शिमला। बीते कुछ समय से हार्ट अटैक लोगों के लिए एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है। पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में भी हार्ट अटैक से होने वाली मौतों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यह बीमारी सिर्फ बुजुर्गों तक ही नहीं बल्कि जवान लोगों में भी काफी ज्यादा देखने को मिल रही है।
आए दिन हार्ट अटैक से कई लोगों की मौत हो रही हैं। बहुत सारे मामले ऐसे हैं- जिसमें अचानक हेल्दी दिखने वालों लोगों को हार्ट अटैक आ रहे हैं। वहीं, समय पर उपचार ना मिलने के कारण वह दम तोड़ देते हैं।
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हिमाचल में अटैक की जद में युवा
हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल IGMC शिमला की ओर से मरीजों पर किए गए सर्वे में यह बात सामने आई है कि हार्ट अटैक की जद में सबसे ज्यादा युवा आ रहे हैं। जिसका सबसे बड़ा कारण उनका लाइफस्टाइल माना जा रहा है।
IGMC के सर्वे में सामने आया है कि 100 मरीजों में से 60 फीसदी मरीज 18 से 25 साल की उम्र के बीच के थे। जिनमें दिल से संबंधित बीमारियां और हार्ट अटैक आने जैसे लक्षण पाए गए हैं। सर्वे में सामने आया कि IGMC अस्पताल में हर रोज सात मरीज दिल से संबंधित बीमारियों का इलाज करवाने आते हैं। जबकि, हर महीने 20 लोग ऐसे आते हैं-जिन्हें हार्ट अटैक आता है।
क्यों आता है हार्ट अटैक?
हार्ट अटैक आने के मुख्य चार कारण हैं-
- बदला हुआ लाइफस्टाइल
- खानपान में लापरवाही
- मानसिक तनाव
- नशे का सेवन
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सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है कि ज्यादातर युवाओं को हार्ट अटैक नशे और तंबाकू का सेवन करने के कारण आ रहा है। ज्यादा फास्ट फूड खाने के कारण दिल की धमनियों में ब्लॉकेज बनने लगती है। ऐसे में अचनाक कोई सदमा देने वाली घटना हो जाए या संक्रमण ही हो जाए तो इन ब्लॉकेज के पास क्लॉट जम सकते हैं। जो कि हार्ट अटैक में तब्दील हो सकते हैं। इसके अलावा मानसिक तनाव होने से भी हार्ट अटैक हो सकता है।
डॉक्टरों का कहना है कि हार्ट अटैक आने के दो घंटे के अंदर मरीज को अस्पताल पहुंचने की कोशिश करनी चाहिए। अगर कोई व्यक्ति बेहोश हो गया है तो सबसे पहले उसकी नब्ज चेक करें। इस दौरान अगर आपको उसकी नब्ज बिलकुल नहीं महसूस हो रही हो तो समझ लें कि व्यक्ति को दिला का दौरा पड़ा है।
क्या हैं हार्ट अटैक के लक्षण?
हार्ट अटैक के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग तरह के होते हैं। हर बार हार्ट अटैक अचानक सीने में दर्द से शुरू नहीं होता है। हार्ट अटैक हल्के दर्द और बेचैनी के साथ धीरे-धीरे शुरू हो सकता है। आपको दिल का दौरा तब भी पड़ सकता है जब आप आराम कर रहे हों या सक्रिय हों। यह कितना गंभीर हैं यह व्यक्ति की चिकित्सा स्थितियों और उम्र पर निर्भर करता है।
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हार्ट अटैक का सबसे आम लक्षण सीने में बेचैनी जो दबाव है, निचोड़ने वाले दर्द जैसा महसूस होता है। यह दर्द रुक-रुक कर होता है और कुछ मिनटों से ज्यादा समय तक रहता है। यह दर्द छाती से परे आपके ऊपरी शरीर के अन्य हिस्सों में जाती है। जैसे एक या दोनों हाथों, पीठ, गर्दन, जबड़े, दांत और पेट में।
कुछ लोगों हार्ट अटैक के दौरान ठंडा पसीना, चक्कर, चिंता, अपच, थकान, मतली, उलटी जैसे कई लक्षण भी महसूस करते हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में गर्दन, पीठ और कंधे के ऊपरी हिस्से या पेट दर्द जैसी अतिरिक्ति समस्याएं देखने की संभावना ज्यादा मिलती हैं।
हार्ट अटैक आने पर क्या करें?
- कभी आपके सामने किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक आ जाए तो सबसे पहले किसी समतल जगह पर उसे सीधा लेटाएं। दरअसल, हार्ट अटैक के दौरान दिल की दड़कन रुक जाती है और नब्ज नहीं मिल पाती है। ऐसे में दो से तीन मिनट के अंदर उसके हार्ट को रिवाइव करना जरूरी होता है।
- ऑक्सीजन की कमी के चलते उसका ब्रेन डैमेज हो सकता है। ऐसे में हार्ट अटैक आने पर तुरंत सीने पर जोर-जोर से मुक्का मारें या तो सीने को जोर-जोर से दबाएं। ऐसा करने से उसका दिल फिर से काम करना शुरू कर देगा।
- इसके अलावा बेहोश पड़े व्यक्ति को तुरंत अपने हाथ से CPR दें। CPR में मुख्य रूप से दो काम किए जाते हैं- छाती को दबाना और दूसरा मुंह से सांस देना यानी माउथ टू माउथ रेस्चपरेशन।
फिर से शुरू हो जाएगी धड़कन
इसके लिए पहले व्यक्ति के सीने पर बीचोबीच हथेली रखें। पंपिंग करते समय एक हाथ को दूसरे हाथ के ऊपर रख कर उंगलियों को अच्छे से बांध लें और हाथ व कोहनी दोनों सीधा रखें। इसके बाद छाती को पंपिंग करते हुए छाती को दबाएं। हथेली से छाती को 1-2 इंच तक एक मिनट में कम से कम सौ बार दबाएं। ऐसा करने से भी दिल फिर से धड़कना शुरू कर देगा।