शिमला। हिमाचल प्रदेश में देवी-देवताओं के प्रति आस्था गहरी और प्राचीन है। यहां के लोग धार्मिक रीति-रिवाजों और परंपराओं को बहुत मानते हैं। हर गांव और कस्बे में देवी-देवताओं के मंदिर स्थित हैं, जहां लोग अपनी श्रद्धा और विश्वास के साथ पूजा करते हैं। आज हम आपको हिमाचल के एक ऐसे देवता के बारे में बताएंगे- जिनके नए साल पर जन्मदिन मनाया जाता है।
देवता साहिब चत्तरखंड पंचीवर का जन्मदिन
हम बात कर रहे हैं देवता साहिब चत्तरखंड पंचीवर की। देवता साहिब चत्तरखंड पंचवीर का जन्मदिन हर साल 1 जनवरी को मनाया जाता है। इस बार भी 1 जनवरी यानी कल देवता साहिब चत्तरखंड पंचवीर का जन्मदिन बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा।
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न्याय के देवता चत्तरखंड पंचवीर
आपको बता दें कि चत्तरखंड पंचवीर हिमाचल के इकलौते ऐसे देवता हैं- जिनका जन्मदिन मनाया जाता है। न्याय के देवता कहलाए जाने वाले देवता साहिब चत्तरखंड पंचवीर को कंछीन वैली के आराध्य देव के रूप में पूजा जाता है। लोग इन्हें कोर्ट कचहरी से जुड़े मामलों का देव मानते हैं।
नहीं करते किसी को भी निराश
कहा जाता है कि देवता साहिब का जो भी भक्त न्याय की गुहार लेकर उनके पास पहुंचता है- उसे कभी भी निराश होकर नहीं लौटना पड़ता है। इसके अलावा नौकरी को लेकर मांगी गई मन्नत भी इन देवता साहिब के दरबार में पूरी हो जाती है।
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दोनों देवताओं का भाईचारा
वहीं, इन देवता साहिब के रथ में एक नहीं बल्कि दो देवता यानी देवता चत्तरखंड और देवता पंचवीर एक साथ विराजमान होते हैं। लोगों का कहना है कि इन दोनों देवताओं का भाईचारा पौराणिक काल से है।
देवता साहिब के जन्मदिन को लेकर मंदिर कमेटी के कारदार बताते हैं कि करीब चार सौ साल पहले उनके पूर्वजों ने जब देवता का मोहरा रथ में स्थापित किया था, उस दिन अठारह पोश यानी एक जनवरी का दिन था। तभी से देवता साहिब का जन्मदिन उसी तारीख को मनाया जाता है।
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पुजारी द्वारा लोहे का बामन
न्याय के देवता चत्तरखंड पंचवीर के जन्मदिन के अवसर पर जन्मदिन के अवसर पर रामपुर के ब्रांदली गांव में बने भव्य मंदिर में हजारों श्रद्धालु इकट्ठे होते हैं। देवता के पुजारी लोहे की रॉड को अपने चेहरे से आर-पार करता है और फिर जन्मदिन का जश्न शुरू हो जाता है।