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September 6, 2024

डिप्टी CM के विभाग पर विजिलेंस की दबिश, जांच शुरू; एक-एक फाइल खंगाल रहे अफ़सर

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शिमला: उप मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश सरकार मुकेश अग्निहोत्री के विभाग पर भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद अब जांच की प्रक्रिया शुरू हो गई है. दरअसल, मुकेश अग्निहोत्री ही जल शक्ति विभाग के मंत्री हैं और पिछले एक साल में मंडल कार्यालय बग्गी से जारी हुए सभी टेंडर जांच के दायरे में आ गए हैं.

क्या है पूरा मामला :

बता दें कि राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो शिमला को एक शिकायत प्राप्त हुई थी. शिकायतकर्ता थे सुंदरनगर के एक ठेकेदार जिन्होंने जल शक्ति विभाग मंडल कार्यालय बग्गी में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. शिकायत में बीते वित्तीय वर्ष में निविदा प्रक्रिया और बजटीय आवंटन पर प्रश्नचिन्ह लगाए थे। यह भी पढ़ें: हिमाचल- पोलियो के शिकार होने के बाद भी नहीं छोड़ा जज़्बा, अब मिला बड़ा सम्मान शिकायतकर्ता ने विभाग के कई वरीय अधिकारीयों पर भी संगीन आरोप लगाए थे. जिसमें कहा गया था कि विभागीय अधिकारियों ने चुनिंदा ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों को ताक पर रख कर कार्य किए. आरोप लगने के बाद विभाग की पूरे प्रदेश में किरकिरी हुई.

कहां तक पहुंची जांच :

शिकायत दर्ज होने के बाद जांच की कार्रवाई की जा रही है. एसपी विजिलेंस कुलभूषण वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि: जल शक्ति विभाग के बग्गी डिविजन में अनियमितता होने की शिकायत मिलने पर जांच चल रही है। एक साल में आवंटित किए गए 1,300 से अधिक टेंडरों की जांच की जा रही है. बग्गी मंडल के सभी रिकॉर्ड कब्जे में ले लिया गया है। पता लगाया जा रहा है कि टेंडर नियमानुसार सभी शर्तों को पूरा करते हुए आवंटित हुआ या नहीं? टेंडर आवंटन में किसी तरह की कोई कमी तो नहीं बरती गई है। यह भी पढ़ें: हिमाचल सरकार फिर लेने जा रही 700 करोड़ का लोन, पेंशन चुकाने को नहीं है पैसा

जाँच में करे रहे सहयोग : अधिशाषी अभियंता

गौरतलब है कि विजिलेंस टीम ने बीते शनिवार को ही बग्गी स्थित जल शक्ति विभाग कार्यालय में दबिश देकर जांच की कार्रवाई को अमल में ला रही है. विभागीय कर्मचारियों व अधिकारियों को भी जांच में शामिल किया गया है। जल शक्ति विभाग के अधिशाषी अभियंता हर्ष शर्मा ने बताया कि विजिलेंस जांच में पूर्ण सहयोग किया जा रहा है। पूरी ईमानदारी व नियमों के तहत कार्य किया है। पूरी उम्मीद है कि जांच में सही साबित होंगे। हालांकि विजिलेंस जांच में साफ होगा कि लाभ पहुंचाने की मंशा से टेंडर में कोई गड़बड़ी हुई या नहीं। टीम टेंडर को लेकर अधिशासी अभियंता को कौन-कौन सी शक्तियां प्राप्त हैं, इससे संबंधित सारा रिकॉर्ड भी जुटा रही है।

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