शिमला। हिमाचल प्रदेश पर हर माह कर्ज का बोझ बढ़ रहा है। प्रदेश की सुक्खू सरकार को कभी विकास तो कभी कर्मचारियों और पेंशनरों को वेतन और पेंशन देने के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है। इस सब के बीच अब हिमाचल में प्राकृतिक आपदा आ गई है।
ऐसे में लोगों को राहत बांटने के लिए भी सुक्खू सरकार को कर्ज लेना पड़ रहा है। सुक्खू सरकार हिमाचल में आई प्राकृतिक आपदा के बीच अब नया कर्ज लेने जा रही है। सुक्खू सरकार पूरा एक हजार करोड़ का कर्ज ले रही है।
एक हजार करोड़ का कर्ज ले रही सुक्खू सरकार
पहले से कर्ज में डूबे हिमाचल पर अब एक हजार करोड़ का और कर्ज चढ़ जाएगा। कांग्रेस सरकार ने अगस्त माह शुरू होते ही एक हजार करोड़ के कर्ज के लिए आवेदन भी कर दिया है और इसकी सारी औपचारिकताएं पूरी कर अधिसूचना जारी कर दी हैं। यह कर्ज दो किश्तों में हिमाचल सरकार को मिलेगा।
कर्ज से सरकारी कर्मचारियों को मिल सकती है DA की किश्त
सूत्रों की मानें तो इस एक हजार करोड़ के कर्ज से ही सुक्खू सरकार जहां आपदा में लोगों को राहत बांटेगी। वहीं 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकारी इम्पलॉयज के लिए DA की एक किश्त का तोहफा दे सकती हैं।
580 करोड़ रुपए पड़ेगा अतिरिक्त बोझ
बता दें कि, हिमाचल प्रदेश के लिए 2024 दिसंबर माह तक 6200 करोड़ रुपए की लोन लिमिट स्वीकृत है। जिसमें से अबतक सरकार 4400 करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है।
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इस बीच अगर सरकार DA की 4 प्रतिशत की किश्त का तोहफा देती है तो इससे 580 करोड़ रुपए अतिरिक्त बोझ सरकार के खजाने पर आएगा। जबकि प्रदेश सरकार के पास इन चार महीनों के लिए 1800 करोड़ रुपए ही शेष लिमिट बची है।
अबतक 86 हजार करोड़ रुपए से भी अधिक हो गया है कर्ज
बहरहाल, वित्त विभाग ने एक हजार करोड़ रुपए के लोन को दो किश्तों में लेने को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दी है। माना जा रहा है कि, ऐसी परिस्थितियों में सरकार कर्मचारियों को संशोधित वेतनमान का एरियर नहीं दे पाएगी।
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एक हजार करोड़ रुपए का कर्ज इसी सप्ताह दो किश्तों में हिमाचल सरकार को मिल जाएगा। मौजूद समय में हिमाचल सरकार पर कुल कर्ज 86 हजार करोड़ रुपए से भी अधिक हो गया है। जो कि 2025 मार्च महीने तक 94 हजार करोड़ तक पहुंचने के आसार हैं जताए जा रहे हैं।