नई दिल्ली/शिमला। केंद्र की मोदी सरकार ने चुनाव से पहले एक बड़ा फैसला किया है। विपक्ष द्वारा बार बार पुरानी पेंशन स्कीम ओपीएस को मुद्दा बनाए जाने पर अब मोदी सरकार ने इसकी काट निकाल ली है। मोदी सरकार ने बीते रोज ही पुरानी पेंशन स्कीम की जगह यूनिफाइड पेंशन स्कीम यूपीएस लागू करने का फैसला लिया है। यह यूपीएस मौजूदा एनपीएस के साथ ही लागू रहेगी और कर्मचारियों को दोनों में से कोई भी ऑप्शन चुनने की आजादी होगी।
क्या है यूपीएस?
मोदी सरकार की नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम सरकारी कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना है। इस यूपीएस के तहत कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद सुनिश्चित पेंशन दी जाएगी। यूपीएस के तहत कर्मचारियों को 25 साल काम करने पर पूरी पेंशन मिलेगी। पेंशन की रकम रिटायरमेंट के पहले के 12 महीने के एवरेज बेसिक पे की 50 फीसदी होगी।
क्या है पेंशन फार्मुला
यूपीएस के तहत अगर कोई कर्मचारी 25 साल तक सेवाएं प्रदान करता है तो उसके अंतिम कार्य वर्ष के 12 माह के औसत मूल वेतन का 50 फीसदी राशि बतौर पेंशन दी जाएगी। अगर सेवा काल 10 से 25 वर्षों का है तो पेंशन की राशि समानुपातिक आवंटन के आधार पर तय होगी। यूपीएस में सुनिश्चित पेंशन, परिवार को पेंशन, सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन, पेंशन की राशि की महंगाई दर के साथ जोड़ने और सेवानिवृत्ति के समय ग्रेच्युटी के अलावा भी एक सुनिश्चित राशि के भुगतान की व्यवस्था की गई है।
न्यू पेंशन स्कीम से कैसे अलग है यूपीएस
यूपीएस में सरकारी कर्मचारी को रिटायरमेंट से पहले के 12 महीने की बेसिक सैलरी के औसत का 50 फीसदी निश्चित पेंशन के तौर पर मिलेगा। यूपीएस के तहत अगर किसी ने 25 साल काम किया है, तो उसे पेंशन मिलेगी, अगर किसी ने 25 साल से कम, और 10 साल से ज्यादा काम किया है तो भी उसे पेंशन मिलेगी। लेकिन रकम कम होगी।
यूपीएस से कर्मचारी को और क्या-क्या हैं फायदे
यूपीएस में आपको एश्योर्ड फैमिली पेंशन की सुविधा मिलेगी। यानी कर्मचारी की मौत के समय उसकी जो पेंशन बनेगी, उसका 60 फीसदी डिपेंडेंट फैमिली को मिलेगा। यही नहींए अगर किसी की सर्विस 10 साल से कम है, तब भी उसे मिनिमम 10 हजार की पेंशन के साथ डीए मिलेगा। यानी आज की डेट के हिसाब से देखा जाए तो मिनिमम पेंशन डीए के साथ 15 हजार बनेगी। पेंशन, एश्योर्ड पेंशन और एश्योर्ड फैमिली पेंशन में डीए भी लगेगा।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम की पूरी जानकारी इन बिंदुओं से समझें
- यूपीएस में कर्मचारियों को सुनिश्चित पेंशन मिलेगी, जबकि एनपीएस में बाजार में निवेशित राशि के हिसाब से पेंशन राशि मिलने की व्यवस्था है।
- कर्मचारी को 25 साल नौकरी करने पर अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलेगा
- यूपीएस में रिटायरमेंट कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके आश्रित को पेंशन राशि का 60 प्रतिशत सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन के तौर पर दिया जाएगा।
- कर्मचारी का कार्य वर्ष चाहे जितना भी हो उसकी पेंशन की न्यूनतम राशि 10 हजार रुपये से कम नहीं होगी। डीए मिलाकर यह राशि 15 हजार बनेगी।
