शिमला। हिमाचल प्रदेश की सुक्खू कैबिनेट के सरकारी स्कूलों में पीरियड आधार पर गेस्ट-टीचर भर्ती के फैसले पर शिक्षित बेरोजगारों ने नाराजगी जाहिर की है। बेरोजगार युवाओं ने सुक्खू सरकार के इस फैसले पर कड़ा रोष व्यक्त किया है और प्रदर्शन करने का फैसला लिया है।
सुक्खू सरकार की शिक्षकवीर भर्ती
प्रशिक्षित बेरोजगार संघ ने 19 दिसंबर को तपोवन में विधानसभा का घेराव करने का ऐलान किया है। प्रशिक्षित बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बालकृष्ण ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले सेना में अग्निवीर भर्ती योजना लाकर युवाओं के साथ धोखा किया। अब हिमाचल की सुक्खू सरकार शिक्षक वीर भर्ती करके युवाओं को ठगने का काम कर रही है।
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लाइब्रेरी में बूढ़ा हो रहा बेरोजगार
बालकृष्ण ने कहा कि हिमाचल का आठ लाख से ज्यादा युवा रेगुलर नौकरी पाने के लिए लाइब्रेरी में दिन-रात पढ़ाई कर रहा है। उधर, सुक्खू सरकार रेगुलर नौकरी देने की बजाय आउटसोर्स माध्य से नौकरियां बांट कर युवाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है। प्रदेश का युवा पक्की नौकरी की मांग कर रहा है ना कि पार्ट टाइम नौकरी की।
भाई-भतीजावाद से हो रही भर्तियां
बालकृष्ण ने बताया कि कोर्ट ने भी कई बार सरकार को कमीशन के माध्यम से रेगुलर टीचर भर्ती करने के आदेश दिए हैं। मगर किसी भी सरकार ने कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया। सरकारें भाई-भतीजावाद के आधार पर भर्तियां किए जा रही है। उन्होंने कहा कि वो अपने हक के लिए लड़ाई लड़ेंगे और युवाओं के साथ धोखा नहीं होने देंगे।
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गेस्ट टीचर पॉलिसी को मंजूरी
आपको बता दें कि CM सुक्खू की अध्यक्षता में बीते कल हुई कैबिनेट मीटिंग में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। कैबिनेट बैठक में जहां कई विभागों में नौकरियों का पिटारा खोला गया, वहीं गेस्ट टीचर पॉलिसी को भी मंजूरी प्रदान की गई है।इसके अनुसार जिन सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी होगी, वहां पर गेस्ट टीचर रखे जाएंगे। यह गेस्ट टीचर पीरियड आधार पर रखे जाएंगे और उन्हें प्रति पीरियड के पैसे दिए जाएंगे।
पीरियड आधार पर मिलेंगे पैसे
गेस्ट टीचर पॉलिसी के तहत अगले साल 2025-26 से भर्तियां शुरू करने का निर्णय लिया गया। प्राइमरी स्कूलों में गेस्ट टीचर को 200 रुपए प्रति पीरियड, अपर-प्राइमरी में 250 रुपए, हायर स्कूलों में 400 रुपए और सेकेंडरी स्कूलों में 550 रुपए प्रति पीरियड के हिसाब से पैसे दिए जाएंगे। सरकार का दावा है कि इस फैसले से प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों की कमी खत्म होगी और बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं होगी।