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January 12, 2025

11वीं के छात्र समरवीर ने रोशन किया हिमाचल का नाम, राष्ट्रीय चैंपियनशिप में जीता मेडल

समरवीर और ज्योति ठाकुर की उपलब्धियों से सिरमौर जिला का गौरव बढ़ा

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Himachal sirmaur samarveer won bronze medal 12th pencak silat national championship srinagar

नाहन। कहते हैं कि मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती। यानी जो लोग मेहनत करते हैं उन्हें उसका इनाम कामयाबी के रूप में मिलता है। प्रदेश के सैंकड़ों युवाओं ने इस बात को सच भी कर दिखाया है। आज ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, जहां प्रदेश के युवा ना पहुंच पाए हों। ऐसा ही एक होनहान हिमाचल के सिरमौर जिला का समरवीर है। इस शख्स ने खेल जगत में अपनी एक अलग ही पहचान बना ली है।

श्रीनगर में हुई प्रतियोगिता

दरअसल सिरमौर जिला के समरवीर ने राष्ट्रीय स्तर की चैंपियनशिप में पदक जीत कर ना सिर्फ आने परिवार का बल्कि गांव और पूरे हिमाचल का नाम रोशन कर दिया है। समरवीर ने श्रीनगर में आयोजित हुई 12वीं पेंचक सिलाट राष्ट्रीय चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक जीता है। समरवीर की इस उपलब्धि से उसके घर में खुशी का माहौल है।

 

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समरवीर ने जीता कांस्य पदक

बता दें कि यह 12वीं पेंचक सिलाट राष्ट्रीय चैंपियनशिप श्रीनगर में शेर-ए-कश्मीर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में 15 से 18 नवंबर 2024 तक आयोजित हुई। इस प्रतियोगिता में हिमाचल की तरफ से समरवीर ने हिस्सा लिया था। जिसमें उन्होंने 75.79 किलोग्राम भार वर्ग में कांस्य पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया।

 

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11वीं कक्षा के छात्र हैं समरवीर

समरवीर इस समय नाहन के अरिहंत इंटरनेशनल स्कूल में 11वीं कक्षा में पढ़ रहे हैं। उनकी इस उपलब्धि से ना सिर्फ उनके माता पिता बल्कि पूरे गांव में खुशी का माहौल है। समरवीर ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता के अलावा अपने कोच को दिया है। समरवीर ने बताया कि उसके प्रशिक्षण और प्रेरणा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

इसी जिला की ज्योति ठाकुर बनी नर्सिंग ऑफिसर

बता दें कि इसी तरह से सिरमौर जिला के गिरिपार क्षेत्र की बेटी ज्योति ठाकुर ने अपनी कड़ी मेहनत से अपने गांव का नाम रोशन कर दिया है। ज्योति ठाकुर एम्स पटना में बतौर नर्सिंग ऑफिसर बन गई है। ज्योति ठाकुर की यह उपलब्धि इसलिए भी ज्यादा अहम है, क्योंकि वह किसान परिवार से ताल्लुक रखती है।

 

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किसान की बेटी ने हासिल किया बड़ा मुकाम

भवाई पंचायत के भौज गांव की ज्योति ठाकुर के पिता एक किसान हैं। उन्होंने कड़ी मेहनत कर अपनी बेटी को पढ़ाया और आज उसी का नतीजा है कि बेटी ने भी कड़ी मेहनत से अपने पिता की उस मेहनत को मंजिल तक पहुंचा दिया। बेटी के नर्सिंग ऑफिसर बनने से उसके परिवार में खुशी का माहौल है।

गांव से ही पढ़ी है ज्योति

ज्योति की प्रारंभिक शिक्षा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भवाई से हुई। जहां उन्होंने अपने अध्ययन की शुरुआत की। इसके बादए उन्होंने 12वीं कक्षा की पढ़ाई राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय नाहन से की। नर्सिंग की पढ़ाई उन्होंने माता पद्मावती कॉलेज ऑफ नर्सिंग नाहन से पूरी की। अपनी कड़ी मेहनत और अद्वितीय प्रतिभा के दम पर ज्योति ने यह मुकाम हासिल किया है।

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