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September 5, 2024

गणेश चतुर्थी कब : जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और नियम

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नई दिल्ली। हिंदू धर्म में पूजा-पाठ और व्रत को बहुत महत्व दिया जाता है। हर व्रत किसी ना किसी भगवान को समर्पित है। हिंदू धर्म में में गणेश चतुर्थी को बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है। हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। भादो मास में गणेश चुतर्थी से अनंत चतुर्थी तक भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है। भाद्रपद मास भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस महीने में भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करना बहुत फलदायी माना जाता है। यह भी पढ़ें: हिमाचल : मनरेगा पर जा रही थी 6 महिलाएं, पलट गई पिकअप जीप

कब है गणेश चतुर्थी?

उदया तिथि के अनुसार, इस साल गणेश चतुर्थी का शुभारंभ 7 सितंबर, शनिवार से होगा। इसी दिन गणेश भगवान की प्रतिमा की स्थापना होगी और व्रत रखा जाएगा। जबकि, गणेश विसर्जन 17 सितंबर, मंगलवार को अनंत चतुर्दशी के दिन होगा।

मूर्ती स्थापना का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, 7 सितंबर को गणेश चतुर्थी की पूजा और मूर्ति स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 3 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। मूर्ति स्थापना का शुभ मुहूर्त 2 घंटे 31 मिनट तक रहेगा।

क्या है पूजा की विधी?

स्नान और शुद्धिकरण- सबसे पहले, स्नान कर शुद्ध कपड़े पहनें। पूजा स्थल और मूर्ति को स्थापित करने के स्थान की अच्छी तरह से सफाई करें। पूजा के लिए पूर्व या उत्तर दिशा का चयन करें, जो पवित्र मानी जाती है। भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना- भगवान गणेश की मिट्टी, धातु, या किसी अन्य पवित्र सामग्री से बनी मूर्ति लें। एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर मूर्ति को स्थापित करें। मूर्ति के चारों ओर फूलों की माला और चावल (अक्षत) रखें। कलश स्थापना- पूजा स्थल के पास एक कलश स्थापित करें। कलश में जल, सुपारी, हल्दी, दूर्वा और कुछ सिक्के डालें। इसे भगवान गणेश की उपस्थिति के रूप में माना जाता है। यह भी पढ़ें: हिमाचल : स्कूली बच्चा मस्ती में फुला रहा था गुब्बारा, गले में फंसा- हालत नाजुकट आवाहन (आमंत्रण) और आसन- भगवान गणेश का ध्यान कर उन्हें पूजा में आमंत्रित करें। "ॐ गण गणपतये नमः" का उच्चारण करते हुए भगवान को आसन अर्पित करें। स्नान और वस्त्र अर्पण- गणेश जी की मूर्ति को जल, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) और शुद्ध जल से स्नान कराएं। स्नान के बाद उन्हें साफ वस्त्र और यज्ञोपवीत (जनेऊ) अर्पित करें। सिंदूर और दूर्वा चढ़ाएं- भगवान गणेश को सिंदूर चढ़ाएं और दूर्वा घास अर्पित करें। दूर्वा भगवान गणेश को विशेष रूप से प्रिय होती है। फूल और प्रसाद चढ़ाएं- लाल और पीले फूल भगवान गणेश को अर्पित करें। भगवान गणेश को मोदक, लड्डू या उनकी पसंदीदा मिठाइयाँ चढ़ाएं। इसके साथ ही फल भी अर्पित करें। धूप, दीप, और नैवेद्य अर्पण- धूप और दीप जलाकर भगवान गणेश की आरती करें। भगवान के समक्ष मिठाई और फल का नैवेद्य अर्पित करें। यह भी पढ़ें: हिमाचल शर्मसार: बाजार से किया बच्ची को अगवा, फिर किया गलत काम गणेश मंत्रों और स्तुति का जाप- भगवान गणेश की आराधना के लिए उनके मंत्रों का जाप करें। "ॐ गण गणपतये नमः" या "वक्रतुंड महाकाय" का कम से कम 108 बार जाप करें। गणेश चालीसा और गणेश स्तोत्र का पाठ करना भी शुभ माना जाता है। आरती और प्रसाद वितरण- गणेश जी की आरती गाएं और पूरे परिवार के साथ आरती करें। आरती के बाद सभी को प्रसाद वितरित करें और भगवान से सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें।

