शिमला। हिमाचल की राजधानी शिमला में इस समय मस्जिद मामला गरमाया हुआ है। हिंदू संगठनों के प्रदर्शन और उन पर किए लाठी चार्ज से संजौली सहित पूरे शिमला शहर में माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। हिंदू संगठनों का आरोप है कि संजौली मस्जिद अवैध तरीके से बनाई गई है। अब इस पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के दो मंत्रियों ने बड़ा खुलासा कर दिया है।
संजौली मस्जिद अवैध निर्माण को भाजपा ने की फंडिंग
दरअसल सीएम सुक्खू के दो मंत्रियों ने खुलासा किया है कि संजौली में बनी अवैध मस्जिद निर्माण के लिए पूर्व की भाजपा सरकार ने फंडिंग की थी। खुद पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने लाखों रुपए मस्जिद निर्माण को दिए थे। दोनों मंत्रियों के इस बयान के बाद अब पहले से तनाव में चल रही शिमला की राजनीति में अब घमासान मचने के आसार हैं।
जयराम ठाकुर ने की थी 12 लाख रुपए की मदद
गुरुवार दोपहर बाद मंत्री विक्रमादित्य सिंह और मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि पूर्व की जयराम सरकार ने साल 2019 में मस्जिद निर्माण के लिए करीब दो लाख रुपए की फंडिंग की थी। यह पैसा सरकार के प्लानिंग हेड से दिया गया था। यही नहीं मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा है कि सूचना यह भी है कि जयराम ठाकुर ने सीएम रहते हुए 12 लाख रुपए मस्जिद निर्माण में मदद के रूप में दिए थे।
अब तक संजौली मस्जिद मामले में क्या क्या हुआ
- 30 अगस्त को शुरू दो समुदाय के युवको के बीच हुई मारपीट के बाद उपजा था विवाद
- लोगों ने अवैध तरीके से शिमला में रह रहे मुस्लिम लोगांे के खिलाफ मांगी थी कार्रवाई
- संजौली मस्जिद के बाहर हिंदू संगठनों और लोगों ने किया था प्रदर्शन
- 5 सितंबर को नगर निगम कमिश्नर कोर्ट में अवैध मस्जिद को लेकर कोई फैसला ना आने के बाद भड़के थे हिंदू संगठन
- हिंदू संगठनों ने 11 सिंतबर को चलो संजौली का किया था आह्वान
- बुधवार को संजौली में चप्पे चप्पे पर था पुलिस का पहरा
- बुधवार को हिंदू संगठनों सहित सैंकड़ों लोगांे ने किया संजौली में प्रदर्शन
- प्रदर्शनकारियों को काबू करने के लिए पुलिस ने पानी की बौंछारों के बाद कर दिया लाठीचार्ज
- पुलिस ने 500 लोगों के खिलाफ दर्ज की एफआईआर
- शिमला व्यापार मंडल ने गुरुवार को बंद रखे बाजार
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मस्जिद अवैध निर्माण के लिए पूर्व की जयराम सरकार दोषी
दोनों मंत्रियों ने बताया कि विधानसभा के मानसून सत्र में एमसी की तरफ से दिए गए जवाव के अनुसार मस्जिद में पहले एक मंजिल ही बनी थी। लेकिन 2010 से लेकर 2024 तक एक के ऊपर एक अवैध तरीके से चार मंजिला का निर्माण कर दिया गया। दोनों मंत्रियों ने कहा कि इस अवैध निर्माण में पूर्व की भाजपा सरकार का भी हाथ है। भाजपा सरकार की शह पर ही अवैध निर्माण होता रहा।
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मस्जिद कमेटी का फैसला काफी सराहनीय
वहीं दोनों मंत्रियों ने आज मस्जिद कमेटी की ओर से नगर निगम कमिश्नर से मुलाकात कर अवैध मस्जिद को सील करने और इजाजत मिलने पर खुद मस्जिद के अवैध हिस्से को गिराने की सराहना की है। दोनों मंत्रियांे ने मस्जिद कमेटी के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह फैसला पूरे देश में एक मिसाल पैदा करेगा।
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सरकार सांप्रदायिक सौहार्द्र बनाए रखने के कर रही प्रयास
वहीं विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि संजौली में हुए घटनाक्रम को सरकार ने गंभीरता से लिया है। प्रदेश सरकार यहां के माहौल को ठीक करने का प्रयास कर रही है। प्रदेश में शांति और सांप्रदायिक सौहार्द्र बना रहे, इसके प्रयास किए जा रहे हैं। शिमला शहर के सौहार्द को बनाए रखने में संजौली मस्जिद कमेटी का फैसला काफी सराहनीय है।
विक्रमादित्य ने भारद्वाज का पुराना पत्र किया पोस्ट
बता दें कि संजौली मस्जिद विवाद पर लगातार सुक्खू सरकार को घेर रही भाजपा खुद ही फंसती हुई नजर आ रही है। विक्रमादित्य सिंह ने पूर्व की जयराम सरकार में मंत्री रहे सुरेश भारद्वाज का एक पुराना पत्र पोस्ट किया है। जिसमें वह संजौली मस्जिद के इमाम केा बदलने की पैरवी कर रहे हैं।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि पूर्व में मंत्री रहे सुरेश भारद्वाज का घर संजौली मस्जिद से चंद कदम दूर है। उनकी नाक के नीचे अवैध निर्माण होता रहा और उन्हें इसकी भनक नहीं थी। जयराम सरकार में भी मस्जिद की अवैध मंजिलें बनी हैं। सुरेश भारद्वाज ने तो मस्जिद के इमाम को बदलने के लिए अपना डीओ नोट भी जारी किया था और वक्क बोर्ड को ये पत्र लिखा था। सुरेश भारद्वाज ने इमाम के बारे में शिकायत की थी कि उन्हें धर्म और नमाज के बारे में जानकारी नहीं है। अब विक्रमादित्य सिंह ने भी सुरेश भारद्वाज का डीओ नोट शेयर किया है।
क्या कह रहे मस्जिद कमेटी के सदस्य
- आज मस्जिद कमेटी ने नगर निगम आयुक्त केा सौंपा ज्ञापन
- मस्जिद कमेटी के सदस्यों ने मस्जिद के अवैध हिस्से को सील करने की अपील की
- मस्जिद कमेटी के सदस्यों ने इजाजत मिलने पर खुद मस्जिद के अवैध हिस्से को गिराने की रखी मांग