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August 8, 2024

नाग पंचमी का व्रत कब? एक क्लिक में जानिए नियम, महत्व और पूजा विधि

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नई दिल्ली। हिंदू धर्म में कई देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की जाती है। इन दिनों सावन का महीने का चल रहा है। सावन में नाग पंचमी का पर्व बेहज उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार सावन के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन पड़ता है। इस दिन नाग देवता की पूजा-अर्चना और व्रत करने का विधान है। मान्यता है कि व्रत वाले दिन नाग देवता की पूजा-अर्चना करने से साधक के सभी कष्ट दूर होते हैं। साथ ही मन को शांति मिलती हैं और जीवन की परेशानियों से मुक्ति मिलती है। यह भी पढ़ें: हिमाचल: होटल में चल रहे देह व्यापार का भंडाफोड़, आधा दर्जन लड़कियां रेस्क्यू

कब है नाग पंचमी?

इस साल सावन की नाग पंचमी का व्रत 9 अगस्त यानी कल मध्य रात्रि 12 बजकर 36 मिनट पर शुरू होगा। इस समापन 10 अगस्त को देर रात 3 बजकर 14 मिनट पर होगा। उदय तिथि के आधार पर नाग पंचमी का त्योहार 9 अगस्त को मनाया जाएगा।

क्या है नाग पंचमी का महत्व?

पौराणिक काल से ही हिंदू धर्म में सर्पों को देवता के रूप में पूजने की परंपरा चली आ रही है। नाग पंचमी के दिन नाग पूजन का अत्यधिक महत्व है। माना जाता है कि नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने वाले व्यक्ति को सांप के डसने का डर खत्म हो हो जाता है। यह भी पढ़ें: मायके में रह रही पत्नी को मिलने बुलाया, फिर उसके सामने नदी में कूद गया पति

राहु-केतु दोषों से मिलता है छुटकारा

नाग पंचमी के दिन सर्पों को दूध से स्नान, पूजन और दूध पिलाने से अक्षय-पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन घर के प्रवेश द्वार पर नाग चित्र बनाने की भी परंपरा है। मान्यता है कि ऐसा करने से घर नाग-कृपा से सुरक्षित रहता है। साथ ही मंदिर में चांदी के नाग और नागिन को दूध का अभिषेक करने से राहु और केतु से संबंधित दोषों से छुटकारा मिलता है।

क्या है पूजन सामग्री?

नाग पंचमी के दिन पूजा करते समय अनुष्ठान को सही तरीके से पूरा करने के लिए सभी जरूरी सामग्री का होना बेहद जरूरी है। जैसे- चांदी, लाल मिट्टी, गाय के गोबर, दूध, मीठा, फल,फूल, दालें, लकड़ी या पत्थर से बनी सांप की तस्वीर या मूर्ति या सांप की पेंटिंग, हल्दी का पेस्ट, कपूर, अंकुरित अनाज और धूपबत्ती।

क्या है नाग पंचमी पूजा विधि?

नाग पंचमी की पूजा करने के लिए सबसे पहले मंदिर में छवियों और मूर्तियों को पवित्र दूध से स्नान करवाएं। फिर हल्दी के लेप और सिंदूर से सजाएं और धूपबत्ती चढ़ाएं। इसके बाद भक्तों को अंकुरित अनाज, मिठाई और फल जैसी सभी विशेष चीजें चढ़ाएं। यह भी पढ़ें: 23 साल की रचना- एक साल पहले बनी थी दुल्हन, आज अर्थी सजाने को ना घर बचा ना गांव

नाग पंचमी के दिन क्या करें?

  • नाग पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान करने के बाद पूजा करें।
  • मंदिर में चांदी के नाग और नागिन का दूध से अभिषेक करें।
  • नाग देवता और शिवलिंग पर पीतल से बने पात्र से दूध अर्पित करें।
  • चांदी के नाग और नागिन का दान करें- ऐसा करने से कार्यों में आ रही बाधाएं दूर होती हैं। साथ ही कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।
  • पूजा के दौरान नाग देवता को दूध अर्पित करें- ऐसा करने से डर दूर होता है और परिवार में सुख-शांति आती है।
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नाग पंचमी के दिन क्या ना करें?

  • नाग देवता और शिवलिंग पर अभिषेक करने के लिए तांबे के धातु से बने पात्र का इस्तेमाल ना करें।
  • नुकीली चीजों का इस्तेमाल ना करें दूर रहें- ऐसा करना हानिकारक साबित हो सकता है। इससे नाग देवता क्रोधित भी हो सकते हैं।
  • जमीन पर हल चलाने से बचना सबसे अच्छा है। दरअसल, मिट्टी के नीचे रहने वाले सांपों को नुकसान पहुंच सकता है।
  • पेड़ों को काटने से परहेज करें। जैसा कि हम जानते हैं कि सांप अक्सर पेड़ों पर अपना घर बनाते हैं। पेड़ काटने से उनके आवास नष्ट हो सकते हैं।
  • जंगली सांपों को पकड़ने से बचें।

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