शिमला। हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रदेश में अब एक और नई व्यवस्था शुरू करने जा रहे हैं। यह नई व्यवस्था बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ा झटका साबित होने वाली है। दरअसल सुक्खू सरकार गैस सिलेंडर की ही तरह बिजली उपभोक्ताओं की सब्सिडी भी उनके बैंक खाते में डालने की तैयारी कर रही है। यानी अब बिजली उपभोक्ताओं को बिना सब्सिडी के पूरा बिल अदा करना होगा और बाद में सब्सिडी उनके खाते में आएगी।
कब से शुरू होगी नई व्यवस्था
सुक्खू सरकार की यह नई व्यवस्था नए साल से शुरू हो सकती है। इसके लिए सरकार ने उपभोक्ताओं के बिजली मीटर उनके आधार नंबर और राशन कार्ड से जोड़ने का काम शुरू कर दिया है। सरकार की यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रदेश में नई व्यवस्था शुरू हो जाएगी और उसके बाद उपभोक्ताओं को पहले पूरा बिल जमा करवाना होगा और उसके बाद सब्सिडी की राशि उनके बैंक खाते आएगी।
करवानी होगी ई-केवाईसी
दरअसल बिजली बोर्ड का एक कर्मचारी घर घर जाकर आधार कार्ड और राशन कार्ड से संबंधित जानकारी एकत्रित करेगा। जिसके बाद आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आएगा, जो बिजली बोर्ड के कर्मचारी को बताना होगा। जिसके बाद आपकी बिजली मीटर की ई केवाईसी पूरी हो जाएगी।
यह भी पढ़ें : हिमाचल : भाई ने महसूस नहीं होने दी पिता की कमी, बहन बनी नर्सिंग अधिकारी
एक मीटर पर ही मिलेगी सब्सिडी
सुक्खू सरकार की इस नई व्यवस्था परिवर्तन का सबसे अधिक नुकसान उन उपभोक्ताओं को उठाना पड़ेगा, जिन्होंने एक से अधिक बिजली मीटर लगा रखे हैं। ई केवाईसी प्रक्रिय पूरी होने के बाद एक परिवार एक मीटर पर ही बिजली सब्सिडी मिलेगी।
यह भी पढ़ें : सुक्खू सरकार बंद करने जा रही आपकी ‘फ्री बिजली’- आंकड़े जुटा रहा विभाग
अगर किसी उभोक्ता के नाम पर एक से अधिक मीटर हैं, तो उसे एक बिजली मीटर को छोड़कर अन्य पर बिना सब्सिडी वाली दरों के हिसाब से ही बिजली बिल चुकाना होगा।
लागू होगी एक परिवार एक मीटर योजना
बता दें कि प्रदेश में कई ऐसे लोग हैं, जिन्होंने शहरी क्षेत्र में घर बना लिए हैं। जबकि उनके गांव में भी पुराने घर हैं। इन उपभोक्ताओं से अभी तक 125 यूनिट प्रति माह खपत ना होने पर कोई बिजली शुल्क नहीं लिया जा रहा था। लेकिन अब एक परिवार एक मीटर योजना लागू होने से उन्हें भी न्यूनतम शुल्क चुकाना होगा।
हिमाचल : भाई ने महसूस नहीं होने दी पिता की कमी, बहन बनी नर्सिंग अधिकारी
अब इन उपभोक्ताओं पर जुर्माना भी लगेगा
बता दें कि अब बिजली मीटरों का सही लोड अपडेट ना करवाने वाले बिजली उपभोक्ताओं पर भी जुर्माना लगाने की तैयारी है। प्रदेश में कई ऐसे उपभोक्ता हैं, जिन्होंने अपने मीटरों में लोड तो कम मंजूर करवाया है, लेकिन अब वह बिजली की खपत अधिक कर रहे हैं। ऐसे उपभोक्ताओ को अपना लोड सही करवाने के लिए बिजली बोर्ड ने तीन माह का समय दिया है। इसके लिए उपभोक्ताओं को किसी तरह की कोई टेस्ट रिपोर्ट नहीं देनी होगी, बल्कि संशोधित सिक्योरिटी जमा करवानी होगी।
यह भी पढ़ें : हिमाचल : पड़ोसी ने 9 वर्षीय बच्ची के साथ किया था मुंह काला, अब हुआ अरेस्ट
बिजली यूनिट और सब्सिडी की दरें
पहला स्लैब-
- 0-60 यूनिट: 4.72 रुपये (कोई सब्सिडी नहीं)
- 0-125 यूनिट: 5.60 रुपये (कोई सब्सिडी नहीं)
दूसरा स्लैब:
- 0-125 यूनिट: 5.60 रुपये (3.53 रुपये प्रति यूनिट सब्सिडी)
- 126-300 यूनिट: 6.00 रुपये (1.83 रुपये प्रति यूनिट सब्सिडी)
सुक्खू सरकार ने 125 यूनिट फ्री बिजली में किया था संशोधन
बता दें कि हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद जहां उपभोक्ताआंे को मिल रही 125 यूनिट फ्री बिजली पर कैंची चला दी गई। वहीं 300 यूनिट से अधिक बिजली की खपत करने वालों की भी सब्सिडी खत्म कर दी गई। घरेलू उपभोक्ताआंे के साथ साथ उद्योगों को मिलने वाली बिजली सब्सिड़ी भी सुक्खू सरकार ने कम कर दी है।
यह भी पढ़ें : हिमाचल : काम से घर लौट रहे थे चार दोस्त, खाई में गिर गई स्कॉर्पियो
800 करोड़ की बचत
बता दें कि इस बदलाव से सरकार को सालाना 800 करोड़ रुपये की बचत होने की संभावना है। वर्तमान में, उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली देने के लिए राज्य सरकार हर साल बिजली बोर्ड को 1,200 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान करती है। इसके अलावा, 125 यूनिट तक घरेलू उपभोक्ताओं को निशुल्क बिजली देने की लागत 100 करोड़ रुपये प्रति माह है।