हमीरपुर। हिमाचल के हमीरपुर विधानसभा सीट पर इस बार मुकाबला दिलचस्प होने वाला है। कांग्रेस ने यहां अपने पुराने प्रत्याशी पुष्पेंद्र वर्मा को दूसरी बार टिकट देकर चुनावी दंगल में उतारा है। उनका मुकाबला भाजपा के पूर्व निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा से होने वाला है। हमीरपुर सीट के पुराने इतिहास पर नजर डालें तो यहां 1967 से लेकर अब तक कांग्रेस को सिर्फ तीन बार ही जीत नसीब हुई है। बाकी यहां पर सिर्फ बीजेपी का ही दबदबा रहा है।
अपना गृह जिला बचाएंगे या पत्नी को दिलवाएंगे जीत
हमीरपुर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का गृह जिला होने के चलते इस सीट पर मुकाबला काफी रोचक हो गया है और सीएम सुक्खू की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है। बीजेपी का गढ़ रही इस सीट पर सीएम सुक्खू इस बार कैसे जीत दिला पाते हैं, यह देखने वाली बात है।
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वहीं सीएम सुक्खू के लिए देहरा सीट भी उतनी ही महत्तवपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि इस सीट से उनकी पत्नी कमलेश ठाकुर चुनाव लड़ रही है। कमलेश ठाकुर के चुनाव हारने से भी सीएम सुक्खू की अच्छी खासी फजीहत होगी।
1967, 1972 और 1993 में कांग्रेस को मिली थी जीत
हमीरपुर सीट की बात करें तो पंजाब के विभाजन के समय हमीरपुर जिला हिमाचल के हिस्से आया। हमीरपुर में 1967 में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए। जिसमें कांग्रेस के कांशीराम ने जीत दर्ज की थी।
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उसके बाद 1972 में कांग्रेस के रमेश चंद यहां से दूसरी बार विधायक बने थे। उसके बाद 1993 में हुए उपचुनाव में रमेश चंद वर्मा की पत्नी अनिता वर्मा ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी।
भाजपा के जगदेव ठाकुर पांच बार बने थे विधायक
इसके अलावा इस सीट पर भाजपा का ही कब्जा रहा है। सबसे अधिक भाजपा के ठाकुर जगदेव चंद ने यहां से पांच बार जीत दर्ज की थी। 1993 में जगदेव चंद सीएम के प्रवल दावेदार थे, लेकिन इसी बीच उनका देहांत हो गया था।
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धूमल अनुराग के रहते सीएम कैसे जीतवा पाएंगे सीट
इस सीट पर एक बार प्रेम कुमार धूमल ने भी जीत दर्ज की थी और प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। अब देखना यह है कि प्रेम कुमार धूमल और अनुराग ठाकुर जैसे दिग्गजों के रहते सीएम सुक्खू हमीरपुर सीट पर कैसे अपने प्रत्याशी को जीत दर्ज करवाते हैं। या फिर इस बार भी पहले की ही तरह यह सीट भाजपा के ही कब्जे में रहेगी।
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बता दें कि आशीष शर्मा ने 2022 के विधानसभा चुनाव में बड़े मार्जन से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप् में जीत दर्ज की थी। वहीं कांग्रेस ने अपने पुराने प्रत्याशी डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा पर ही विश्वास जताया है।