शिमला। हिमाचल पर हर साल हजारों करोड़ का कर्ज चढ़ रहा है। प्रदेश की आमदनी 25 पैसे और खर्चा एक रूपया वाली हालत हो गई है। प्रदेश की इस माली हालत को सुधारने के लिए सुक्खू सरकार लगातार प्रयास कर रही है, लेकिन यह प्रयास नाकाफी हैं। ऐसे में सरकार के खाली खजाने को भरने और प्रदेश में हो रही फिजूलखर्ची को रोकने के लिए सुख की सरकार ने रिसोर्स मोबिलाइजेशन का सहारा लेने जा रही है।
डिप्टी सीएम की अध्यक्षता में बनाई कमेटी
प्रदेश की सुक्खू सरकार ने डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री अध्यक्षता में रिसोर्स मोबिलाइजेशन कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी प्रदेश में आर्थिक संसाधन जुटाने और प्रदेश के बिगड़े आर्थिक हालातों को सुधारने पर काम करेगी। इस कमेटी के मुखिया मुकेश अग्निहोत्री होंगे। जबकि मंत्री चंद्र कुमार, हर्षवर्धन चौहान, राजेश धर्माणी कमेटी के सदस्य बनाए गए हैं।
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वीरभद्र सरकार के समय भी बनी थी ऐसी ही कमेटी
बता दें कि इससे पहले वीरभद्र सिंह की सरकार के समय में भी इस तरह की कमेटी बनाई गई थी। जिसका अध्यक्ष विद्या स्टोक्स को बनाया गया था। लेकिन उस दौरान कमेटी ने क्या सिफारिशें की थी और उन पर कितना अमल हुआ, इसका खुलासा नहीं हुआ था। बड़ी बात यह है कि विद्या स्टोक्स की अध्यक्षता में बनी कमेटी में मुकेश अग्निहोत्री और हर्षवर्धन चौहान भी शामिल थे। अब ऐसी ही कमेटी सीएम सुक्खू की सरकार ने बनाई है।
भाजपा का आरोप रेवड़ियों की तरह बांटे कैबिनेट रैंक
वहीं प्रदेश की बिगड़ती आर्थिक स्थिति के लिए भाजपा ने सुक्खू सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। भाजपा का आरोप है कि सुक्खू सरकार ने रेवड़ियों की तरह अपने चहेतों को खुश करने के लिए मनमाने तरीके से कैबिनेट रैंक बांट दिए।
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वहीं छह छह सीपीएस बना दिए। मौजूदा समय में सुक्खू सरकार ने सीएम के मीडिया सलाहकार, राजनीतिक सलाहकार से लेकर विधायकों भवानी पठानिया, नंदलाल, आरएस बाली को कैबिनेट रैंक है।
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कैबिनेट रैंक में आता है काफी सारा खर्च
जयराम ठाकुर ने कहा कि एक कैबिनेट रैंक का सरकार पर कितना अतिरिक्त बोझ पड़ता है, यह सुक्खू सरकार भली भांती जानती है, बावजूद इसके रेवड़ियों की तरह कैबिनेट रैंक बांटे गए। जयराम ठाकुर ने कहा कि कैबिनेट रैंक का खर्च काफी अधिक होता है। इसमें गाड़ी, मकान, ऑफिस, स्टाफ का खर्च शामिल है। यदि कैबिनेट रैंक ना दिए जाएं तो ये खर्च बच सकता है। पूर्व में भी विद्या स्टोक्स वाली कमेटी ने मितव्यता अपनाने से जुड़े सुझाव दिए थे।