सोलन। हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार में कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह इन दिनों चर्चा में बने हुए हैं। उन्होंने हाल ही में हिमाचल में रेहड़ी फड़ी वालों की पहचान सुनिश्चित करने की बात कही थी। जिसके बाद यह बयान पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया। कुछ लोग इसे यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मॉडल से तुलना कर रहे हैं। जबकि कुछ इसे प्रदेश के हित में लिया गया बेहतर निर्णय मान रहे हैं।
कांग्रेस पार्टी हाईकमान बना चुकी है दूरी
हालांकि, इस बयान से कांग्रेस पार्टी हाईकमान और सरकार दोनों ने दूरी बना ली है। बावजूद इसके सुक्खू सरकार में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने विक्रमादित्य का समर्थन किया है। विक्रमादित्य सिंह ने शहरी विकास विभाग और नगर निगम शिमला की एक बैठक में यह निर्देश दिए थे कि रेहड़ी फड़ी वालों की फ़ोटो सहित पहचान सुनिश्चित हो। जिसके बाद प्रदेश के साथ-साथ देशभर में यह मुद्दा गर्मा गया है।
यह भी पढ़ें : सरकार जल्द करवाएगी प्री-नर्सरी टीचर्स की भर्ती, जानिए कहां पहुंची फाइल
सोलन में बोले स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल
इसी के बीच आज सोलन दौरे पर पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने विक्रमादित्य सिंह के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि वह स्वंय भी सुरक्षा के पक्षधर हैं। उन्होंने कहा, "यह मुद्दा सुरक्षा से जुड़ा है, और प्रदेश को सुरक्षित रखने के लिए यह आवश्यक है कि हम यह जानें कि कौन कहां से आ रहा है और उसकी मंशा क्या है। प्रदेश में सुरक्षा को बनाए रखने के लिए हमें अपनी पहचान को मजबूती से कायम रखना होगा।"
यह भी पढ़ें: हिमाचल में एक और धोखाधड़ी- इस बार सैनिक की पत्नी को बनाया शिकार
पहचान सुनिश्चित होने से होगा सबको लाभ
बहरहाल, रेहड़ी फड़ी वालों की पहचान सुनिश्चित होने न केवल उन्हें बल्कि आम जनता को भी इससे कई लाभ हो सकते हैं। पहचान सुनिश्चित होने से यह स्पष्ट होगा कि कौन व्यक्ति कहां से आ रहा है। जिससे असामाजिक तत्वों और अपराधियों की पहचान करना और सुरक्षा सुनिश्चित करना आसान हो जाता है।
यह भी पढ़ें: हिमाचल : कार में छुपाकर ले जा रहे थे चरस की बड़ी खेप, दो यार हुए अरेस्ट
इससे शहर-कस्बों की व्यवस्था में सुधार की संभावना अधिक होगी। साथ ही रेहड़ी फड़ी वालों की संख्या और स्थान को नियंत्रित किया जा सकता है। जिससे यातायात और पैदल यात्रियों के लिए जगह बनती है और अव्यवस्था कम होती है।