शिमला। हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद सीएम सुक्खू का व्यवस्था परिवर्तन का नारा उनके अपने मंत्रियों पर भी सटीक बैठता है। सरकार के पास मंत्रियों के लिए 12 कोठियां (सरकारी आवास) हैं। लेकिन इनमें से कुछ पर सीपीएस ने कब्जा कर लिया है। जिसके चलते सीएम सुक्खू के मंत्रियों को अब विधायकों के कमरों में रहना पड़ रहा है। ऐसे में सरकार के मंत्री भी सुक्खू के व्यवस्था परिवर्तन के नारे का दंश झेलते हुए नजर आ रहे हैं।
सरकार बनने के 16 माह बाद भी नहीं मिले सरकारी आवास
हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बने करीब 16 माह का समय हो गया है, लेकिन सुक्खू सरकार के कैबिनेट मंत्रियों को अभी तक सरकारी आवास नहीं मिल पाए हैं। कैबिनेट मंत्रियों के इन सरकारी आवासों पर सुक्खू के चहते सीपीएस ने कब्जा जमा लिया है। जिसके लिए सुक्खू सरकार के दो कैबिनेट मंत्रियों को अब अधिकारियों के आवास में रहने को कहा गया है।
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सुक्खू सरकार ने बनाए थे छह सीपीएस
मिली जानकारी के अनुसार हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल के मुख्यमंत्री बने। इसके अलावा मुकेश अग्निहोत्री को उपमुख्यमंत्री बनाने के साथ ही सात विधायकों को मंत्री बनाया गया। सत्ता संभालने के बाद अपने खास विधायकों को एडजस्ट करने के इरादे से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने छह विधायकों को सीपीएस बना दिया।
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दो मंत्रियों को नहीं मिली कोठियां
सरकार में मंत्री और सीपीएस की नियुक्ति के बाद जब मंत्रियों को कोठियां आबंटन का समय आया तो सात मंत्रियों के अलावा कुछ सीपीएस को भी मंत्रियों की कोठियां अलॉट कर दी गई। ऐसे में सरकार के मंत्रियों के लिए बनी कोठियों पर सीपीएस ने कब्जा जमा लिया।
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जब सुक्खू सरकार ने सत्ता में आने के एक साल बाद दो नए मंत्री यादवेंद्र गोमा और राजेश धर्माण को मत्री बनाया गया, तो उन्हें देने के लिए सरकारी कोठियां ही नहीं बची थी।
दोनों मत्रियों ने अधिकारियों के आवास में रहने से किया मना
ऐसे में अब सरकार इस असमंजस की स्थिति में पहुंच गई है कि किस सीपीएस की कोठी खाली करवाई जाए और उसे मंत्रियों को दिया जाए। मौजूदा समय तक तो इन दोनों ही मंत्रियों को अधिकारियों के टाइप फाइव आवास में रहने को कहा गया है। लेकिन बताय जा रहा इन मंत्रियों ने अधिकारियों के आवास में रहने से मना कर दिया है।
सरकार के पास है 12 कोठियां
बता दें कि हिमाचल में सरकार की तरफ से मंत्रियों के लिए 12 कोठियां बनाई गई हैं। यादविंद्र गोमा और राजेश धर्माणी के अलावा अन्य मंत्रियों को कोठियां मिल गई हैं। लेकिन इन दोनों की कोठियों पर सीपीएस ने कब्जा किया हुआ है। जिसके चलते यह दोनों ही मंत्री पिछले पांच माह से पहले ही तरह अब भी विधानसभा की ओर से आवंटित विधायकों के कमरों में ही रह रहे हैं।