गणेश चतुर्थी पर करें ये काम-

भगवान गणेश की मूर्ति स्थापना और पूजा:
  • गणेश चतुर्थी पर सबसे पहले भगवान गणेश की मूर्ति घर में स्थापित करें। मूर्ति स्थापना का समय शुभ मुहूर्त देखकर किया जाना चाहिए।
  • स्थापना के बाद मूर्ति की विधिपूर्वक पूजा करें। भगवान गणेश को स्नान कराएं, फिर उन्हें वस्त्र पहनाएं और सिंदूर चढ़ाएं।
  • भगवान गणेश को दुर्वा घास, लाल फूल, मोदक, और लड्डू चढ़ाएं। यह भगवान गणेश के प्रिय चीज़ें मानी जाती हैं।
व्रत और नियमों का पालन:
  • गणेश चतुर्थी पर व्रत रखने से भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त होता है। व्रत के दौरान अन्न न खाकर फल और जल का सेवन किया जा सकता है।
  • व्रत के दौरान संयमित और सात्विक आहार लेना चाहिए।
विघ्नहर्ता गणेश के मंत्रों का जाप:
  • गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश के मंत्रों का जाप करना शुभ होता है। विशेष रूप से "ॐ गण गणपतये नमः" और "वक्रतुंड महाकाय" का जाप करने से विघ्न और बाधाएं दूर होती हैं।
  • गणेश चालीसा और गणेश स्तोत्र का पाठ करना भी लाभकारी होता है।
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दर्शन और विसर्जन:
  • गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की मूर्ति का दर्शन और आरती करना शुभ माना जाता है।
  • यदि घर में मूर्ति स्थापित की है, तो गणेश चतुर्थी के बाद अगले 1.5, 3, 5, 7, 9 या 11 दिनों में गणेश विसर्जन किया जाता है। विसर्जन के समय भगवान से घर की सुख-शांति और समृद्धि की प्रार्थना करनी चाहिए।
दान और गरीबों की मदद:
  • इस दिन जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और अन्य सामग्री दान करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं। इससे पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में समृद्धि और खुशहाली आती है।

    गणेश चतुर्थी पर ना करें ये काम-

नकारात्मक विचारों से बचें:
  • गणेश चतुर्थी के दिन नकारात्मक विचार, क्रोध, द्वेष और ईर्ष्या जैसी भावनाओं से बचना चाहिए। इस दिन शांति और सकारात्मकता बनाए रखना आवश्यक है ताकि पूजा का पूरा फल मिल सके।
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मांस और मदिरा का सेवन न करें:
  • गणेश चतुर्थी के दिन मांसाहार और मदिरा का सेवन बिल्कुल वर्जित माना जाता है। यह एक पवित्र दिन होता है, इसलिए सात्विक आहार का ही पालन करें।
तोड़-फोड़ और अपवित्र स्थानों पर मूर्ति न रखें:
  • भगवान गणेश की मूर्ति को स्थापित करते समय ध्यान रखें कि यह स्थान साफ-सुथरा और पवित्र हो। मूर्ति को गंदे या अपवित्र स्थान पर नहीं रखना चाहिए।
तुलसी के पत्तों का उपयोग न करें:
  • भगवान गणेश की पूजा में तुलसी के पत्तों का उपयोग नहीं किया जाता। धार्मिक मान्यता के अनुसार, तुलसी और गणेश जी के बीच कोई विशेष पूजा में तुलसी नहीं चढ़ाई जाती है। इसलिए, गणेश चतुर्थी के दिन उनकी पूजा में तुलसी का प्रयोग करने से बचें।
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विसर्जन में अनुचित व्यवहार न करें:
  • गणेश विसर्जन के समय शांति और अनुशासन बनाए रखें। इस दौरान किसी तरह का अनुचित व्यवहार, शोर-शराबा या अव्यवस्थित गतिविधियों से बचें। भगवान गणेश के विसर्जन के समय भी उनकी मर्यादा और सम्मान बनाए रखें।
अधूरी पूजा न करें:
  • गणेश चतुर्थी के दिन पूजा को अधूरा न छोड़ें। एक बार जब पूजा शुरू कर दी जाए, तो उसे विधिपूर्वक पूरा करें। इसके बाद ही अन्य कार्यों में लगें। अधूरी पूजा भगवान गणेश की कृपा को प्राप्त करने में बाधा बन सकती है।
अज्ञानी या असावधान तरीके से मूर्ति विसर्जित न करें:
  • विसर्जन करते समय ध्यान रखें कि मूर्ति को सही ढंग से और ध्यानपूर्वक विसर्जित करें। मूर्ति को किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए और विसर्जन की प्रक्रिया के दौरान पर्यावरण का भी ध्यान रखना चाहिए।

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