शिमला। रामायण में रावण को एक खलनायक के रूप में देखा जाता है। जिसे अन्याय और अधर्म का प्रतीक माना गया है। हालाँकि, यह जानकर आश्चर्य होता है कि भारत में कई ऐसे मंदिर हैं जहां रावण की पूजा की जाती है। लंका का राजा रह चुके रावण की उपासना का यह पहलू उसकी अनेकता और धार्मिक विविधता को दर्शाता है। चलिए, भारत के प्रमुख रावण मंदिरों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
बैजनाथ, हिमाचल प्रदेश
बैजनाथ मंदिर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित है और यह भगवान शिव का एक प्रमुख ज्योतिर्लिंग है। इसके पीछे की पौराणिक कथा के अनुसार, रावण ने इस स्थान पर भगवान शिव की भक्ति की थी। ऐसा माना जाता है कि जब रावण अपने हाथों में शिवलिंग लेकर लंका की ओर बढ़ा तब देवताओं ने उसे रोकने के लिए चालाकी से उससे कहा कि शिवलिंग को वहीं स्थापित करने के लिए।
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रावण की तमाम कोशिशों के बावजूद शिवलिंग अपनी जगह से नहीं हिला। यह घटना रावण की भक्ति और शिव के प्रति उसके श्रद्धा को दर्शाती है, और इस प्रकार, बैजनाथ मंदिर का महत्व और भी बढ़ जाता है।
कानपुर, उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के कानपुर में रावण का एक अद्वितीय मंदिर है, जो केवल दशहरा के दिन खुलता है। इस दिन यहां रावण की पूजा विधिपूर्वक की जाती है। भक्त रावण की मूर्ति को दूध से नहलाते हैं और विशेष श्रृंगार करते हैं। यह उत्सव इसलिए भी खास है क्योंकि इसी दिन राम ने रावण को मोक्ष दिया था। इस अनोखी परंपरा के कारण कानपुर में रावण की पूजा एक विशेष महत्व रखती है। यहां की संस्कृति में यह पूजा सिर्फ एक उत्सव नहीं, बल्कि श्रद्धा का प्रतीक है।
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बिसरख, उत्तर प्रदेश
ग्रेटर नोएडा के पास बिसरख गांव को रावण का जन्मस्थान माना जाता है। यहां की पौराणिक कथा के अनुसार, रावण ने यहां अपने पिता ऋषि विश्वास के साथ शिवलिंग की पूजा की थी। हाल में हुई खुदाई में इसी शिवलिंग को खोजा गया, जो रावण और उसके पिता द्वारा पूजा किया गया था। इस मंदिर में रावण की मूर्ति भी स्थापित है, और यहां के लोग रावण के प्रति श्रद्धा रखते हैं। इस स्थान पर रावण का पुतला जलाने की परंपरा नहीं है, जो इस जगह की अद्वितीयता को और भी बढ़ाती है।
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मंडोर, राजस्थान
राजस्थान के मंडोर में रावण का एक विशेष मंदिर है, जिसे स्थानीय लोग अपना दामाद मानते हैं। मान्यता है कि मंडोर वह जगह है, जहां रावण और उसकी पत्नी मंदोदरी का विवाह हुआ था। यहां विवाह समारोह के दौरान रावण की पूजा की जाती है।
मंदिर के पास रावण और मंदोदरी की शादी की जगह का खंडहर भी देखा जा सकता है जो इस पौराणिक कथा को जीवित रखता है। मंडोर का यह रावण मंदिर विशेष अवसरों पर महत्वपूर्ण होता है और स्थानीय लोग इसे अपनी सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मानते हैं।
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मंदसौर, मध्य प्रदेश
मंदसौर शहर में रावण की 35 फीट ऊंची मूर्ति स्थापित है, जो रावण के भक्तों के लिए एक पवित्र स्थान है। यह मूर्ति खानपुर क्षेत्र में स्थित है और यहां के लोग रावण को एक महाशक्ति के रूप में मानते हैं। मंदसौर के आसपास मेघनाद को समर्पित एक और मंदिर है, जो रावण के अजेय पुत्र को श्रद्धांजलि देता है। इस क्षेत्र में रावण की उपासना का यह अनूठा रूप इसे अन्य स्थानों से अलग बनाता है।
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विदिशा, मध्य प्रदेश
विदिशा में रावण का मंदिर है, जहां लोग मानते हैं कि रानी मंदोदरी इस स्थान की मूल निवासी थीं। यहां रावण की 10 फीट लंबी लेटी हुई मूर्ति की पूजा की जाती है। विशेष रूप से, कन्याकुब्ज ब्राह्मण समुदाय के लोग शादी जैसे अवसरों पर इस मंदिर में आकर रावण का आशीर्वाद लेते हैं। विदिशा में रावण की पूजा न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है, जहां लोग रावण को एक सशक्त प्रतीक के रूप में मानते हैं।