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October 17, 2024

कार्तिक मास शुरू, एक क्लिक में देखिए सभी व्रत और त्योहारों का केलेंडर

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शिमला। देवभूमि हिमाचल में हर त्योहार काफी धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाया जाता है। हिंदू धर्म में हर व्रत और त्योहार को लेकर लोग काफी उत्साहित रहते हैं। हाल ही में शारदीय नवरात्रि खत्म हुए हैं। वहीं, लोग करवाचौथ, दीपावली व भाई दूज जैसे बड़े त्योहारों की तैयारियों में जुट गए हैं।

कार्तिक मास का हुआ शुभारंभ

आपको बता दें कि बीते कल शरद पूर्णिमा थी। हिंदू केलेंडर का आठवां महीना कार्तिक मास का शरद पूर्णिमा के अगले दिन से होता है। यानी आज से कार्तिक मास शुरू हो गया है। कार्तिक महीना को भगवान विष्णु का पसंदीदा महीना माना जाता है। यह भी पढ़ें : हिमाचल के 4 छात्रों को मिला सालाना 50 लाख का पैकेज- गूगल से आया नौकरी का ऑफर

क्यों खास है कार्तिक मास?

कार्तिक महीने के दौरान पवित्र नदियों में स्नान का बड़ा महत्व है। मान्यता है कि कार्तिक स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है और पुण्य की प्राप्ति होती है।

क्या है शुभ मुहूर्त?

हर साल कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से लेकर कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि तक होता है। इस साल प्रतिपदा तिथि की शुरुआत बीते कल शाम 4 बजकर 55 मिनट से हुई थी- जो कि आज दोपहर 1 बजकर 15 मिनट पर खत्म होगी। यह भी पढ़ें : हिमाचल : काम से घर लौट रहे थे चार दोस्त, खाई में गिर गई स्कॉर्पियो हालांकि, उदयातिथि के आधार पर कार्तिक मास का शुभारंभ आज से हो रहा है। आज कार्तिक मास के पहले दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 6 बजकर 24 मिनट से शुरू होगा और दोपहर 1 बजकर 26 मिनट पर खत्म होगा।

कब खत्म होगा कार्तिक मास?

इस साल कार्तिक पूर्णिमा का शुभारंभ 15 नवंबर को होगा। कार्तिक पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 15 नवंबर को सुबह 6 बजकर 19 मिनट पर होगी। जबकि, इसका समापन 16 नवंबर को सुबह 2 बजकर 58 मिनट पर होगा। यह भी पढ़ें : हिमाचल : पड़ोसी ने 9 वर्षीय बच्ची के साथ किया था मुंह काला, अब हुआ अरेस्ट

व्रत और त्योहार का केलेंडर

व्रत और त्योहारों की सूची यहां देखें-
  • 20 अक्टूबर (रविवार)- करवाचौथ
  • 21 अक्टूबर (सोमवार)- रोहिणी व्रत
  • 24 अक्टूबर (वीरवार)- अहोई अष्टमी
  • 28 अक्टूबर (सोमवार)- रमा एकादशी
  • 29 अक्टूबर (मंगलवार)- धनतेरस, भौम प्रदोष व्रत, धन्वंतिर जयंती
  • 31 अक्टूबर (वीरवार)- दिवाली, लक्ष्मी पूजा
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  • 1 नवंबर (शुक्रवार)- कार्तिक अमावस्या
  • 2 नवंबर (शनिवार)- गोवर्धन पूजा, अन्नकूट
  • 3 नवंबर (रविवार)- भाई दूज
  • 7 नवंबर (वीरवार)- छठ पूजा
  • 12 नवंबर (मंगलवार)- देवउठनी एकादशी
  • 13 नवंबर (बुधवार)- तुलसी विवाह
  • 14 नवंबर (गुरुवार)- वैकुंठ चतुर्दशी
  • 15 नवंबर (शुक्रवार)- कार्तिक पूर्णिमा, देव दिवाली, गुरु नानक जयंती
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किन बातों का रखें ध्यान?

कार्तिक मास में कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए। जैसे कि-
  • सुर्योदय से पहले उठकर स्नान करें- ऐसा करना बहुत पुणयदायी माना जाता है। इसे कार्तिक स्नान कहते हैं।
  • शारीरिक और मानसिक शुद्धता रखें- मन को शांत और शुद्ध रखें।
  • अशुद्ध विचारों से बचें- गुस्सा, ईर्ष्या, अहंकार जैसी भावनाओं से दूर रहें।
  • मांसाहार और नशे से परहेज करें- सिर्फ सात्विक आहार का सेवन करें।
  • अपनी वाणी को संयमित रखें- किसी की निंदा या अपमान ना करें।
  • अहिंसा का पालन करें- किसी प्राणी को कष्ट ना पहुंचाएं।
  • तुलसी का अपमान ना करें- तुलसी माता की पूजा करें और तुलसी के पत्ते ना तोड़ें।
  • फिजलू खर्ची से बचें- कार्तिक मास आत्मनियंत्रण और आत्मसंयम का समय माना जाता है।
  • दान और पुण्य करें- गायों की सेवा करें।
  • पवित्र स्थलों की यात्रा करें- पवित्र नदियों में स्नान करें।
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करवा चौथ की तैयारियों में जुटी महिलाएं

हर साल करवा चौथ कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी 20 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 45 मिनट पर शुरू होगी और 21 अक्टूबर को सुबह 4 बजकर 16 मिनट पर खत्म होगी। यानी करवा चौथ को सिर्फ एक ही दिन बाकी है। करवा चौथ को लेकर महिलाएं काफी उत्साहित हैं। करवा चौथ के पर्व के लिए महिलाएं बाजारों से कपड़ों, गहनों और श्रृंगार के सामान की खूब खरीददारी कर रही हैं। इतना ही नहीं करवा चौथ के दिन सजने-संवरने के लिए महिलाओं ने ब्यूटी पार्लर्स में एडवांस बुकिंग कर रखी है। यह भी पढ़ें : हिमाचल : पत्नी ने कर दिया पति के साथ 'खेला' - पति ने पुलिस से लगाई मदद की गुहार

सरगी खाने का समय

करवा चौथ का व्रत शुरू करने से पहले सरगी खाने की परंपरा है। करवा चौथ के व्रत वाले दिन सूर्योदय से करीब दो घंटे पहले तक महिलाएं सरगी खा सकती हैं। इस साल सरगी खाने का ब्रह्म मुहूर्त 4 बजकर 25 मिनट तक होगा।

व्रत खोलने का समय

करवा चौथ के दिन चंद्रोदय के बाद महिलाएं अपने व्रत खोल सकती हैं। इस दिन-
  • पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 46 मिनट से लेकर 7 बजकर दो मिनट तक रहेगा।
  • जबकि, शाम को 7 बजकर 54 मिनट पर चंद्रोदय हो जाएगा।

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