में हर साल आने वाली प्राकृतिक आपदा का मसला भी उठाया और इससे होने वाले नुकसान की जानकारी भी दी। सीएम सुक्खू ने कहा कि हिमाचल की आर्थिकी का सबसे बड़ा जरिया पर्यटक है। पर्यटक को बढ़ावा देने के लिए हिमाचल में रेल और एयर कनेक्टिविटी की जरूरत है। जिसके लिए भी हिमाचल की उदार सहायता की जानी चाहिए।

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