शिमला। हिमाचल प्रदेश में बीते कुछ दिनों से दिवाली की तैयारियों की धूम मची हुई है। बाजारों में कपड़े, गहनें, पटाखे व अन्य चीजें खरीदने वाले लोगों की काफी भीड़ देखने को मिल रही है। आज छोटी दिवाली व नरक चतुर्दशी है। हिंदू धर्म में दिवाली से पहले धनतेरस और छोटी दिवाली मनाई जाती है।
आज मनाई जाएगी छोटी दिवाली
छोटी दिवाली का त्योहार यमराज को समर्पित होता है। इसे नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। ये त्योहार दिवाली की तरह रात के समय में ही मनाया जाता है। इस दिन लोगों द्वारा बड़ी दिवाली का शुभांरभ किया जाता है।
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आज अपने इस लेख में हम आपको छोटी दिवाली के महत्व, नियम पूजा के शुभ मुहूर्त और छोटी दिवाली से जुड़ी कथा के बारे में बताएंगे।
यम के नाम का दीपक
छोटी दिवाली के अवसर पर आज लोग अपने घरों के बाहर यम के नाम के दीपक जलाएंगे। मान्यता है कि ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि उनके परिवार के किसी सदस्य को अकाल मृत्यु का डर ना सताए।
कब शुरू होगी नरक चतुर्दशी?
नरक चतुर्दशी आज दोपहर 1 बजकर 16 मिनट से शुरू हो जाएगी और इसका समापन कल दोपहर यानी अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 53 मिनट पर होगा। घर के बाहर दीपक जलाने का शुभ मुहूर्त 5 बजकर 30 मिनट से शाम 7 बजकर 20 मिनट तक रहेगा।
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क्यों मनाई जाती है छोटी दिवाली?
छोटी दिवाली व नरक चतुर्दशी का मुख्य उद्देश्य बुराई पर अच्छाई की विजय का जश्न मनाना है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अत्याचारी असुर नरकासुर का वध किया था, जिससे लोगों को उसके आतंक से मुक्ति मिली। इसी खुशी में लोग छोटी दिवाली के दिन दीप जलाकर बुराई पर अच्छाई की जीत का उत्सव मनाते हैं।
छोटी दिवाली का महत्व
छोटी दिवाली न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसे सकारात्मकता और आशा का प्रतीक भी माना जाता है। यह दिन हमारे जीवन से अंधकार, आलस्य और नकारात्मकता को दूर करने का संदेश देता है- जो कि दीपावली के मुख्य दिन की तैयारी के रूप में भी देखा जाता है।
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छोटी दिवाली के नियम
- सूर्योदय से पहले उबटन लगाकर स्नान करना शुभ माना जाता है। इसे "अभ्यंग स्नान" कहते हैं- जो कि शरीर और मन की शुद्धि का प्रतीक है।
- घरों और आसपास के स्थानों पर दीप जलाए जाते हैं- जिनका उद्देश्य नकारात्मक शक्तियों को दूर करना और घर में समृद्धि लाना होता है।
- यमराज की पूजा का विशेष महत्व होता है ताकि परिवार में अकाल मृत्यु ना हो और सभी स्वस्थ एवं सुरक्षित रहें।
- विभिन्न प्रकार की मिठाइयां और पकवान बनाकर परिवार और दोस्तों के साथ साझा किए जाते हैं।
किस दिशा में जलाएं दीपक?
नरक चतुर्दशी के दिन सूर्यास्त के बाद यम के दीपक जलाने का भी विशेष प्रावधान है। ये दीपक घर के मुख्य द्वार पर ऐसे जलाना चाहिए। एक चौमुखी दीपक या कोई सामान्य दीपक लेकर उसमें सरसों का तेल भरें। फिर उसमें चारों दिशाओं की ओर चार बत्तियां लगाएं और दीपक जलाकर अपने घर के अंदर-बाहर चारों दिशाओं में घुमाएं। इसके बाद दीपक को घर के प्रवेश द्वार के बाहर या किसी बहते पानी के पास रखे दें।