शिमला। हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में तैनात वोकेशनल शिक्षकों की हड़ताल आज आठवे दिन प्रवेश कर गई। राजधानी शिमला के चौड़ा मैदान में यह वोकेशनल शिक्षक पिछले सोमवार 4 नवंबर से हड़ताल पर बैठे हुए हैं। हड़ताल के आज आठवे दिन सुक्खू सरकार के एक कैबिनेट मंत्री इनसे मिलने चौड़ा मैदान पहुंचे और उनकी मांगों को सुना।
हड़ताली शिक्षकों से क्या बोले मंत्री विक्रमादित्य सिंह
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आज सोमवार को इन वोकेशनल शिक्षकों से मुलाकात की। इस दौरान विक्रमादित्य सिंह ने उनकी मांगों को सुना और हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। विक्रमादित्य सिंह ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर भी इसकी जानकारी सांझा की है। लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि वोकेशनल शिक्षकों से मुलाकात कर उनकी मांगों को सुना गया है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि इन शिक्षकों की मांगों को आगामी कैबिनेट बैठक में उठाएंगे और उन्हें पूर्ण करने का हर संभव प्रयास किया जाएगा।
आठवें दिन प्रवेश कर गई हड़ताल
बता दें कि निजी कंपनियों को बाहर करने और हरियाणा की तर्ज पर नीति बनाने की मांग को लेकर हिमाचल प्रदेश के दो हजार से अधिक वोकेशनल शिक्षक पिछले आठ दिन से शिमला के चौड़ा मैदान में धरने पर बैठे हुए हैं। यह लोग सर्द रातों में खुले आसमान के नीचे दिन रात हड़ताल पर डटे हुए हैं। इन हड़ताली शिक्षकों में कई महिला शिक्षिकाएं भी हैं तो कई टीचर अपने छोटे छोटे बच्चों के साथ चौड़ा मैदान में डटी हुई हैं।
यह भी पढ़ें : हिमाचल : पाई-पाई जोड़कर बनाया था जो मकान, उसी ने छीन लिए बुजुर्ग के प्राण
क्या हैं मांगे
इन शिक्षकों की मांग है कि निजी कंपनियों को बाहर किया जाए। कंपनियां वोकेशनल शिक्षकों का शोषण कर रही हैं। ना तो उन्हें समय पर वेतन दिया जाता है और ना ही कुछ कंपनियों ने अभी तक एरियर भुगतान किया है। वोकेशनल शिक्षकों का कहना है कि हरियाणा की तर्ज पर कांग्रेस सरकार उनके लिए नीति बनाए, ताकि उनका शोषण बंद हो।
यह भी पढ़ें : हिमाचल : नोटों से भरा बैग देख नहीं डोला ईमान, लौटा कर पेश की अनूठी मिसाल
सरकार ने 12 नवंबर को वार्ता के लिए बुलाए थे शिक्षक
हालांकि बीते रोज सरकार की तरफ से इन वोकेशनल शिक्षकों को वार्ता के लिए 12 नवंबर का न्यौता मिला था। लेकिन उससे पहले शिक्षकों को धरना छोड़ स्कूलों में लोटने की शर्त रखी गई थी। इस शर्त को इन वोकेशनल शिक्षकों ने मानने से इंकार कर दिया। बच्चे के साथ धरने पर बैठी एक वोकेशनल शिक्षिका की आंखें उस समय नम हो गई, जब उसने अपने परिवार की जिम्मेदारियां याद आ गईं।
यह भी पढ़ें : हिमाचल : बहन ने बीमार भाई का उठाया फायदा, बेटी संग खाते से निकाले लाखों रुपए
सरकारें देती हैं सिर्फ आश्वासन
हड़ताली शिक्षकों का कहना है कि वह पिछले 11 साल से सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन सरकार की तरफ से उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिलते रहे हैं। पिछली जयराम सरकार ने भी उन्हें आश्वासन दिया और अब सुक्खू सरकार भी सिर्फ आश्वासन दे रही है। वोकेशनी शिक्षक एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्विनी ढटवलिया ने बताया कि जब सरकार बिना शर्त के वार्ता नहीं करती और उनकी मांगों को नहीं मानती, तब तक उनकी यह हड़ताल जारी रहेगी।
यह भी पढ़ें : स्कूली बच्चों ने खा लिया जंगली फल का बीज, राहगीरों को ऐसी हालत में मिले 13
8 दिन से हड़ताल पर 2174 टीचर
बता दें कि 2174 वोकेशनल टीचर 8 दिन से शिमला के चौड़ा मैदान में हड़ताल पर बैठे हैं। प्रदेश के सरकारी हाई और सेकेंडरी स्कूलों में साल 2013 से वोकेशनल सब्जेक्ट 9वीं से 12वीं कक्षा तक के छात्र.छात्राओं को यह शिक्षक पढ़ा रहे हैं। इन पाठ्यक्रमों में 80 हजार से ज्यादा छात्र पंजीकृत है। इसके लिए शिक्षा विभाग ने एक.दो नहीं बल्कि पूरी 17 कंपनियां पंजीकृत कर रखी है।
यह भी पढ़ें : हिमाचल की संपत्ति शानन प्रोजेक्ट- खट्टर के रूख से नाराज हुए पूर्व CM शांता कुमार
केंद्र सरकार देती है 90 फीसदी बजट
सरकारी स्कूलों में वोकेशनल टीचर केंद्र सरकार की स्कूलों में दक्ष कामगार तैयार करने की योजना के तहत रखे गए हैं। इनमें 90 प्रतिशत बजट केंद्र और 10 फीसदी बजट राज्य सरकार देती है। सरकार ने इस साल इनका मानदेय अप्रैल माह में बढ़ा दिया था। इसका भुगतान अब तक नहीं हो पाया था। इसे देखते हुए शिक्षा निदेशक ने 20 अक्टूबर तक कंपनियों को बढ़े हुए वेतन का एरियर देने के आदेश जारी किए थे।