शिमला। हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों अधिकारियों में सरकारी खर्चे पर विदेशों में घूमने का इतना जूनुन है कि वह इसके लिए सरकार की मंजूरी का भी इंतजार नहीं कर रहे हैं। ऐसा ही कुछ कृषि विभाग में भी हुआ है। कृषि विभाग के 10 अधिकारियों ने स्पेन टूर के लिए सरकार की मंजूरी का भी इंतजार नहीं किया और ट्रेवल एजेंट को भारी भरकम राशि दे दी।
सरकार की मंजूरी से पहले जमा करवा दिए 40 लाख
दरअसल जायका प्रोजेक्ट के तहत कृषि निदेशक और जायका प्रोजेक्ट डायरेक्टर सहित 10 कृषि अधिकारी स्पेन में स्टडी टूर पर जाने वाले थे। इसके लिए फाइल को मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा गया था। लेकिन सरकार से मंजूरी मिलने से पहले ही इन अधिकारियों और कर्मचारियों ने ट्रेवल एजेंट को 40 लाख रुपए बुकिंग के लिए एडवांस में दे दिए।
कृषि अधिकारियों से हो सकती है 40 लाख की रिकवरी
इन अधिकारियों और कर्मचारियों के हाथ पांव तब फूल गए, जब सरकार के पास गई फाइल को मंजूरी नहीं मिली। ऐसे में अब इन 10 कृषि अधिकारियों के स्पेन टूर पर तो तलवार लटकी ही है। इसके साथ ही ट्रेवल एजेंट को दिए 40 लाख रुपए की रिकवरी भी इन अधिकारियों और कर्मचारियों से की जा सकती है।
कृषि मंत्री ने पूछ ली पिछले जापान टूअर की परफॉर्मेंस
जायका के तहत स्टडी टूर पर जाने वाले 10 अधिकारियों की फाइल को मंजूरी के लिए कृषि मंत्री चंद्र कुमार के पास भेजा गया था। कृषि मंत्री ने जब फाइल को देखा तो उन्होंने पिछले साल जापान टूर पर गई टीम की परफॉर्मेंस पूछ ली। उन्होंने पूछा कि जापान टूर पर गई टीम से यहां किसानों को क्या क्या फायदा हुआ और जापान से लौटने के बाद अधिकारियों ने इस क्षेत्र में क्या क्या किया।
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जापान टूअर का किसानों को नहीं मिला कोई फायदा
कृषि मंत्री के इस सवाल का कृषि अधिकारी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। जिसके चलते ही कृषि मंत्री ने स्पेन टूअर की फाइल को अभी तक क्लियर नहीं किया है।
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जुगाड़ भिड़ाने में जुटे अधिकारी
इस मामले में जब कृषि मंत्री चंद्र कुमार से बात की गई तो, उन्होंने बताया कि उन्होंने पिछले जापान टूर की परफॉर्मेंस पूछी है। अब उन्होंने अपने कमेंट लिखकर फाइल सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को भेज दी है। सूत्रों की मानें तो 40 लाख की रिकवरी से बचने और विदेशी टूअर की परमिशन के लिए कृषि अधिकारी अपने अपने जुगाड़ भिड़ाने में लगे हुए हैं।
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हर साल विवादों में घिर जाता है विदेशी टूअर
कृषि और बागवानी अधिकारियों का विदेशी टूअर हर साल विवादों में आता रहा है। इन दोनों ही विभागों के अधिकारी विदेशों की सैर तो कर आते हैं, लेकिन उसका किसानों को कितना फायदा होता है, उसका आज तक मुलयांकन नहीं किया गया है।
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आज तक किसी किसान को नहीं मिला एक्सपोजर विजिट
इसमें एक बड़ी बात यह भी है कि कृषि-बागवानी के प्रोजेक्ट में किसानों-बागवानों को भी एक्सपोजर विजिट का प्रावधान है। लेकिन आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ है कि किसी किसान या बागवान को विदेशी टूअर पर भेजा गया हो।
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आर्थिक संकट में विदेशी टूअर पर भेजे जा रहे अधिकारी
वहीं दूसरी तरफ आर्थिक संकट से जूझ रही हिमाचल की सुक्खू सरकार ने हर विभाग को फिजूलखर्ची रोकने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा सभी मंत्रियों, विभागीय सचिवों और विभाध्यक्षों को भी फिजूलखर्ची रोकने को कहा गया है। बावजूद इसके कृषि विभाग के इन अधिकारियों को विदेशी टूअर पर भेजने के लिए सरकार लाखों रुपए खर्च कर रही है।