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September 27, 2024

सुक्खू सरकार ने पहली तारीख को वेतन-पेंशन देने का कर लिया इंतजाम- एरियर भी मिलेगा!

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शिमला। हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को अक्टूबर महीने की पहली तारीख का बेसब्री से इंतजार है।वित्त विभाग ने वेतन, पेंशन और 75 वर्ष से अधिक आयु वाले पेंशनर्स के 50% एरियर के भुगतान पर चर्चा की है। सवाल उठता है कि क्या सरकार इतनी बड़ी रकम लगभग 2000 करोड़ रुपए और एरियर का भुगतान पहली तारीख को कर पाएगी?

वेतन और पेंशन की मनेजमेंट

वित्त विभाग के प्रधान सचिव देवेश कुमार फ्रांस दौरे से लौटने के बाद खजाने की स्थिति पर चर्चा करने के लिए अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में लगभग 2000 करोड़ रुपए जुटाने की संभावनाओं पर विचार हुआ। यह भी पढ़ें: हिमाचल : घर से पैसे कमाने आया था अनिल, परिजनों को मिली ऐसी खबर सितंबर में राज्य सरकार ने 700 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। जबकि, राज्य के अपने कर और गैर-कर राजस्व से 1200 करोड़ रुपए मिले थे। इसके अलावा केंद्रीय करों की हिस्सेदारी से 740 करोड़ रुपए प्राप्त हुए थे। रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट के रूप में 520 करोड़ रुपए मिले थे। जो कुल मिलाकर 3160 करोड़ रुपए बनते हैं।

एरियर मिलने की भी उम्मीद

वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए ट्रेजरी में 700 करोड़ रुपए से अधिक के ओवरड्राफ्ट की गुंजाइश भी है। हालांकि 5 और 10 सितंबर को वेतन और पेंशन के रूप में पहले ही 2000 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। सरकारी कामकाज के लिए भी पैसे की जरूरत है। मगर खजाने में अब भी पर्याप्त धनराशि होने की उम्मीद है। यह भी पढ़ें: हिमाचल : अस्पताल जा रही महिला से 3 युवकों ने की गंदी हरकत, शोर मचाने पर पीटा ऐसे में पहली तारीख को वेतन और पेंशन के साथ एरियर भी मिलने की उम्मीद है। वित्तीय स्थितियों का अंतिम आंकलन 30 सितंबर को होगा। लेकिन अब उम्मीद जताई जा रही है कि पहली तारीख को वेतन और पेंशन का भुगतान हो जाएगा।

वित्तीय संकट और गहरा होने की संभावना

प्रदेश में कर्ज का संकट कोई नई बात नहीं है। राज्य की सीमित आर्थिक संसाधनों के कारण पिछले एक दशक से सरकार कर्ज लेकर ही काम चला रही है। राज्य में सवा दो लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी और लगभग पौने दो लाख पेंशनभोगी हैं। जिनके वेतन और पेंशन का मासिक खर्च 2000 करोड़ रुपए है। यह भी पढ़ें: HRTC बस और बाइक में जोरदार टक्कर, बुझ गया एक घर का चिराग राज्य सरकार बाहरी वित्त पोषित परियोजनाओं और केंद्रीय सहायता पर निर्भर है। वर्तमान में राज्य का कर्ज लगभग 90 हजार करोड़ रुपए तक पहुंचने वाला है। जिससे वित्तीय संकट और गहरा होने की संभावना है।

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