शिमला। हिमाचल में पहले छह सीटों पर विधानसभा उपचुनाव खत्म होने के बाद अब तीन सीटों पर भी मतदान प्रक्रिया पूरी हो गई है, लेकिन राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस से दगा करने वाले पूर्व निर्दलीय विधायकों की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। हमीरपुर सीट से पूर्व में निर्दलीय विधायक रहे और इस बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे आशीष शर्मा के पीछे शिमला पुलिस हाथ धो कर पड़ गई है।
बालूगंज थाना में आशीष से गहन पूछताछ
राज्यसभा चुनाव में कथित खरीद फरोख्त मामले और सरकार गिराने का षड्यंत्र रचने के मामले में शिमला पुलिस ने आशीष शर्मा को थाना में तलब किया। यही नहीं शिमला पुलिस ने आशीष शर्मा को सात घंटे तक थाने में बैठाए रखा और सख्ती से पूछताछ भी की। आशीष शर्मा बीते रोज गुरुवार को दोपहर दो बजे शिमला के बालूगंज पुलिस थाना में हाजिर हुए थे।
सात घंटे तक पूछताछ करती रही पुलिस
आशीष शर्मा से बालूगंज थाने में दोपहर दो बजे से शाम तक गहन पूछताछ की गई। हालांकि आशीष शर्मा से पुलिस की एसआईटी ने इससे पहले भी चुनाव प्रचार के दौरान थाना में बुलाकर पूछताछ की थी, लेकिन पिछले कल घंटों तक लंबी पूछताछ पहली बार की गई है।
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आज चैतन्य शर्मा से पुलिस करेगी पूछताछ
पुलिस ने आज यानी शुक्रवार को पूर्व निर्दलीय विधायक चैतन्य शर्मा को भी पूछताछ के लिए थाना में तलब किया है। उनसे भी एसआईटी आज लंबी पूछताछ कर सकती है।
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चैतन्य शर्मा के अलावा पुलिस की एसआईटी कांग्रेस के चार अन्य बागी व पूर्व विधायकों राजेंद्र राणा, रवि ठाकुर, देवेंद्र कुमार भुट्टो और हरियाणा के पूर्व सीएम के प्रचार सलाहकार तरुण भंडारी, पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी पिता राकेश शर्मा से भी पूछताछ करेगी।
खरीद फरोख्त मामले की चल रही जांच
बता दें कि हमीरपुर से पूर्व विधायक व भाजपा प्रत्याशी आशीष शर्मा और पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा से राज्यसभा चुनाव में खरीद फरोख्त मामले के आरोप लगे हैं। उत्तराखंड में गंगा स्नान सहित भाजपा नेताओं से बैठक की खर्च और भुगतान करने की जानकारी शिमला पुलिस ने जुटाई है। बताया जा रहा है कि कि करीब 30 लाख रुपये का खर्च किया गया है। ट्रैवल एजेंसी की जांच में पुलिस को कई अहम साक्ष्य मिले हैं।
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राज्यसभा चुनाव में बागी हुए थे कांग्रेस के छह विधायक
दरअसल 27 फरवरी को राज्यसभा सांसद के चुनाव में कांग्रेस के छह पूर्व विधायकों ने बागी होकर भाजपा के प्रत्याशी को वोट किया था। वोट के तुरंत बाद ही वह हिमाचल छोड़ कर अन्य राज्यों में कई दिन तक होटलों में रहे और फिर भाजपा ज्वाइन कर ली। उसके बाद ही यह लोग हिमाचल लौटे थे।