#धर्म
August 31, 2025
हिमाचल की इस बावड़ी का पानी है अमृत, नहाने भर से मिलता है संतान सुख- चर्म रोग भी होता है छूमंतर
दूर-दूर से संतान प्राप्ति के लिए आते हैं लोग
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कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में एक ऐसी बावड़ी है जहां महिलाएं नहाने भर से प्रेग्नेंट हो जाती हैं। इसके पीछे की वजह एक ऋषि का श्राप है जिन्होंने क्रोध में आकर कहा था कि इस बावड़ी में नहाने से अविवाहित महिलाएं भी मां बन जाएंगी।
कांगड़ा पंचरुखी से महज 3 किलोमीटर दूर अगोजर गांव में अगोजर मंदिर है। इस मंदिर के आंगन में एक रहस्यमय बावड़ी है। इस बावड़ी में नहाने भर से महिलाएं प्रेग्नेंट हो जाती हैं। इस दिव्य धाम में सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
कहते हैं कि एक ऋषि के श्राप के कारण इस बावड़ी का पानी अमृत बन गया था। इस बावड़ी में स्नान करने से ना केवल महिलाएं प्रेग्नेंट होती हैं बल्कि मान्यता है कि यहां स्नान करने से चर्म रोग भी दूर हो जाता है।
इस स्थान से जुड़ी कथा के अनुसार वर्षों पहले एक ऋषि इस बावड़ी में छिपकर कठोर साधना कर रहे थे। इसके कारण स्वर्ग में बैठे देवताओं को लगा कि अगर ऋषि की तपस्या सफल हो गई तो वे देवलोक के राजा बन जाएंगे।
ऐसे में देवराज इंद्र ने ऋषि की तपस्या भंग करने के लिए अप्सराओं को उनके पास भेजा। फिर अप्सराओं ने नृत्य-गान किया और उसी बावड़ी में स्नान करने लगीं- जिससे ऋषि की तपस्या भंग हुई और वे क्रोधित हो उठे।
फिर ऋषि ने श्राप दिया कि यहां नहाने से अप्सराएं अविवाहित होकर भी गर्भवती हो जाएं। यह सुनकर देवलोक में हड़कंप मच गया। फिर देवताओं ने जब क्षमा याचना की, तब ऋषि शांत हुए और बोले-“जो इस बावड़ी में स्नान करके मंदिर में पूजा करेगा, उसे चर्म रोगों से मुक्ति मिलेगी और निसंतान महिलाओं को संतान सुख प्राप्त होगा।”
तब से ही इस बावड़ी का पानी अमृत तुल्य माना जाने लगा और आज भी हजारों महिलाएं इस जल में स्नान कर आस्था के साथ संतान सुख की कामना करती हैं। आसपास के लोग इसे “अच्छर कुंड” भी कहते हैं और हर मंगलवार और रविवार को यहां भारी भीड़ इकठ्ठा होती है।
वहीं, मई और जून के महीने में जब यहां विशेष मेले लगते हैं तो दूर-दूर से श्रद्धालु स्नान करने पहुंचते हैं और अपनी मनोकामनाएं पूरी होने की प्रार्थना करते हैं।