शिमला। हिमाचल में जनता को मिलने वाली सबसिडाइज्ड की सुविधाओं पर सुक्खू सरकार ने कैंची चलाना शुरू कर दिया है। 125 यूनिट फ्री बिजली बंद करने के बाद अब अगला बड़ा कदम राशन डिपुओं में मिलने वाली सब्सिडी के अलावा हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों में महिलाआंे को मिलने वाली 50 प्रतिशत किराये में छूट पर उठा सकती है। इसके अलावा भी सुक्खू सरकार बड़े कदम उठाने की तैयारी कर रही है।
घाटे में जा रहा एचआरटीसी
सीएम सुक्खू अपने भाषणों में अकसर कहतें हैं कि हिमाचल की आर्थिक स्थिती को सुधारने के लिए कुछ कड़े निर्णय लेने होंगे, जिससे जनता को भी परेशानी हो सकती है। ऐसे में अनुमान लगाया जा सकता है कि सुक्खू सरकार का अगला कदम एचआरटीसी में महिलाओं को 50 फीसदी किराये में मिलने वाली छूट पर हो सकता है। इसका एक बड़ा कारण एचआरटीसी के लगातार घाटे में जाना है।
सुक्खू सरकार बंद कर सकती है महिलाओं की यात्रा सब्सिडी
दरअसल पूर्व की भाजपा सरकार में जयराम ठाकुर ने साल 2022 में एचआरटीसी की बसों में महिलाओं को किराये में 50 प्रतिशत की छूट देने का ऐलान किया था। लेकिन अब सुक्खू सरकार पूर्व की जयराम सरकार के इस फैसले को पलटने की तैयारी कर रही है। महिलाओं को किराये में मिलने वाली छूट या तो कम हो सकती है, या फिर पूरी तरह से इसे खत्म किया जा सकता है। इसको लेकर अंदरखाते चर्चाएं चल रही हैं।
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हर साल हो रहा 170 करोड़ का घाटा
बता दें कि एचआरटीसी को हर साल इस स्कीम से 150 से 170 करोड़ का घाटा हो रहा है। कई श्रेणियांे को फ्री बस सुविधा, पुलिस कर्मचारियों मीडिया कर्मियों और दिव्यांगों को भी एचआरटीसी की बसों में विशेष सुविधा मिलती है। जिससे भी एचआरटीसी को करोड़ों का घाटा हो रहा है। हालांकि एचआरटसी को सरकार की तरफ से कुछ ग्रांट भी दी जाती है, लेकिन सरकार की अपनी आर्थिक स्थिति ठीक ना होने के चलते भी यह ग्रांट अब एचआरटीसी को नहीं मिल रही है।
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20 जुलाई को परिवहन विभाग सरकार को सौंपेगा रिपोर्ट
लगातार बढ़ते घाटे को देखते हुए एचआरटीसी ने अब एक रिपोर्ट तैयार की है। जिसे एचआरटीसी 20 जुलाई तक एचआरटीसी को सौंपा जाएगा। इस रिपोर्ट में महिलाओं को मिलने वाली 50 प्रतिशत किराये में छूट से लेकर अन्य कारणों का उल्लेख किया गया है। इस रिपोर्ट पर अध्ययन करने के बाद सुक्खू सरकार एचआरटीसी को घाटे से उबारने के लिए बड़े निर्णय ले सकती है।