शिमला। हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने सत्ता में आने से पहले पांच लाख लोगों को रोजगार देने का वादा किया था। जिसे अमलीजामा पहनाने के लिए सुक्खू सरकार ने कवायद शुरू कर दी है। सुक्खू सरकार हिमाचल में ऐसी नीति लागू करने वाली है, जिससे आने वाले समय में हिमाचल के लगभग 82 हजार से भी अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्क्ष तरीके से रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाए जाएंगे।
बागवानी नीति लागू करने वाला हिमाचल बनेगा पहला राज्य
दरअसल आज मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू बागवानी विभाग की एचपी शिवा परियोजना की समीक्ष बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। सीएम सुक्खू ने बताया कि हिमाचल सरकार बागवानी नीति लागू करने जा रही है। हिमाचल बागवानी नीति लागू करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य बनने वाला है। जिससे भविष्य में रोजगार के द्वार खुलेंगे।
यह भी पढ़ें: प्लानिंग से हुई थी संजौली में पत्थरबाजी! VHP नेताओं और पूर्व पार्षदों पर FIR
प्रदेश को फल राज्य बनाना है उद्देश्य
सीएम सुक्खू ने बताया बागवानी नीति लागू करने का मकसद प्रदेश में बागवानी उत्पादन को बढ़ाना और प्रदेश को फल राज्य बनाना है। सीएम ने बताया कि 1292 करोड़ रुपए की यह एचपी शिवा परियोजना हिमाचल के सात जिला में छह हजार हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करेगी। इसके तहत दो चरणों में काम किया जाएगा।
यह भी पढ़ें: चाबी के खेल ने फंसाया- नशे में धुत सूबेदार उठा ले गया किसी और की कार
दो चरणों में रोपे जाएंगे फलों के पौधे
सीएम सुक्खू ने बताया इन दो चरणों में इस परियोजना के तहत अमरूद, नींबू प्रजाति के फलों, अनार, ड्रैगन फ्रूट, जामुन और कटहल के पौधे रोपे जाएंगे।
यह भी पढ़ें : हिमाचल में खुले सरकारी नौकरी के द्वार: 2061 पदों पर होगी भर्ती; जानें डिटेल
आज की बैठक में विभाग को परियोजना में छोटे और सीमांत किसानों को भी शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि उनकी आर्थिकी मजबूत हो सके। हिमाचल की कांग्रेस सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है और बागवानी क्षेत्र किसानों के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
प्रतिवर्ष होगा 230 करोड़ का व्यापार
बता दें कि इस परियोजना के तहत साल 2028 तक छह जार हेक्टेयर भूमि में 60 लाख फलों के पौधे रोपित किए जाएंगे। पहले चरण में चार हजार हेक्टेयर भूमि पर पौधे लगाए जाएंगे, जबकि दूसरे चरण में दो हजार हेक्टेयर भूमि को कवर किया जाएगा।
यह भी पढ़ें : डिप्टी सीएम का तंज: जयराम जी- “जैसी फसल बोई थी, आज वैसी ही काट रहे”
छह हजार हेक्टेयर में 60 लाख पौधे रोपित करने से साल 2032 तक 1.30 लाख मीट्रिक टन उत्पादन होने की उम्मीद है। जिससे प्रतिवर्ष करीब 230 करोड़ रुपए मूल्य का व्यापार होगा। इस परियोजना से प्रदेश के 82,500 लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तरीके से रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
परियोजना में आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल के दिए निर्देश
सीएम सुक्खू ने आज की बैठक में विभाग को इस परियोजना में सूचना प्रौद्योगिकी और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने के निर्देश दिएए ताकि किसानों को उनकी फसलों के बेहतर दाम मिल सकें। उन्होंने कहा कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में रह रही 70 फीसदी आबादी विभिन्न कृषि गतिविधियों से जुड़ी है। विभाग को इस परियोजना को सफल बनाने के लिए आवश्यक तकनीकी सहायता व सहयोग प्रदान करने के निर्देश दिए।