शिमला। हिमाचल प्रदेश को देवी-देवताओं की भूमि कहा जाता है। यहां के लोगों में देवी-देवताओं के प्रति आस्था गहरी और प्राचीन है। यहां के लोग धार्मिक रीति-रिवाजों और परंपराओं को बहुत मानते हैं। हर गांव और कस्बे में देवी-देवताओं के मंदिर स्थित हैं- जहां लोग अपनी श्रद्धा और विश्वास के साथ पूजा करते हैं।
भक्तों की लगती हैं अदालत
आज हम आपको हिमाचल की एक ऐसी देवी के बारे में बताएंगे- जिनके दरबार में भक्तों की अदालत लगती है और दोषी को उसी वक्त सजा सुनाई जाती है।
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सबसे अमीर और शक्तिशाली देवी
हम बात कर रहे हैं हिमाचल की देवी मां चण्डिका कोठी की। किन्नौर जिले के कोठी गांव में विराजने वाली देवी मां चण्डिका कोठी का नाम किन्नौर की सबसे अमीर व सबसे शक्तिशाली देवियों में शुमार है। देवी मां ने अपने चमत्कार से धंसते हुए गांव को बचा लिया था।
चमत्कार से बचाया गांव
देवी मां चण्डिका कोठी ने अपने चमत्कार से धंसते हुए गांव को बचाया था। साथ ही अपने क्षेत्र में कई सड़के बनवाई हैं और कई स्कूल भी खुलवाएं हैं।
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मां देवी कोठी को माता आदि शक्ति दुर्गा का रूप माना जाता है- जिनके रथ पर लगे सभी मोहरे सोने के हैं। लोग बताते हैं कि जब साल 2013 में किन्नौर जिला का रिकांगपिओ शहर पूरी तरह से धंसने लगा था और स्थानीय लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हो गए थे। तब देवी मां चंडिका के दरबार में एक विशाल यज्ञ का आयोजन हुआ और लोगों में ऐसी मान्यता है कि माता रानी ने उनके शहर को धंसने से बचा लिया।
चलता है देवी का अपना कानून
वहीं, आज भी इन देवी मां के क्षेत्र में उनका अपना कानून चलता है। मां चंडिका साल में 3 से 4 बार अपने प्रजाक्षेत्र का इंस्पेक्शन करने निकलती हैं और कोई भी गलती पकड़े जाने पर सरकारी अधिकारियों से लेकर स्थानीय लोगों तक की मौके पर ही पेशी लगवाती हैं। साथ में दोषी को उसी वक्त सजा भी सुना दी जाती है।
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देवी ने दिया लाखाों का दान
कई गरीबों को लाखों का दान देने और उनकी पेंशन तक लगाने वाली इन माता रानी ने विभागों में बुलावा भेजकर अपने क्षेत्र में कई सड़कें भी बनवाई हैं और तो और कोठी गांव का स्कूल भी माता रानी की ही देन है।