सिरमौर। हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर की चूड़धार चोटी पर स्थित शिरगुल महाराज के मंदिर में हुए ऐतिहासिक शांत महायज्ञ में हजारों की संख्या में लोग पहुंचे। यह धार्मिक अनुष्ठान करीब 52 साल बाद किया गया। इस दौरान चूड़धार चोटी में हर तरफ जयकारों की गूंज सुनाई दी।
चूड़धार चोटी पर उमड़ा आस्था का सैलाब
चूड़धार मंदिर का जीर्णोद्धार पिछले 20-22 वर्षों से किया जा रहा है और अब इसका निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। कल मंदिर पर कुरूड़ चढ़ाए गए। इस पावन अनुष्ठान के करीब 27 हजार श्रद्धालु साक्षी बने। इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि चूड़धार चोटी पर इतने श्रद्धालु पर पहुंचे।
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5 क्विंटल फूलों से सजाया था मंदिर
वहीं, शांत महायज्ञ शुरू होने से पहले कई देवों की पालकियां चूड़धार चोटी पर पहुंच गई थीं। मंदिर को सजाने के लिए पांच क्विंटल फूल मंगवाए गए थे, जिन पर लगभग 1,25,000 रुपये खर्च किए गए हैं।
बुरी शक्तियां होती हैं नष्ट
आपको बता दें कि चोटी पर लोगोंं ने मंत्रोच्चारण किया और लिंबर लगाया। मान्यता है कि ऐसा करने से दिव्य शक्ति बढ़ जाती हैं और क्षेत्र में फैली बुरी शक्तियां नष्ट हो जाती हैं।
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शांत महायज्ञ होता है बहुत खास
शांत महायज्ञ का महत्व बेहद खास है। यह तब आयोजित किया जाता है जब देवी के विकराल रूप को शांत करने के लिए शिव भगवान ने उनके रास्ते में लेटकर उन्हें अपनी भूल का एहसास कराया था। शांत महायज्ञ हर 12 साल में आयोजित किया जाता है और इसका संचालन खूंद जाति की बहादुर शाखा द्वारा किया जाता है।