मंडी। बॉलीवुड एक्ट्रेस और हिमाचल के मंडी संसदीय क्षेत्र की सांसद कंगना रनौत की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। तीन बार नोटिस जारी होने के बाद भी कोर्ट में पेश ना होने पर अब कोर्ट कंगना रनौत पर अपना फैसला सुनाने जा रहा है। यह फैसला 9 जनवरी को सुनाया जाएगा। कंगना रनौत के खिलाफ आगरा की स्पेशल एमपी/एमएलए कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी।
आगरा की स्पेशल कोर्ट सुनाएगी फैसला
दरअसल कंगना रनौत ने आंदोलन कर रहे किसानों और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रति अभद्र टिप्पणी की थी। जिस पर राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट रमा शंकर शर्मा ने कंगना के खिलाफ आगरा की स्पेशन एमपी/ एमएलए कोर्ट में 11 सितंबर 2024 को याचिका दायर की थी।
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कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कंगना को तीन बार नोटिस जारी किया, लेकिन ना तो कंगना और ना ही उनके वकील कोर्ट में पेश हुए। जिसके चलते अब कोर्ट ने कंगना के खिलाफ अंतिम फैसला 9 जनवरी को सुनाने का फैसला लिया है।
तीन बार नोटिस जारी हुआ, पर पेश नहीं हुई कंगना
कोर्ट ने कंगना को सबसे पहले 28 नवंबर को कोर्ट में पेश होने को कहा था, लेकिन कंगना और उनके वकील कोर्ट नहीं पहुंचे। उसके बाद 12 नवंबर को कोर्ट ने वादी अधिवक्ता का पक्ष सुनने के बाद कंगना कोर्ट को अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस भेजा था। लेकिन कंगना 28 नवंबर की सुनवाई में भी नहीं पहुंची। उसके बाद 13 दिसंबर की सुनवाई में भी कंगना कोर्ट नहीं आई थी।
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कंगना के किस बयान पर किया था केस
कंगना के खिलाफ वाद दायर करने वाले राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट रमा शंकर शर्मा ने बताया कि कंगना रनौत ने कहा था कि अगस्त 2020 से दिसंबर 2021 तक किसान काले कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर धरने पर बैठे थे। उस दौरान रेप और मर्डर हुए।
बिल वापसी न होती तो प्लानिंग लंबी थी। अगर देश का नेतृत्व मजबूत नहीं होता तो देश में बांग्लादेश जैसे हालात होते। इसका मतलब साफ है कि उन्होंने किसानों को हत्यारा, बलात्कारी, आतंकवादी और उग्रवादी करार दिया।
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किसने किया था केस
एडवोकेट रमा शंकर ने कहा कि कंगना ने तो महात्मा गांधी को भी नहीं छोड़ा था। 7 नवंबर 2021 को कंगना रनोट का एक बयान छपा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि गाल पर चाटा खाने के बाद भीख मिलती है, आजादी नहीं। 1947 में जो आजादी हमें मिली, वो महात्मा गांधी के भीख के कटोरे में मिली थी।
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असली आजादी तब मिली, जब 2014 में सत्ता में नरेंद्र मोदी की सरकार आई। इसका मतलब साफ है कि आजादी में महात्मा गांधी, सरदार भगत सिंह, चंद्रशेखर जैसे तमाम महापुरुषों ने जो बलिदान दिया, वो बेकार है। इस तरह कंगना ने राष्ट्रपिता का भी अपमान किया।
राष्ट्रद्रोह का केस लगाने की मांग
एडवोकेट रमा शंकर ने आरोप लगाया कि कंगना ने धरने पर बैठे लाखों किसानों पर अभद्र टिप्पणी की। उन पर राष्ट्रद्रोह का केस लगे। जिसको लेकर ही उन्होंने आगरा की स्पेशल एमपी/एमएलए कोर्ट में अपील दायर की थी। लेकिन तीन बार नोटिस जारी होने के बाद भी कंगना कोर्ट में पेश नहीं हुई। अब कोर्ट 9 जनवरी को अपना फैसला सुना सकता है।
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कंगना को पड़ चुका था थप्पड़
बता दें कि कंगना रनौत के किसान अंदोलन पर दिए बयान के बाद ही उन्हंे चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर तैनात एक सीआईएसएफ महिला कांस्टेबल कुलविंदर कौर ने उन्हें थप्पड़ मार दिया था। कॉन्स्टेबल कुलविंदर कौर का वीडियो भी सामने आया था। इसमें वह कह रही थीं कि कंगना ने जब किसान आंदोलन में शामिल महिला को 100 रुपए में धरना देने वाली कहा था, तो उसकी मां भी धरने पर बैठी थीं।