- पेंशन की राशि को महंगाई के सूचकांक से जोड़ा गया है। यानी खुदरा महंगाई दर बढ़ेगी तो पेंशन की राशि भी बढ़ेगी।
- यूपीएस में कमचारी पर नहीं पड़ेगा अतिरिक्त बोझ, एनपीएस के तहत दी जा रही राशि ही देनी होगी
- यूपीएस में केंद्र सरकार ने बढ़ाया अपना हिस्सा, 14 प्रतिशत से 18.5 प्रतिशत डालेगी सरकार अपना शेयर
- महंगाई भत्ता के आधार पर पेंशन, पारिवारिक पेंशन और न्यूनतम पेंशन तीनों का निर्धारण होगा।
- सेवा में संपन्न हर छह माह के लिए मूल वेतन की 10 प्रतिशत राशि एकमुश्त मिलेगी, जो ग्रेच्युटी के अलावा होगी।
कर्मचारियों का कितना रहेगा योगदान
यूपीएस एक तरह से ओपीएस की ही तरह होगी। ओपीएस में कर्मचारियों को योगदान नहीं देना पड़ता था। लेकिन यूपीएस में नई पेंशन स्कीम की तर्ज पर ही 10 प्रतिशत का योगदान देना होगा। लेकिन यूपीएस में केंद्र सरकार ने अपना योगदान बढ़ा दिया है। केंद्र सरकार की तरफ से पेंशन फंड में योगदान मौजूदा 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 18ण्5 प्रतिशत कर दिया गया है। यह साल दर साल महंगाई दर आदि के हिसाब से बढ़ता रहेगा।
कब से लागू होगी यूपीएस
पीएम नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यूनिफाइड पेंशन स्कीम को लेकर फैसला लिया गया। सूचना व प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह योजना एक अप्रैल, 2025 से लागू होगी। इससे सीधे तौर पर केंद्र सरकार के 23 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा। इस स्कीम को राज्य सरकारें भी लागू कर सकती हैं। जिससे करीब 90 लाख कर्मचारियों को इसका फायदा होगा।
यूपीएस में कौन कौन हो सकता है शामिल
मोदी सरकार की इस नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम योजना में सभी कर्मचारी शामिल हो सकते हैं। केंद्र सरकार ने कर्मचारियों को नई पेंशन योजना में बने रहने या यूनिफाइड पेंशन स्कीम योजना में शिफ्ट होने का ऑप्शन दिया है। केंद्र सरकार ने कहा है कि यूपीएस उन सभी लोगों पर लागू होगा, जो 2004 के बाद से एनपीएस के तहत पहले ही रिटायर हो चुके हैं। जो पैसा उन्हें पहले मिल चुका है या वे फंड से निकाल चुके हैं, उससे एडजस्ट करने के बाद पेमेंट किया जाएगा।
क्या रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी और एकमुश्त भुगतान का लाभ मिलेगा
रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी के अतिरिक्त एकमुश्त भुगतान का लाभ मिलेगा। 6 महीने की सेवा के लिए सैलरी़ के साथ डीए का 10 प्रतिशत रकम का एकमुश्त पेमेंट किया जाएगा। वैष्णव ने बताया कि नई पेंशन के तहत पेंशन बकाया राशि यानी एरियर्स पर सरकार ब्याज का भी भुगतान करेगी।
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न्यू पेंशन स्कीम में क्या थी दिक्कतें
इससे पहले लागू की गई नई पेंशन स्कीम एनपीएस में कर्मचारियों की बेसिक सैलरी के सज्ञथ डीए का 10 फीसदी हिस्सा कटता था। एनपीएस शेयर मार्केट पर आधारित था। जिसके चलते ही इसे सुरक्षित नहंी माना जाता था। एनपीएस में रिटायरमेंट के बाद निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं होती थी।