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August 8, 2024

विनायक चतुर्थी व्रत कब? यहां जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि

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नई दिल्ली। हिंदू धर्म में व्रत को काफी महत्व दिया गया है। हर व्रत की अपनी एक अलग विधि और खासियत है। हिंदू धर्म में विनायक चतुर्थी का व्रत काफी फलदायी माना जाता है। सावन के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। विनायक चतुर्थी के दिन गणेश भगवान की पूजा करने से हर संकट, ग्रह दोष और आर्थिक परेशानियों से छुटकारा मिलता है। विनायक चतुर्थी का व्रत करने से ज्ञान, बुद्धि, सौभाग्य, उन्नति और धैर्य का आशीर्वाद मिलता है। यह भी पढ़ें: सतलुज किनारे मिला इंजीनियर सिद्धार्थ का श.व, DNA टेस्ट से हुई पहचान

कब है विनायक चतुर्थी का व्रत?

इस साल विनायक चतुर्थी का व्रत 8 अगस्त यानी आज है। विनायक चतुर्थी के व्रत में चंद्रमा के दर्शन करना वर्जित माना गया है।

कब है पूजा का शुभ मुहूर्त?

शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि आज रात यानी 7 अगस्त को रात 10 बजकर 05 मिनट से शुरू हो जाएगी। इसका समापन 8 अगस्त को सुबह 12 बजकर 36 मिनट पर होगा। गणेश भगवान की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 07 मिनट से शुरू होगा और दोपहर 1 बजकर 46 मिनट पर खत्म होगा। चंद्रोदय रात 8 बजकर 59 मिनट पर होगा। यह भी पढ़ें: 13 वर्षीय रिधम के सामने कार चालक ने मां और बहन को कुचला, लौट रहे थे घर

कौन से बन रहे योग?

विनायक चतुर्थी व्रत के दिन 3 शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन रवि योग, सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं। विनायक चतुर्थी पर रवि योग सुबह 7 बजकर 52 मिनट से अगले दिन सुबह 5 बजकर 31 मिनट तक है। वहीं, सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 5 बजकर 30 मिनट से सुबह 7 बजकर 52 मिनट तक है। जबकि, अश्लेषा नक्षत्र व्रत के सुबह 7 बजकर 52 मिनट तक है। उसके बाद से मघा नक्षत्र होगा।

क्या है विनायक चतुर्थी का महत्व?

शास्त्रों के अनुसार, विनायक चतुर्थी का व्रत करने से ज्ञान, बुद्धि और धैर्य का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही जीवन के हर मोड़ पर सफलता मिलती है। मान्यता के अनुसार, व्रत वाले दिन भगवान गणेश को लाल रंग के पुष्प, दूर्वा, पान, मोदक, सुपारी और मोतीचूर के लड्डू चढ़ाकर पूजा करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरा होती है। यह भी पढ़ें: किराए के कमरे में रहती थी ज्योति, निगल लिया ज.हर, पसरा मातम इसके अलावा सब काम सिद्ध होते हैं। घर में सुख-समृद्धि का वास होता है और जीवन में आने वाली परेशानियों से छुटकारा मिलता है।

क्या है विनायक चुतर्थी की पूजा विधि?

  • विनायक चतुर्थी व्रत वाले दिन पर सुबह जल्दी उठकर भगवान गणेश की पूजा करें।
  • लाल रंग के कपड़े पहनें।
  • उगते सूर्य को तांबे के लोटे से अर्घ्य दें और व्रत का संकल्प लें।
  • भगवान गणपति के मंदिर में एक जटा वाला नारियल और मोदक प्रसाद के रूप में लेकर जाएं।
  • भगवान गणेश की प्रतिमा को ताजे फूलों से सजाएं और दूर्वा अर्पण करें।
  • ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का 27 बार जाप करें और धूप दीप अर्पित करें।
  • दोपहर को पूजन के समय अपने घर में अपनी सामर्थ्य के अनुसार पीतल, तांबा, मिट्टी और सोने या चांदी से निर्मित गणेश प्रतिमा स्थापित करें।
  • संकल्प के बाद पूजन कर श्री गणेश की आरती करें और मोदक बच्चों को बाट दें।

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