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July 30, 2024

हिमाचल को हरा भरा बनाएंगी महिलाएं, पैसे भी कमाएंगी; जानें सुक्खू सरकार की योजना

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शिमला। हिमाचल को हरा भरा बनाने के लिए इस साल नौ हजार हेक्टेयर भूमि पर पौधे लगाए जाएंगे। यह बात आज मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 75वें राज्य स्तरीय वन महोत्सव के शुभारंभ पर कही। उन्होंने सरकारी आवास ओक ओवर में बान का पौधा भी रोपा। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश को हरा भरा बनाने के लिए सरकार कार्य कर रही है।

जंगलों में महिलाएं लगाएंगी फलदार पौधे मिलेंगे पैसे

सीएम सुक्खू ने कहा कि हिमाचल के जंगलों में फलदार पौधे रोपे जाएंगे, ताकि जंगली जानवर शहरों की तरफ ना आएं। जंगलों में पौधे लगाने और उनके सरंक्षण के लिए महिला मंडलों को प्रोत्साहित किया जाएगा। प्रदेश भर में महिला मंडलों को फारेस्ट बीट का एक भाग फलदार पौधे रोपने के लिए दिया जाएगा। महिलाएं यहां फलदार पौधे लगाएंगी और उनकी देखभाल करेंगी। इसके लिए उन्हें सरकार पैसे भी देगी। इससे महिला घर बैठे अपनी आर्थिकी को भी बढ़ा सकेंगी। यह भी पढ़ें: मणिमहेश यात्रा पर गए श्रद्धालु की बिगड़ी तबीयत, वापस लौटते गई जान

वन विभाग के अधिकारियों को भी पेड़ कटान की शक्ति सौंपी

सीएम सुक्खू ने रैखिक परियोजनाओं में तेजी लाने के लिए वन संरक्षण अधिनियम के प्रथम चरण को भी स्वीकृति प्रदान की। इस परियोजना के दायरे में आने वाले पेड़ों को काटने के लिए वन विकास निगम के अधिकारियों के साथ.साथ वन विभाग के अधिकारियों को भी शक्तियां सौंपने की सीएम सुक्खू ने घोषणा की। यह भी पढ़ें: हिमाचल का एक और जवान तिरंगे में लिपट कर घर पहुंचा, बेटियों ने दी मुखाग्नि

वन रक्षक दो पेड़, डीएफओ 25 पेड़ कटवा सकेंगे

मुख्यमंत्री ने सूखे और क्षतिग्रस्त पेड़ों के निस्तारण की मानक संचालन प्रक्रिया का भी शुभारंभ किया। जिसके तहत अब वन रक्षक स्तर पर दो पेड़ और डीएफओ स्तर पर 25 पेड़ काटने की अनुमति प्रदान की गई है। उन्होंने वन विभाग ई.फॉरेस्ट सॉफ्टवेयर की बीटा टेस्टिंग का भी शुभारंभ किया। जिसका उद्देश्य विभागीय कार्यों को सुव्यवस्थित करना तथा पारदर्शिता को बढ़ाना है। यह भी पढ़ें: हिमाचल: छोटे से गांव की मृदुल ने हासिल किया बड़ा मुकाम, बनी नर्सिंग लेफ्टिनेंट

वन विभाग से प्रदेश के राजस्व में हुई वृद्धि

सीएम सुक्खू ने कहा कि वन विभाग और वन निगम ने बीते वर्ष 15 हजार क्षतिग्रस्त पेड़ों को प्रसंस्कृत किया, जिससे लकड़ी की बिक्री से राजस्व प्राप्त हुआ। इस कारण राज्य सरकार की रॉयल्टी आय मात्र डेढ़ वर्ष में 35 से बढ़कर 70 करोड़ रुपये हो गई। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने एक रणनीतिक फैसला लेते हुए वन विभाग की निर्माण शाखा को बंद करने का निर्णय लिया और इसे वानिकी गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिए।

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